मध्य प्रदेश

निलंबित बीईओ को तलाश रही पुलिस, न्यायालय ने खारिज की जमानत

अवैध रूप से कमाई गई सम्पत्ति को जप्त करने की उठी मांग
इधर भ्रष्टाचार से कमाई गई दौलत से पुत्र और भाई बने कारोबारी
6 वर्षाे तक बुढ़ार में बीईओ रहने के दौरान शासन के करोड़ों रुपए का गबन करने वाले तत्कालीन बीईओ की अग्रिम जमानत याचिका न्यायालय ने खारिज कर दी, बुढ़ार पुलिस को इस मामले में अशोक शर्मा की तलाश है, इधर फरार बीईओ करोड़ों की सम्पत्ति पुत्र और भाई के नाम पर व्यवस्थित करने में लगे हैं।
शहडोल। बुढ़ार पुलिस ने बीईओ डी.के. निगम की शिकायत पर पूर्व बीईओ अशोक शर्मा के खिलाफ 1 करोड़ 1 लाख 72 हजार 176 रुपए की शासकीय राशि के गबन का मामला दर्ज किया है। एक तरफ पुलिस इस मामले में तथाकथित नटवरलाल की तलाश में लगी है और जल्द ही गिरफ्तारी के दावे कर रही है, वहीं दूसरी तरफ माननीय अपर सत्र न्यायालय बुढ़ार से आरोपी की ओर से लगाई गई अग्रिम जमानत की याचिका 17 जून को खारिज कर दी है। लगभग 6 वर्ष तक बुढ़ार और उसके बाद जयसिंहनगर में बीईओ रहने के दौरान अशोक शर्मा ने 15 से 20 करोड़ रुपए की शासकीय राशि का हेरफेर किया, पुलिस ने अभी इस पूरे मामले की एक तार पकड़ी है, जिसमें 1 करोड़ से अधिक के प्रमाणित आरोप हैं। कारोबार में लगाया सरकारी धन अशोक शर्मा के संदर्भ में मिली जानकारी पर यकीन करें तो, बीते एक दशक के दौरान सरकारी खजाने में लगाई गई करोड़ों की सेंध से उसने अपने भाई गोपाल शर्मा के नाम पर जयस्तंभ चौक शहडोल में सहारा ट्रेवल्स के नाम पर संचालित फर्म के अलावा बेटे सचिन पाराशर के नाम पर स्टेडियम मार्ग पर पतंजलि के उत्पादों का प्रतिष्ठान संचालित था। लेकिन बीईओ रहने के दौरान उक्त फर्म के लाखों रूपये के फर्जी बिल भुगतान करने और मामला जांच में आने के बाद यह फर्म बंद कर दी गई, इतना ही नहीं बीईओ ने अपनी पत्नी के नाम पर एनजीओ में भी लाखों रूपये के फर्जी भुगतान किये गये थे। कई फर्मे बंद कर दी गई और उसके बाद भू-खण्डों, भवनों, दुकानों में करोड़ों रूपये निवेश किया गया।
पूर्व एसी पर लगाये गंभीर आरोप अशोक शर्मा द्वारा माननीय अपर सत्र न्यायालय बुढ़ार में अग्रिम जमानत के लिए लगाये गये दस्तावेजों में पूर्व सहायक आयुक्त आर.के. श्रोति पर भी गंभीर आरोप लगाये हैं, माननीय न्यायालय में श्री शर्मा के अधिवक्ता ने अपने पक्ष में बताया कि जिस मामले में उसके ऊपर अपराध दर्ज किया गया है, उसमें 23 अटूबर 2019 को वह निर्दाेष हो चुका है, लेकिन इसके बाद भी शहडोल से स्थानांतरित होने के उपरांत 23 जनवरी 2021 को श्री श्रोती ने 13 जनवरी को आयुक्त आदिवासी कल्याण विभाग भोपाल को गलत जानकारी भेजी, जिसके परिणाम स्वरूप भोपाल कार्यालय से अपराध दर्ज करने के आदेश जारी हुए।
खुद को बताया बीमार व ईमानदार अशोक शर्मा ने अधिवक्ता के माध्यम से खुद पर लगे 1 करोड़ से अधिक के गबन के प्रमाणित आरोपों को खारिज करते हुए खुद को ह्दय रोग व कोरोना से बीमार बताया, साथ ही इस बात की दलील भी दी कि वह शासकीय कर्मचारी है, उसके ऊपर की गई कार्यवाही प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा द्वेष वश करवाई गई है। वहीं दूसरी तरफ शिकायतकर्ता वर्तमान बीईओ बुढ़ार की ओर से पुन: माननीय न्यायालय को अशोक शर्मा के द्वारा गंभीर व छल पूर्वक कूटरचित दस्तावेजों से शासकीय राशि के गबन के आरोपों को दोहराया गया। साथ ही यह निवेदन भी किया गया कि अशोक शर्मा के इस कृत्य से शिक्षा विभाग कलंकित हुआ है, यदि उसे जमानत दी जाती है तो, वह उक्त तथा अन्य मामलों की जांच को प्रभावित कर सकता है।
उपायुक्त भी बराबर के साझेदार
जनजातीय कार्य विभाग के उपायुक्त जेपी सरवटे भी फरार बीईओ के द्वारा किये गये व्यापक भ्रष्टाचार में साझेदार रहे हैं। शहडोल पदस्थापना के बाद से ही जे.पी. सरवटे और अशोक शर्मा की जोड़ी जनजातीय कार्य विभाग में शहडोल से लेकर भोपाल तक साथ नजर आती रही है, जिस मामले में अशोक शर्मा के ऊपर अपराध दर्ज किया गया है, इसके अलावा दर्जनों अन्य मामले, जो जांच में है, उन सभी मामलों में जे.पी. सरवटे ने भी नियमों से परे हटकर शासकीय धन की न सिर्फ होली खेली है, बल्कि अपने पद का खुलकर दुरूपयोग भी किया है। इस मामले में पुलिस अशोक शर्मा व उसके रिश्तेदारों के अलावा जेपी सरवटे की भूमिका पर जांच केन्द्रित करे तो, चौकाने वाले खुलासे हो सकते हैं।
जल्द ही होगी निलंबित बीईओ की गिरफ्तारी
बुढ़ार थाना प्रभारी महेन्द्र सिंह चौहान ने इस संदर्भ में बताया कि आरोपी की तलाश की जा रही है, इसके साथ ही इस मामले के अन्य दस्तावेज भी एकत्र हो रहे हैं। जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी, आरोपी की तलाश की जा रही है, थाना प्रभारी ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले से जुड़े जिन भी अधिकारियों और कारोबारियों के नाम सामने आएंगे, उन्हें भी न सिर्फ बयान के लिए तलब किया जा सकता है, बल्कि सहभागिता मिलने पर उनके खिलाफ भी अपराध कायम करने में कोई परहेज नहीं की जाएगी।

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