रमजान खुदा की अता का महीना है : मुफ्ती मुस्तफा

ब्यूरो चीफ : शब्बीर अहमद
बेगमगंज । पवित्र माह रमजान का चांद नजर आते ही खुदा उन फरिश्तों को भी वहां से अलग कर देता है जो गुनाहगारों को सजा देने पर मामूर हैं क्योंकि रमजान गुनाहों की बख्शीश और खुदा की अता का महीना है। इस माह में परवरदिगार बेहिसाब गुनाहगारों की मगफिरत फरमाता है। बंदा परवरदिगार से जो मांगता है उसे अता किया जाता है। जो लोग पूरे साल नमाज नहीं पढ़ते लेकिन रमजान का हेतराम करते हुए 7 रोज 10 रोज या पूरे माह की तरावीह पढ़ते हैं अल्लाह खुश होकर उनके गुनाहों को माफ कर देता है।
उक्त बात मरकज मस्जिद में तबलीगी जमात के हफ्ते बारी इज्तिमा के मौके पर राहतगढ़ से तशरीफ लाए मुफ्ती मुस्तफा खां ने कही। उन्होंने लोगों को बताया कि जो लोग भी माहे रमजान का एहतराम करते हैं उसकी कद्र करते हैं वह खुशनसीब हैं। जो लोग 7 दिन 10 दिन में तरावीह में कुरआन सुनने के बाद पूरे माह कुरआन सुनने का एहतमाम करते हैं तो खुदा ईद की रात में फरिश्तों को गवाह बना कर कहता है कि उसका क्या बदला है जिसने रमजान का हक अदा कर दिया तो फरिश्ते कहते हैं कि मजदूर की मजदूरी पूरी पूरी अदा की जाए तो खुदा सबके अगले पिछले गुनाह माफ कर देता है।
मंडी बामोरा से तशरीफ लाए मौलाना यूसुफ खां ने पठान वाली मस्जिद में कयाम के बाद बस्ती के खास खास लोगों से मुलाकात की और माहे रमजान की एक एक लम्हे की कद्र करने की नसीहत करते हुए इस माह में अल्लाह की रहीमी करीमी सत्तारी गफ्फारी और खुदा के ऊरुजे शान के वास्ते से अपनी बख्शिश कराने के लिए रात दिन दुआओं का एहतमाम कर अपने गुनाहों की माफी मांगने का आवाहन किया क्योंकि यह खुदा की अता का महीना है जो मांगो वह अता करता है।