खगोलीय विज्ञान का चमत्कार….. खुली आंखों से चांद के नीचे दिखा अदभुत शुक्र ग्रह
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन । शुक्रवार को आसमान में बेहद दुर्लभ नजारा दिखा। हर कोई इसे अपने कैमरे में कैद करता नजर आया। चांद के ठीक नीचे चमकदार रोशनी नजर आई। खगोलविद् शिक्षक विवेक माहेश्वरी ने बताया कि यह कोई तारा नहीं बल्कि शुक्र ग्रह था जो सूर्यास्त के बाद क्षितिज से लगभग 30 डिग्री ऊपर चांद के ठीक नीचे खुली आंखों से दिखाई दिया। दोनों में लगभग दो डिग्री का अंतर रहा। शुक्र ग्रह 224 दिन में सूर्य का एक चक्कर लगाता है। जबकि चंद्रमा साढे 29 दिन में पृथ्वी का एक चक्कर पूरा करता है। शुक्र आसमान में 20 डिग्री से 46 डिग्री की ऊंचाई तक ही सीमित रहता है। सिर के ठीक ऊपर कम ही दिखाई पड़ता है, लेकिन इस बार इसे बड़ी आसानी से देखा गया।
सूर्य से क्रम के हिसाब से पहला बुध, दूसरा शुक्र और तीसरी पृथ्वी है। यह दुलर्भ नजारा शनिवार को भी दिखा ।लेकिन इसकी सीमा तय थी। रात 8.50 मिनट के बाद इसकी दिशा में परिवर्तन होना शुरू होंगे और यह नजारों से ओझल हो जाएगा।