शासन द्वारा निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मंडी प्रांगण में नही हो रही खरीदी, किसानों ने किया हंगामा

एमएसपी को लेकर किसान व्यापारी आमने सामने
ब्यूरो चीफ : संजय द्विवेदी
गैरतगंज। कृषि उपज मंडी प्रांगण में किसानों द्वारा लाई जाने वाली उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक पर बोली लगाने के आदेश शासन स्तर से जारी किए गए है। परन्तु शासन के इन निर्देशों का पालन व्यापारियों द्वारा नही करने के विरोध में सोमवार को कृषि उपज मंडी में जमकर हंगामा हुआ। तथा व्यापारियों एवं किसानों के बीच हुई तकरार के बाद दर्जनों किसानों की उपज की बोली नही लगाई गई। बाद में किसान संगठन ने इस मामले को लेकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा है।
दर्जनों किसानो की उपज की दिनभर नही लगी बोली, राज्यपाल के नाम सौंपा ज्ञापन
मध्यप्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा बीते दिनों एक आदेश जारी किया था कि कृषि उपज मंडी प्रांगणों में विक्रय हेतु लाई गई अधिसूचित कृषि उपज की बोली शासन द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य से ही प्रारंभ की जाएगी। इस आदेश के परिपालन के लिए सभी कृषि उपज मंडियों को आदेशित किया गया है। परन्तु शासन के इस आदेश को गैरतगंज कृषि उपज मंडी के व्यापारियों द्वारा नही माना जा रहा है तथा किसानों की उपज की बोली मनमानी पूर्वक लगाई जा रही है। सोमवार को इसी बात को लेकर व्यापारियों एवं किसानों के हल्की धक्का मुक्की हुई।
इस बीच किसान संगठन ने किसानों ने व्यापारियों पर आरोप लगाते हुए बताया कि व्यापारियों द्वारा मंडी प्रांगण गैरतगंज में एमएसपी पर कोर्ट के आदेश का परिपालन नही किया जा रहा है। जिसके चलते सोमवार को दर्जनों किसानों की उपज नही खरीदी गई। उन्होंने मंडी बोर्ड भोपाल के वर्ष 2021 एवं 2023 के आदेशों का हवाला दिया तो व्यापारियों में मानने से साफ तौर पर इंकार कर दिया। इसके बाद किसान संगठन ने किसानों के साथ मिलकर मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा।
औसत अच्छी किस्म पर ही लगेगी न्यूनतम समर्थन मूल्य की बोली
इस मामले में शासन के निर्देशानुसार औसत अच्छी किस्म एफएक्यू में आने के बाद ही किसान की उपज की बोली न्यूनतम समर्थन मूल्य में बोली लगाने के लिए व्यापारी बाध्य है। इसके लिए शासन द्वारा निर्धारित मापदंड के आधार तय किये गए है। इसके लिए प्रांगण प्रभारी ओर बोलीकर्ता मंडी कर्मचारी के द्वारा कृषि उपज की निर्धारित किस्म से विक्रेता कृषक अथवा क्रेता व्यापारी सहमत नही होते है तो उस स्थिति में मामले का निराकरण मंडी सचिव द्वारा किया जाएगा जो क्रेता विक्रेता दोनों के लिए मान्य होगा। परन्तु इस प्रक्रिया से गुजरने के लिए गैरतगंज मंडी प्रशासन के पास कोई संसाधन नही है जिससे उपज की एफएक्यू निर्धारित किया जाए। जिसके चलते सोमवार को व्यापारियों एवं किसानों के बीच विरोधभास की स्थिति निर्मित हुई।
रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य
शासन द्वारा रबी फसलों के घोषित समर्थन मूल्यों में गेहूं 2125, जौ 1735, चना 5335, मसूर 6000, सरसों 5450 एवं कुसुम के फूल 5650 रु प्रति कुंटल तय किया गया है इसके नीचे कृषि उपज मंडी प्रांगण में बोली प्रारंभ नही की जा सकती है।
इस संबंध में एसडीएम अभिषेक चौरसिया का कहना है कि व्यवस्थाएं दुरुस्त की जा रही है। शासन के आदेशो के नियमानुसार ही खरीदी की प्रक्रिया की जाएगी।
