मध्य प्रदेश

विनिमयमित क्षेत्र और तालाब के ग्रीन बेल्ट पर अवैध निर्माण की शिकायत, ज्ञापन सौंपा एवं कार्यवाही की मांग की

ब्यूरो चीफ : भगवत सिंह लोधी
दमोह। मंगलवार को नित्या प्यासी ने जनसुनवाई में पहुंचकर कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा जिसमें नित्या प्यासी ने बताया कि शहर के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग जबलपुर मंडल के अंतर्गत ऐतिहासिक धरोहर के रूप में पंजीकृत फुटेरा तालाब खसरा क्रमांक 1158 रकवा 88.24 एकड़ एवं इससे साथ लगे हुए खसरा क्रमांक 1140, 1141 और 1142 के कुछ भाग डूब क्षेत्र में आता है, जिसका मुआबजा भी पूर्व में दिया गया था, पर कुछ भू माफियाओं ने गलत सीमांकन करवा कर संरक्षित स्मारक के विनियमित क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण और अवैध तरीके से प्लॉट का विक्रय कर रहे है, जो कि ग्रीन बेल्ट और प्राचीन स्मारक पुरातात्विक स्थल तथा अवशेष (संशोधन एवं विधिमान्यकरण ) अधिनियम 2010 के प्रावधानों के तहत अनैतिक एवं अनाधिकृत हैं। एएसआई के नियमानुसार संरक्षित स्मारक के 300 मीटर क्षेत्र में किया गया कोई भी निर्माण अनाधिकृत माना जायेगा, जो नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल के नियमों का भी उल्लघन है, तालाब के पीछे के क्षेत्र में लगातार ग्रीन बेल्ट पर पक्के स्थाई निर्माण और अवैध कॉलोनी बनाई जा रही हैं, और कुछ भू माफियाओं द्वारा, पूर्व में तालाब के डूब क्षेत्र में आये प्लॉटों को पटवारी कि मिलीभगत से गलत सीमांकन करवा कर खरीद फरोख्त करने का गैर कानूनी काम किया गया है, दमोह खास क्षेत्र के शिवशंकर पटेल जो कि पटवारी के पद पर नियुक्त है कई वर्षों से अनधिकृत कार्यो में लिप्त हैं, बड़ा सवाल ये भी है कि 10 वर्षो से अधिक समय से उक्त पटवारी का स्थानांतरण न होना प्रशानिक व्यवस्था की कार्यशैली और नियमो के पालन न होने पर सवाल खड़ा करता है। ज्ञापन में अनुरोध किया है कि उक्त पटवारी को भी स्थानांतरित किया जाना चाहिए, अनाधिकृत कार्य और अवैध कब्जे कर शासकीय भूमि बेचना अपराध की श्रेणी में भी आता है, ऐसे अनाधिकृत निर्माणों से इस प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक तालाब के मूल एवं प्राकृतिक स्वरूप को हानि पहुँच रही है। पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के नियमों और तालाब के ग्रीन बेल्ट पर किये गए निर्माणों और नए निर्माणों पर तुरंत रोक लगाई जाए, और तालाब के डूब क्षेत्र में आये प्लेटों का सीमांकन करवा कर उन्हें तालाब के रक़वे में शासकीय रिकॉर्ड में जोड़ा जाए, एवं अवैध, अनाधिकृत और गलत प्रक्रिया कर की गई खरीद फरोख्त करने वालो के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएं।

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