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हाट बाजार में गुड़ ने घोली मिठास : मकर संक्रांति पर्व नजदीक आते ही बाजारों में भी लगे गुड़ के पहाड़

40 से लेकर 60 रुपए तक बिक रहा करेली का गुड़
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन । मकर संक्रांति पर्व नजदीक आते ही शहर में गुड़ की डिमांड बढ़ गई है। हर साल की तरह इस बार भी प्रति रविवार लगने वाले हाट बाजार में बड़ी संख्या में आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के किसान गुड़ लेकर आने लगे हैं। इसके अलावा व्यापारियों ने करेली के गुड़ का स्टॉक किया है। इस बार बाजार में 40 से लेकर 60 रुपए किलो तक गुड़ बेचा जा रहा है।
रायसेन के बाजार सहित जिले के नकतरा, सांचेत, गढ़ी, देवनगर, गैरतगंज, सिलवानी, बेगमगंज, सुल्तानपुर सहित आधा दर्जन ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले गुड़ की अच्छी डिमांड रहती है। इसके अलावा मकर संक्रांति पर्व को देखते हुए व्यापारी बड़ी मात्रा में करेली का गुड़ स्टॉक में रखते हैं। रविवार को हाट बाजार में बड़ी संख्या में शहर के लोग गुड़ और सफेद तिल्ली वकी खरीदारी करने पहुंचे।
व्यापारी नीलेश माहेश्वरी, लोकनाथ साहू ने बताया कि ज्यादातर लोग स्थानीय स्तर पर बनने वाले गुड़ की ज्यादा डिमांड करते हैं। पिछले कुछ सालों तक जिले में बड़े पैमाने पर गुड़ का उत्पादन होता था, लेकिन अब किसानों ने गन्ने की फसल लगाना कम कर दिया है, जिससे गुड़ का उत्पादन भी कम हो गया है। ज्यादातर व्यापारी बाहरी जिलों से गुड़ मंगाने लगे हैं। किराना व्यापारी गौरी शंकर राय ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाला किसानों का गुड़ ऊंचे दामों पर बिकता है। जबकि बाहर से आने वाले गुड़ के रेट कम रहते हैं। उन्होंने बताया कि वर्तमान में बाजार में 40 से लेकर 60 रुपए किलो तक गुड़ बेचा जा रहा है। अकेले रायसेन के मार्केट में हर दिन 40 से 50 क्विंटल गुड़ बिक रहा है।
180 रुपए किलो बिक रहा तिल….
मकर संक्रांति पर तिल से बने लड्डू की डिमांड ज्यादा रहती है। इस बार बाजारों में किसानों का तिल 180 से 200 रुपए किलो बिक रहा है। जबकि दुकानों पर साफ सुथरा सफेद वतिल 180 रुपए से लेकर 150 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है। व्यापारी रामदीन साहू ने बताया कि पैकेट में बेचा जाने वाला तिल एकदम साफ सुथरा रहता है। जबकि मंडी में बिकने वाला किसानों का तिल धोकर साफ करना पड़ता है। इसलिए ज्यादातर लोग पैकेट का तिल खरीदने लगे हैं।

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