ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग सोमवार, 27 फरवरी 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
सोमवार 27 फरवरी 2023

महा मृत्युंजय मंत्र – ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
🔥 27 फरवरी 2023 दिन सोमवार को फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष कि अष्टमी तिथि है। आज से होलाष्टक प्रारम्भ हो जाता है। आज के बाद केवल सतलज, रावी एवं व्यास नदी के क्षेत्रों में तथा त्रिपुष्कर क्षेत्र में विवाह आदि शुभ कार्यों का निषेध हो जायेगा। आज से जैनियों का अष्टाह्निका व्रत का आरम्भ हो जायेगा। आप सभी सनातनियों को होलाष्टक की हार्दिक शुभकामनायें।।
☄️ दिन (वार) – सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
सोमवार के दिन भगवान शंकर की आराधना, अभिषेक करने से चन्द्रमा मजबूत होता है, काल सर्प दोष दूर होता है।
सोमवार का व्रत रखने से मनचाहा जीवन साथी मिलता है, वैवाहिक जीवन में लम्बा और सुखमय होता है।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है ।
🔮 शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
🌐 संवत्सर नाम-राक्षस
✡️ शक संवत 1944 (शुभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत 5123
☣️ सायन – उत्तरायण
🌦️ ऋतु – सौर बसन्त ऋतु
🌤️ मास – फाल्गुन माह
🌖 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📆 तिथि – सप्तमी 04:36 AM बजे तक उपरान्त अष्टमी तिथि है।
✏️ तिथि स्वामी – अष्टमी तिथि के देवता हैं रुद्र।अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान शिवजी हैं।
💫 नक्षत्र – कृत्तिका 08:43 AM तक उपरान्त रोहिणी नक्षत्र है।
🪐 नक्षत्र स्वामी – कृतिका नक्षत्र के देवता अग्नि देव है।नक्षत्र के स्वामी सूर्य और राशि के स्वामी शुक्र हैं।
📣 योग – वैधृति 19:16 PM तक उपरान्त विष्कुम्भ योग है।
प्रथम करण : विष्टि – 01:35 पी एम तक
द्वितीय करण : बव – 02:21 ए एम, फरवरी 28 तक
⚜️ दिशाशूल – सोमवार को पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो कोई दर्पण देखकर घर से प्रस्थान कर सकते है।
🔥 गुलिक काल : सोमवार का (अशुभ) काल 02:00 पी एम से 03:27 पी एम
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सुबह 07:30 बजे से 09:00 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 06:17:38
🌅 सूर्यास्त – सायं 17:43:32
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:09 ए एम से 05:59 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:34 ए एम से 06:49 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:11 पी एम से 12:57 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:29 पी एम से 03:15 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:17 पी एम से 06:42 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 06:19 पी एम से 07:34 पी एम
💧 अमृत काल : 03:51 ए एम, फरवरी 28 से 05:35 ए एम, फरवरी 28
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:09 ए एम, फरवरी 28 से 12:58 ए एम, फरवरी 28
सर्वार्थ सिद्धि योग : पूरे दिन
वैधृति योग – आज शाम 4 बजकर 12 मिनट तक
🚓 यात्रा शकुन- मीठा दूध पीकर यात्रा करें।
👉🏻 आज का मंत्र-ॐ सौं सोमाय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी मंदिर में छैने से बनी मिठाई अर्पित करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय- पलाश के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – सर्वार्थसिद्धि योग/होलाष्टक प्रारंभ/संत श्री दादूदयाल जयंती, दुर्गा अष्टमी, स्वतंत्रता सेनानी चंद्र शेखर आज़ाद की पुण्यतिथि, धरम सिंह हयातपुर शहिद दिवस, गणेश वासुदेव मावलंकर पुण्यतिथि, मराठी भाषा गौरव दिन (कुसुमाग्रजांचा जन्म दिवस), स्वातंत्र्य दिन डॉमिनिकन प्रजासत्ताक, स्वातंत्र्य दिन डॉमिनिका, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक नानाजी देशमुख स्मृति दिवस, प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी विजय सिंह पथिक जन्म दिवस, विश्व एनजीओ दिवस (अंग्रेज़ी: World NGO Day), अंतर्राष्ट्रीय कैलेंडर दिवस
✍🏼 विशेष – अष्टमी तिथि को नारियल त्याज्य बताया गया है। अष्टमी तिथि बलवती अर्थात स्ट्रांग तिथि मानी जाती है। इसका मतलब कोई भी विकट कार्य आज आप कर-करवा सकते हैं। इतना ही नहीं अपितु अष्टमी तिथि व्याधि नाशक तिथि भी मानी जाती है। इसका मतलब आज आप कोई भी भयंकर रोगों के इलाज का प्रयत्न भगवान के नाम के साथ करेंगे-करवाएंगे तो निश्चित लाभ होगा। यह अष्टमी तिथि जया नाम से विख्यात मानी जाती है। यह अष्टमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायिनी मानी जाती है।
🗽 Vastu tips 🗺️
वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा का महत्व वास्तु शास्त्र में पूर्व दिशा का बहुत महत्व है। यदि इस दिशा में वास्तु शास्त्र का सही ख्याल रखा जाये तो घर के सदस्यों पर और खासकर कि घर के मुखिया पर इसका अच्छा असर होता है।
सूर्य देव को समर्पित है ये दिशा इन्द्र देव के साथ सूर्य देव की कृपा भी आप पर बनी रहती है क्योंकि पूर्व दिशा सूर्य देव को समर्पित दिशा है।इन दोनों दिशाओं के ठीक होने पर समाज में मान-सम्मान बना रहता है और घर में खुशहाली आती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में फर्श के लिये गहरे हरे रंग के पत्थर का चुनाव करना चाहिए. वहीं अगर घर की दक्षिण-पूर्व दिशा की बात करें तो यह दिशा स्वयं सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी की मानी जाती है। इस दिशा में बैंगनी रंग के फर्श का होना शुभ माना जाता है।
🔐 जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
नेत्रज्योति की रक्षा हेतु प्रयोग
भोजन करने के बाद आँखों पर पानी छिडके तो ठीक है, नहीं तो अपनी गीली हथेलियाँ आँखों पर रखें तो भी नेत्र के रोग मिटते है | दोनों हथेलियाँ रगड़कर ‘ॐ ॐ ॐ मेरी आरोग्यशक्ति जगे, नेत्रज्योति जगे ….’ ऐसा करके आँखों पर रखने से भी आँखों की ज्योति बरकरार रहती है और आँखों के रोग मिटते हैं |
🩸 आरोग्य संजीवनी 🫀
पथरी व पेशाब की समस्याओं के लिए
चाहे मूत्राशय में पथरी हो, चाहे गुद्दे में हो, चाहे पित्ताशय में हो – कहीं भी पथरी हो, भूलकर भी ऑपरेशन नहीं करना | पत्थरचट्टा पोधे के 2 -2 पत्ते रोज खाओ, इससे कुछ ही दिनों में पथरी चट हो जाती है | यह पथरी के लिए अक्सीर इलाज है | जिनको मैं यह प्रयोग बताया और उन्होंने किया तो उनकी पथरी निकल गयी |
सुबह खाली पेट खाये तो आच्छा है | कहीं सुजन हो, छोटा – मोटा घुटने का दर्द हो, मोच आ रही हो तो इसके पत्ते को रगड़ के र्स निकालकर लगाने से लाभ होता है, और भी छोटे- मोटे बहुत सारे फायदे होते है |
पत्थरचट्टा का 1 पत्ता बीच में से चीर के 2 टुकड़े करो | चिरा हुआ भाग जमीन में गाड़ दो तो उसमे से दुसरे पौधे हो जायेंगे |
(गुर्दे – संबंधी रोगों की यह श्रेष्ठ गुणकारी औषधि है | रुक-रूककर पेशाब होने की समस्या में प्रतिदिन इसके 2-3 पत्तों का सेवन करने से पेशाब खुल के होने लगता है |)
L📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
ऐसे करें शिव परिवार की पूजा, तो पूरी होगी संतान की आस
सोमवार के दिन शिव मंदिर में जा कर शिवजी समेत गणपतिजी और माता पार्वती की विधिवत पूजा करें। शिव परिवार की पूजा के बाद शिवजी की विशेष पूजा करें। शिव जी को लाल गुलाब का फूल चढ़ाएं और मन की मनोकामना उनके समक्ष रखें। संतान प्राप्ति के लिए शिवजी के समक्ष बैठकर “ऊं नम: शिवाय:” मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। शिवजी की पूजा हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख कर के ही करें। पूजा के बाद शिवजी के मंदिर से जब निकलें तो पीठ उनकी ओर न होने पाए। सोमवार के दिन सफेद कनेल के फूल के साथ भगवान शिव शंकर को भांग और धतूरा भी चढ़ाएं। साथ ही जब पूजा पूरी हो जाए तो उसमें से एक कनेल को प्रसाद स्वरूप अपने घर लाएं और उसे अपने घर के मंदिर में रख दें। जब फूल सूख जाए तो उसे किसी वृक्ष में डाल दें। ऐसा हर सोमवार कम से कम 21 दिन करें। यदि शिवालय न जा सकें तो हर सोमवार मिट्टी से शिव जी को बनाएं और मिट्टी के गमले में उन्हें स्थापित कर दें। याद रखें शिवलिंग अंगूठे के पोर से बड़ा न हो। अब इस शिवलिंग पर जलाभिषेक कर बेलपत्र चढ़ा कर अपनी मनोकामना उनके समक्ष रखें। साथ में मिट्टी के गणपति जी और माता पार्वती की भी स्थापना जरूर करें। हर महीने पड़ने वाली प्रदोष व्रत को जरूर रखना चाहिए। कम से कम 21 प्रदोष का व्रत संतान कामना के लिए जरूर करें।
भगवान शिव को पूरी तरह प्रसन्न करना चाहते हैं, तो उनकी पूजा की सामग्री में भूलकर भी हल्दी, काला तिल और नारियल के पानी का उपयोग न करें। ये सब शिव आराधना में वर्जित हैं।
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⚜️ अष्टमी तिथि के देवता भगवान शिव भोलेनाथ जी माने जाते हैं। इसलिये इस अष्टमी तिथि को भगवान शिव का दर्शन एवं पूजन अवश्य करना चाहिए। आज अष्टमी तिथि में कच्चा दूध, शहद, काला तिल, बिल्वपत्र एवं पञ्चामृत शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा सदैव बनी रहती है। घर में कोई रोगी नहीं होता एवं सभी मनोकामनाओं की सिद्धि तत्काल होती है।
मंगलवार को छोड़कर बाकि अन्य किसी भी दिन की अष्टमी तिथि शुभ मानी गयी है। परन्तु मंगलवार की अष्टमी शुभ नहीं होती। इसलिये इस अष्टमी तिथि में भगवान शिव के पूजन से हर प्रकार की सिद्धियाँ प्राप्त होती है। इस अष्टमी तिथि को अधिकांशतः विष्णु और वैष्णवों का प्राकट्य हुआ है। इसलिये आज अष्टमी तिथि में भगवान शिव और भगवान नारायण दोनों का पूजन एक साथ करके आप अपनी सम्पूर्ण मनोकामनायें पूर्ण कर सकते हैं।
अष्टमी तिथि को जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह व्यक्ति धर्मात्मा होता है। मनुष्यों पर दया करने वाला तथा हरेक प्रकार के गुणों से युक्त गुणवान होता है। ये कठिन से कठिन कार्य को भी अपनी निपुणता से पूरा कर लेते हैं। इस तिथि के जातक सत्य का पालन करने वाले होते हैं यानी सदा सच बोलने की चेष्टा करते हैं। इनके मुख से असत्य तभी निकलता है जबकि किसी मज़बूर को लाभ मिले।

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