मध्य प्रदेश

पति ने लगाया आरोप: डॉक्टर और नसों की लापरवाही से पत्नी के पेट में मरा बच्चा

जिला अस्पताल का मामला
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन। जिला अस्पताल का बिगड़ा ढर्रा सुधारने का नाम नहीं ले रहा है। इसमें सबसे ज्यादा मामले गायनिक विभाग के लापरवाही बरतने के सामने आते हैं। कभी डॉक्टरों की लापरवाही तो कभी नर्सों की मनमानी और लापरवाही के आरोप जब चाहे लगते रहते हैं। इससे ऐसा लगता है कि अस्पताल प्रबंधन का इस विभाग पर कोई खास नियंत्रण नहीं है। रायसेन शहर के वार्ड नंबर 18 संजय नगर निवासी वाहिद खान ने रायसेन कोतवाली थाने में एक आवेदन देकर जिला अस्पताल की नर्सों और डॉक्टर पर मनमानी और लापरवाही के आरोप लगाए हैं। जिला अस्पताल की नर्सों और महिला डॉक्टर उसकी गर्भवती पत्नी यासमीन के इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं। वाहिद खान ने कहा कि 29 फरवरी को उसने अपनी पत्नी यास्मीन खान को डिलीवरी के लिए प्रसूति प्रसवोत्तर केंद्र में भर्ती कराया था। गायनिक विभाग में पदस्थ नर्सों डॉक्टर ने उसकी पत्नी के इलाज में लापरवाही बरती। समय पर डॉक्टरों नर्सों ने प्रसूता यासमीन खान का प्रसव नहीं कराया। जिससे उसकी पत्नी यासमीन के गर्भ में ही नवजात शिशु की मौत हो गई। कई घंटे गुजर जाने के बाद भी पत्नी के गर्भ का ऑपरेशन कर मृत शिशु को बाहर नहीं निकाला गया ।वाहिद खान ने जिम्मेदार नसों और डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है ।
इस संबंध में जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर अनिल ओढ़ का कहना है कि महिला का ब्लड प्रेशर लगभग 200 के ऊपर था । ऐसी स्थिति में डिलीवरी नहीं हो सकती थी। पहले ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना होता है। यह बात मरीज के परिजनों को डॉक्टरों द्वारा पहले ही अवगत करवा दी गई थी। ब्लड प्रेशर हाई होने की वजह से की बच्चों की पेट में मौत हुई है। इसमें हमारा कोई कसर नहीं है।

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