मध्य प्रदेश

रखे रखे ओपन कैंप में सड़ गया गरीबों का बंटने वाला गेहूं, बोरों में उगने लगे पौधे, दाना काला पड़ा, जिम्मेदारों पर कुछ ज्यादा मेहरबान हो रहे अधिकारी

रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। गरीबों को बंटने के लिए ओपन कैंप में भंडारित गेंहू रखे रखे सड़ने लगा है। जिन जिम्मेदार अफसरों को गरीबों के गेंहू को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी अब वे ही सारे मामले में अनजान बन रहे हैं। 16 महीनों के बीत जाने के बाद फिलहाल हालात यह बने हुए हैं कि यह गेंहू अब इंसानों के खिलाने के लायक नहीं बचा है। नागरिक आपूर्ति कारपोरेशन रायसेन के विभागीय अधिकारियों की लापरवाही मनमानी की वजह से वेयरहाउस और ओपन कैंप में रखा अनाज सड़ गया है। पता चला है कि विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से जिले के ओपन कैंपों में भण्डारित लगभग 18 करोड़ से ज्यादा कीमत का गेंहू बर्बादी की भेंट चढ़ गया है।
जहां हजारों मीट्रिक टन गेंहू सड़ चुका है। अब जिम्मेदार अधिकारी मामले में लीपापोती करने में जुट गए हैं।विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी वर्ष 2020 में समर्थन मूल्य पर 30 हजार मीट्रिक टन गेंहूं खरीदी हुई थी। जो कि विभाग ने बाद में उसे ओपन कैंप और साइलो बैग भंडारित किया गया था।
मार्कफेड और नागरिक खाद्य आपूर्ति कारपोरेशन विभाग के गेंहू रखरखाव की जबावदारी सौंपी गई थी। सिविल सप्लाई कारपोरेशन विभाग के जरिए पिछले दिनों जब दोनों ही विभागों के आला अधिकारी ओपन कैंपों और साइलो बैग में रखे गेंहू का निरीक्षण करने मौके पर पहुंचे। तब गेंहूं भंडारण की हकीकत देखी तो वह दंग रह गए।कहीं गेंहू बोरियों में अंकुरित हो गया तो कहीं पानी में भीगने से सड़ गया।
ओपन कैंप और साइलो बैग के नजारे….
गेंहू की बोरियों से उठ रही थी दुर्गंध।अनाज की बोरियों में उग आए पौधे।अनाज के दाने पड़ गए काले। सुरक्षित बचा अनाज सड़ने की कगार पर।
लापरवाही की यह वजह अधिकारी बने खामोश…..
क्या गेंहू उपार्जन व परिवहन के दौरान बारिश में भीगा हुआ भंडारित किया गया। गेंहू भंडारण के दौरान अनाज रखने सुरक्षा के इंतजाम नहीं किया गया। शराब फैक्ट्रियों के मालिकों को फायदा दिलाने के उद्देश्य से अनाज खंडवा भेजा गया है। सरकारी प्रायवेट गोदाम खाली होने के बाद भी पीडीएस गेंहू को आखिर शिफ्ट क्यों नहीं किया गया। आखिर वह वजह क्या थी।
करोड़ों का गेंहू नुकसान का जिम्मेदार कौन……
सरकार के खजाने से गरीबों का पेट भरने के लिए किसानों से वर्ष 2020 में समर्थन मूल्य पर जिलेभर में गेंहू खरीदा गया था। जिले की कुछ तहसीलों में अनाज भंडारण के सही प्रबन्ध नहीं होने की वजह से ओपन कैंप और साइलो बैगों में भंडारण किया गया था। फिलहाल लापरवाही से गरीबों के अनाज के खराब होने की मुख्य आरोपियों पर अभी तय नहीं हुई है।
इस संबंध में वीके रंगारे डीएम नॉन रायसेन का कहना है कि लंबे समय से अनाज के भंडारण के कारण ऐसी स्थिति बनी थी। मार्कफेड के अधिकारियों को अनाज उठाने के लिए कई पत्र लिखे गए। लगभग16 माह से अनाज ओपन कैंपों साइलो बेग में भंडारित था। ब्लॉक स्तर पर अधिकारियो की जांच टीम स्तर पर अनाज के नुकसान के आंकलन के लिए टीम बनाई गई है।

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