मध्य प्रदेश

बीस साल की सरकार और बीस दिन चली विकास यात्रा के बाद भी गाँव में नहीं शमसान

क्षेत्र के नेता किस मुँह से जन नायक और लाड़ले कहलाने की आशा करते हैं ?
रिपोर्टर : पवन सिलावट
रायसेन । मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार को बीस साल में महज 15 महीने ही कमलनाथ की सरकार रही, लेकिन इस दरमियान गाँव से चरोखर की भूमि तो गायब हुई ही साथ में शमसान भी गायब हो चुके । जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी यूपी में चुनावी यात्रा में कहते थे कि कब्रिस्तान बने तो शमसान भी बनना चाहिए, लेकिन मध्यप्रदेश सरकार सुर्जन से लेकर विर्सजन तक की योजनाएं लागू करने का ढोल पीठती हैं जबकि हकीकत में आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में शमसान तक नहीं हैं, जिससे सर्दी और गर्मियों में तो दाह संस्कार नदी के किनारे कर देते है लेकिन बारिश में दाह संस्कार के लिए कितनी परेशानी उठानी पड़ती हैं यह तो वही लोग जान सकते हैं जिनकी घर गमी होती है।
प्रदेश सरकार के विकास कार्यों के पिटारे की खुल रही पोल यह कहानी कोई अनजान क्षेत्र और सुदूर क्षेत्र की नहीं यह कहानी हैं रायसेन जिले के उदयपुरा विधानसभा क्षेत्र के उदयपुरा ब्लाँक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत आवरिया की हैं, ग्रामीण अपने परिजनों की अंतिम विदाई के लिए एक अदद शमसान की माँग कई वर्षों से करते आ रहे और हाल ही में मध्यप्रदेश सरकार की विकास यात्रा में भी यह माँग उठाई थी उन्होंने न सड़क की माँग की और न किसी अन्य सुविधा की लेकिन किसी भी नेता अधिकारी ने ध्यान नहीं दिया ।
उदयपुरा विधानसभा कि दुर्भाग्य की बात है कि विकास यात्रा में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक को कई गांव की लोगों के द्वारा खरी खोटी सुनाई थी मगर भाजपा सरकार के नेताओं पर नहीं पड़ा कोई असर और गांव में समसान जैसी व्यवस्थाओं को लेकर विकास यात्रा में तो वादे किए थे मगर इस ओर नहीं दिया जा रहा ध्यान आज भी ग्रामवासी श्मशान घाट जैसी व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों के काट रहे चक्कर और ग्राम पंचायत के सचिवों के द्वारा सड़क शौचालय ऐसी व्यवस्थाओं पर सरपंच की मिलीभगत से किया है खुला भ्रष्टाचार भाजपा सरकार के नेता कमीशन खोरी के चलते इस नहीं देते ध्यान 2023 के विधानसभा चुनाव में अब देखना यह होगा कि भाजपा सरकार के नीतियों को लेकर जनता क्या निर्णय करती है ।

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