मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा फर्जी क्लीनिक संचालक अर्जुन राय, ऊंचे दामो में बेचता है दवा
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया
उमरियापान। उमरियापान में फर्जी तरीके से संचालित क्लीनिक का संचालक अर्जुन राय के द्वारा मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ कर रहा है। आश्चर्यजनक यह है कि पिछले वर्ष फर्जी क्लीनिक को तत्कालीन एसडीएम सपना त्रिपाठी ढीमरखेड़ा के द्वारा टीम का गठन किया गया था । जिसमें नायब तहसीलदार सुनीता मिश्रा, तत्कालीन बीएमओ डॉक्टर राजेश केवट एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी के साथ उक्त क्लीनिक में दबिश दी तो फर्जी क्लीनिक का संचालक अर्जुन राय के द्वारा इलाज करता पाया गया। जिसमें नायब तहसीलदार के द्वारा उक्त क्लीनिक का संचालक अर्जुन राय के पास चिकित्सा व्यवस्था से जुड़ी कोई डिग्री नहीं थी जिस कारण से उनका क्लीनिक सील किया गया था । इस स्थिति में क्लीनिक का संचालक नहीं किया जाना था । लेकिन फर्जी तरीके से संचालित क्लीनिक कैसे खोला यह किसी को पता नहीं क्योंकि पूरा प्रशासन मौन है। जन चर्चा का विषय बना हुआ है कि उक्त फर्जी क्लीनिक संचालक नेताओं का संरक्षण प्राप्त है इसलिए तो उक्त फर्जी क्लीनिक मैं बकायदा डॉक्टर अर्जुन राय दवाखाना लिखा हुआ है उक्त फर्जी क्लीनिक में आज भी मरीजों का खुलेआम इलाज किया जा रहा है और प्रशासन मौन है। झोलाछाप डॉक्टर अर्जुन राय ने स्वयं का मेडिकल स्टोर खोल रखा है और मरीजों को ऊंचे दामो में दवा की बिक्री खुलेआम कर रहा है l मरीजों के परिजनों ने बताया कि अर्जुन राय मरीजों का चैकप कर दवा की पर्ची लिखता है वह तो अपने मेडिकल स्टोर से दवा उंचे दामो में दी जाती है l मजेदार बात यह है कि अर्जुन राय जो पर्ची पर दवा लिखता है उसी पर्ची पर दवा का बिल बनाकर पैसा और पर्ची दोनों ले लेता हैl जिससे मरीज दुसरे मेडिकल स्टोर ना जाए l जबकि जिला कलेक्टर प्रियंक मिश्रा का सख्त आदेश है कि जिले में झोलाछाप डॉक्टरों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए लेकिन ढीमरखेड़ा में झोलाछाप डॉक्टरों की बाढ़ सी आ गई इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है । प्रशासन उक्त फर्जी क्लीनिक का संचालन करने वाले अर्जुन राय के ऊपर कोई कार्यवाही नहीं की गई जोकि उसके पास चिकित्सा से जुड़ी कोई डिग्री नहीं है लेकिन प्रशासन क्यों कार्यवाही नहीं कर रहा यह बात आश्चर्यजनक है अतः जिला प्रशासन मांग है कि उक्त फर्जी क्लीनिक का संचालन करने वाले अर्जुन राय के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए जिससे अन्य झोलाछाप डॉक्टरों मैं भी प्रशासन का भय बना रहे।