धार्मिक

सतभक्ति की शक्ति सभी दुखों का नाश कर देती है: भगवतीप्रसाद

ब्यूरो चीफ : शब्बीर अहमद
बेगमगंज । ग्राम नयानगर सिद्ध क्षेत्र देव ठाकुर बाबा धाम में समस्त ग्रामवासी एवं क्षेत्र वासियों द्वारा आयोजित दिव्य श्रीमद्भागवत सत्संग एवं पंचकुंडीय श्रीराम यज्ञ में दूसरे दिन संदलपुर खातेगांव से पधारे संत भक्त पं.भगवती प्रसाद तिवारी द्वारा दिव्य आत्मरस सत्संग सुनाते हुए, कहा मनुष्य शरीर का उद्देश्य सारे दुःख से सदा सदा के लिए छुटकारा पाना है।इस संसार में प्रत्येक मनुष्य मात्र के जीवन में कोई ना कोई दुःख, विपदा, समस्या आती ही है।इसलिए हर समस्या का समाधान सत्संग, सतज्ञान , सत्कर्मों से होता है। समस्या तो इस पृथ्वी पर श्री राम, श्री कृष्ण, अवतारी महापुरुष को भी सामना करना पड़ा था।सुमरण, सत्कर्म, सेवा से परमात्मा की शक्ति प्राप्त होती है।भोग में क्षणिक सुख, त्याग में अनंत सुख प्राप्त होता है। शुकदेव मुनि जी ने सम्राट परीक्षित जी को कहा संसार में मनुष्य अपनी अज्ञानतावश कामनाओं की पूर्ति ना होने पर दुखी, अशांत, चिंता , भय , शोक में जीवनयापन करता है।अप्राप्त वस्तुओं के चिंतन में जो कुछ प्राप्त मिला हुआ है वह पसंद नहीं आता है ऐसा मकान चाहिए, इतना धन चाहिए , ऐसा परिवार, पति , पत्नी, पुत्र चाहिए, ऐसा भोजन , वस्त्र, गाड़ी चाहिए, अनेक इच्छाओं को लेकर दुखी जीवन बिता रहा है। तो चाहिए सब कुछ अच्छा अच्छा लेकिन परमात्मा के विधान में और आपकी योग्यता, पुरूषार्थ के अनुसार ही मिलता है।तो अब जो कुछ मिला हुआ है वह आपको संतोष नहीं दे रहा है , और जो नहीं मिला है उसको सोच सोच करके जो मिल गया है , सामने है उसका भी तुम्हें सुख नहीं मिल रहा है और परेशान हो रहे हो ,तो होते रहो परेशान ,दुखी ये अपनी अज्ञानतावश हो रहा हे ।आज कोई किसी को कटु , खोटा, बुरा वचन बोल देता है तो कलेजा फट जाता है।अपने को ज्ञानवान बनाने का प्रयास करें तभी हम सब दुखों से बच सकते है।

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