निर्माण एजेंसी की मनमानी, 119 करोड़ की सड़क चढ़ रही हैं, भ्रष्टाचार की भेंट

सड़क के अर्थ वर्क और डामरीकरण में अनुपात से कम और घटिया मटेरियल का किया जा रहा है उपयोग
मुरम और पत्थर का अवैध तरीके से किया जा रहा हैं दोहन
निर्माण एजेंसी ने मॉयनिग और पॉल्यूशन विभाग से नहीं ली परमिशन
निर्माण एजेंसी सड़क का अवैध तरीके से कर रही हैं निर्माण
इसके बावजूद भी एमपीआरडीसी विभाग द्वारा बिलों का किया जा रहा है भुगतान
निर्माण एजेंसी पर कटनी में घूसखोरी के मामले में 8 माह पूर्व सीबीआई ने एफआरआई दर्ज कर तीन को हिरासत में लेकर भेजा था जेल एक फरार
बेगमगंज । रायसेन जिले के बेगमगंज से है जहां पर सुल्तानगंज बेगमगंज होते हुए हैदरगढ़ के लिए करीब 46 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण चल रहा है। यह सड़क एमपी आरडीसी विभाग की हैं। यह सड़क 119 करोड़ की लागत से बन रही है। जिसका निर्माण श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। निर्माण एजेंसी द्वारा माइनिंग विभाग, पॉल्यूशन विभाग या राजस्व विभाग से किसी भी प्रकार की कोई परमिशन नहीं ली। इसके बावजूद अवैध तरीके से जगह-जगह वेश कीमती प्राकृतिक संपदा मुरम मिट्टी और पत्थर की खदानें लगाकर दोहन किया जा रहा है। जिससे शासन को राजस्व का नुकसान हो रहा है वही अवैध उत्खनन से जगह-जगह गड्ढे बनते जा रहे हैं।
आपको बता दें निर्माण एजेंसी एक और जहां अवैध तरीके से सड़क का घटिया निर्माण कर रही है। वहीं इस सड़क के निर्माण में जिम्मेदार अधिकारी भी अवैध तरीके से बिल लगवा कर भुगतान करने में नहीं चूक रहे।
निर्माण एजेंसी द्वारा सड़क के अर्थ वर्ग में काली मिट्टी, बड़े-बड़े बौल्डर और पूर्व से सड़क पर लगे हुए डामर की खुदाई करके उसी डामर को सड़क के अर्थ वर्क में बिछाया जा रहा है। इतना ही नहीं सड़क पर एक बूंद पानी का भी अर्थ वर्क में छिड़काव नहीं किया जा रहा और ना अच्छे से मुरम, मिट्टी बोल्डरों को रोलिंग करके दबाया जा रहा। सड़क कमजोर हैं और आए दिन वाहन सड़क की पटरियां धसने से दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं।
यह सड़क बेगमगंज तहसील की जीवन दाहिनी कहीं जाने वाली मुख्य सड़क है इस सड़क से करीब 60 गांव जुड़ते हैं। और यह सड़क दो बार पूर्व में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी चुकी हैं वही तीसरी बार यह सड़क जिम्मेदारों की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ने जा रही हैं।
जानकारी के अनुसार निर्माण एजेंसी पर 8 माह पूर्व कटनी शहर में रेलवे का ओवर ब्रिज निर्माण में अनिमिताएं की गई थी। ओवर ब्रिज निर्माण के भुगतान में अड़चन आने पर एक रेलवे अधिकारी को बिल पास करवाने के लिए घूस देते समय सीबीआई ने निर्माण एजेंसी के जनरल मैनेजर राम सजीवन पाल बिलिंग मैनेजर नारायण दास और रेलवे के अधिकारी को धर दामोचा था। जिन्हे सीबीआई ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वही इसी मामले में श्रीजी इंफ्रास्ट्रक्चर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर प्रणव प्रताप सिंह के पिता ज्ञानेंद्र सिंह आज भी फरार चल रहे हैं।