अशासकीय स्कूल रहे बंद, विभिन्न मांगो को आंदोलन जारी

सिलवानी । मध्यप्रदेश अशासकीय स्कूल महासंघ के आह्वान पर सोमवार को प्रदेष सहित सिलवानी में भी अपनी मांगों के समर्थन में प्रायवेट स्कूलों को बंद कर अपनी मांगों का समर्थन किया। इसमें एमपी बोर्ड से संबंधित एवं सीबीएसई से संबंधित अशासकीय विद्यालय बंद रहे अपने बहुत सफल रहा मध्य प्रदेश शासन की दोहरी नीतियों के कारण प्रदेश के अशासकीय शिक्षण संस्थाओं ने मिलकर के कदम उठाया है।
सोपास की प्रदेश आंदोलन समिति के संयोजक राजेश राजोरिया ने बताया है कि प्रदेश का महाबंद बेहद सफल रहा है इसके बावजूद भी अगर प्रदेश सरकार हम स्कूल वालों की समस्याओं को नहीं सुनते हैं तो हम 27 सितंबर 2023 को भोपाल के शाहजहां पार्क में शिक्षा स्वाभिमान रैली निकाल करके सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे और इसके बाद भी अगर सरकार नहीं सुनती है तो फिर आगामी चुनाव में हमें कहां जाना है इस बात का निर्णय हम संचालक समूह मिल कर लेंगे। मप्र के प्राइवेट स्कूल संचालक मप्र की शिक्षा की रीढ़ की हड्डी हैं। मप्र के शिक्षा के क्षेत्र में हमारा भी महत्व है।
यह है संयुक्त मोर्चा अशासकीय विद्यालय संगठन की मांगे:-
सत्र 2022 -23 का आरटीई फीस प्रतिपूर्ति की राशि इस माह 25 सितंबर 2023 तक वनक्लिक के माध्यम से जारी की जाये। सत्र 2016 से 2022 तक पोर्टल प्रपोजल जमा करने हेतु पुनः खोला जाये। जो बच्चे पूर्व में अपात्र किये गये हैं जिन्हें स्कूल से अकारण हटाया गया है, जिन बच्चों के प्रपोजल नहीं बन पा रहे है उनका भौतिक सत्यापन कराकर आरटीई का भुगतान अविलंब किया जाये। आरटीई की राशि अन्य राज्यों के बराबर दी जाये। सरकार पहले तो 10 प्रतिषत राशि बढ़ाकर आरटीई का भुगतान करती थी अब तो कटौती कर 5 प्रतिषत कर दिया। यह भेदभाव पूर्ण नीति बंद कर राशि बढ़ाई जाये। तीन साल स्कूल संचालन के बाद विद्यालयों को स्थाई मान्यता प्रदान की जाये। सरकार अपनी भेदभावपूर्ण नीति वापिस ले और शासकीय व अशासकीय स्कूलों के बच्चों को एकरूप से देखते हुए प्राइवेट स्कूलों के टॉप बच्चों को भी स्कूटी प्रदान की जाये साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं में भी हमारे अशासकीय स्कूलों के बच्चों को भी शामिल करें। सरकार अपनी भेदभाव नीति वापिस ले और शासकीय व अशासकीय स्कूलों के बच्चों को एकरूप से देखते हुए प्राइवेट स्कूलों के बच्चों को भी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश में 5 प्रतिषत का आरक्षण प्रदान किया जाये। मप्र के प्राइवेट स्कूलों की समस्या के लिये प्रत्येक संबंधित विभागध् मंत्रालय में एक समिति बनाई जाये। जिसमें 5 सदस्य अशासकीय संयुक्त मोर्चा के शामिल किये जायें। कक्षा 1 से 12 तक विद्यालयों हेतु रजिस्टर्ड किरायानामा पूर्ण रूप से समाप्त किया जाये एवं उस स्थान पर नोटरीकृत किरायानामा को स्वीकृति प्रदान की जाये। कक्षा आठ तक के विद्यालयों की मान्यता हेतु इस वर्ष से लागू मान्यता शुल्क व एफडी जमा करने के आदेश को वापिस लिया जाये। विगत सत्र से राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा अशासकीय विद्यालयों की सीमांकन में भारी फेर बदल कर दिया गया है जिससे हजारों विद्यालय आरटीई के अंतर्गत प्रवेश लेने से वंचित हुए हैं। जो एक बड़ी विसंगति है। इसमें राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा सुधार किया जाए।