पर्यावरणमध्य प्रदेश

जंगल की आग पर सेटेलाइट की मदद से निगरानी, फिर भी जगह-जगह जंगलों में धधक रही आग

गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही जिले के जंगलों में आगजनी की घटनाएं बढ़ी वन महकमे में आग बुझाने के इंतजाम नाकाफी
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन । जिले के सामान्य वन मंडल सर्किल रायसेन औबेदुल्लागंज के जंगलों में गर्मी बढ़ते ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। वहीं दोनों सामान्य वनमण्डल सर्किलों में आग को बुझाने के इंतजाम नाकाफी हैं। सीमित संसाधनों के साथ वन महकमे के अधिकारी आग पर काबू करने का दावा करते नजर आ रहे हैं।यहां इसकी सुरक्षा के लिए 11 वनरेंज और ओबेदुल्लागंज की 10 वनरेंजों में 15-15 फायर वाचरों को नियुक्त किया गया है।
मोबाइल में मिलता है फायर अलर्ट…..
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी की अगर हम मानें तो जंगल में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए सेटेलाइट के माध्यम से इसकी निगरानी की जा रही है। बताया गया है कि किसी भी वनरेंज के जंगल में आग लगने पर सेटेलाइट इसे ट्रेस कर लेता है। इसके बाद अधिकारियों के मोबाइल में फायर अलर्ट की सूचना प्राप्त होती है।
इस संबंध में सामान्य वन मण्डल कार्यालय रायसेन के डीएफओ विजय कुमार का कहना है कि जंगल में आगजनी की घटना पर अंकुश लगाने के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है। फायर वाचर समेत अधिकारी-कर्मचारी वनों की निगरानी कर रहे हैं।
आग पर नहीं लग पा रहा अंकुश….
जिले में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जिले का करीब 51 प्रतिशत भू-भाग वनों से आच्छादित है। यहां जंगल करीब 21 सौ वग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। गर्मी का सीजन शुरू होने के साथ ही वृक्ष से सूखे पत्ते झड़ रहे हैं।इससे आगजनी की घटनाएं भी सामने आने लगी है। गौरतलब है कि पिछले दिनों केरेगांव रेंज के जंगल में करीब 2 सौ हेक्टेयर क्षेत्रफल में आगजनी की घटना हुई थी। लेकिन पर्याप्त संख्या में फायर वाचरों की नियुक्ति नहीं होने से जंगल में आगजनी की घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए यहां तैनात कर्मचारियों को मशक्कत करना पड़ रहा है। विडम्बना है कि फायर वाचरों को जंगल में आग लगने पर पेड़ों की टहनियों को तोड़कर उसी से आग पर काबू पाना होता है। अन्य सुविधाएं नहीं मिलने से आगजनी को रोकने के लिए उन्हें कड़ी मेहनत करना पड़ रहा है। यदि हम सूत्रों की मानें तो पिछले साल गर्मी के सीजन में आगजनी की 131 घटनाएं सामने आई थी। अधिकांश घटनाएं देवनगर वनरेंज गढ़ी पूर्वी वनरेंज, पश्चमी वनरेंज रायसेन सिलवानी पूर्वी पश्चमी वनरेंज और औबेदुल्लागंज की बिनेका सुल्तानपुर बाड़ी उदयपुरा आदि क्षेत्र में हुई थी। इस साल भीसिलवानी क्षेत्र में आगजनी की पहली घटना सामने आई है। इसके बाद से विभागीय अधिकारियों ने अलर्ट जारी कर सभी रेंज के अधिकारियों को सतर्क रहने के लिए कहा है। एक जानकारी के अनुसार रायसेन और औबेदुल्लागंज सामान्य वनमण्डल में 11 और 10वन रेंज हैं। प्रत्येक रेंज में जंगल में होने वाली आगजनी की घटनाओं को रोकने के लिए करीब 15-15 फायर वाचरों की नियुक्ति की गई है। इन्हें एक निश्चित मानदेय भी दिया जा रहा है, लेकिन घनघोर जंगल के हिसाब से फायर वाचरों की यह संख्या काफी कम है। इससे उन पर काम का बोझ बढ़ गया है।

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