धार्मिक

ब्लूचिस्तान के बाद बाड़ी में है मां हिंगलाज का दूसरा देवी शक्तिपीठ मंदिर

नवरात्र: 127 साल पहले माता हुई थी बाड़ी के हिंगलाज मन्दिर में प्रतिमा विराजित, आज भी जलती है अखण्ड ज्योत, माता ने पुजारी की थी रक्षा
रिपोर्टर : शिवलाल यादव
रायसेन। ब्लूचिस्तान पाकिस्तान के बाद दूसरा हिंगलाज देवी शक्तिपीठ मन्दिर रायसेन जिले के कस्बा बाड़ी में है। तीसरा हिंगलाज देवी मंदिर झरखेड़ा सीहोर जिले में है। ऐसी मान्यता है कि हिंगलाज देवी भक्तों की सभी मुरादे पूरी करती है जो सच्चे मन से हिंगलाज के दरबार में माथा देखा है अपनी संतान की गोद भर्ती है और देवी भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं । मंदिर के पुजारी खाकी अखाड़ा के महंत भगवानदास उपाध्याय थे जिन्होंने हिंगलाज देवी की सच्चे मन से पूजा की थी।
यह भी बताया जाता है कि जहां पिंडारे निवास करते थे। जब पुजारी महंत भगवान दास उपाध्याय हिंगलाज माता को लेकर आएं तो पिंडारों ने उनको परेशान करना शुरू कर दिया था। माता के शेर ने पिंडारों को यहां से खदेड़कर पुजारी भगवान दास उपाध्याय के प्राणों की रक्षा की थी। मंदिर मठ के अंदर माता हिंगलाज की आकर्षक प्रतिमा विराजमान है। इस समय चैत्र और शारदीय नवरात्र में क्षेत्र ही नहीं, बल्कि अन्य जगह से भी श्रद्धालु माता हिंगलाज के जयकारे लगाते हुए दर्शन और पूजा-अर्चना करने पहुंच रहे हैं।
रायसेन जिले के तहसील बाड़ी क्षेत्र के बाड़ी कलां में मां हिंगलाल माता मंदिर प्रसिद्ध होने के साथ प्राचीन है। इतिहास पर नजर दौड़ाए तो पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान, रायसेन के बाड़ी के बाद मां हिंगलाज का यह तीसरा मंदिर झरखेड़ा में है। मंदिर करीब 127 साल पुराना है, जिसमें 12 महीने अखंड ज्योत जलती है। माता हिंगलाज के दर्शन मात्र से नि:संतान को संतान, दुख दर्द वालों को सुख-शांति प्राप्त होती है। चैत्र और क्वांर की नवरात्र में श्रद्धालु पूजा-अर्चना, दर्शन करने पहुंचते हैं।हिंगलाज माता के दरबार में हवन पूजन भंडारा और मेला भी लगता है।
बाड़ी कलां के बुजुर्ग बताते हैं कि 127 वर्ष पहले पाकिस्तान के ब्लूचिस्तान शहर से महंत व खाकी अखाड़ा के प्रमुख मां हिंगलाज की ज्योत लेकर चले थे। माता के वचन अनुसार जब भौर (सुबह) हुई तो मां हिंगलाज देवी बाड़ी कलां रायसेन में विराजित हुई। तभी से मां हिंगलाज के दरबार में ज्योत जल रही है। मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जो श्रद्धालु सच्चे मन से माता के दरबार में आता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है।
हर तरफ गूंज रहे जयकारे…..
चैत्र नवरात्र में भक्त माता भक्ति में लीन है। कोई उपवास तो कोई व्रत रखकर माता की उपासना कर रहा है। देवी मठ में विराजित माता हिंगलाज मंदिर में माता की विशेष पूजा-अर्चना हवन हो रहा है।

Related Articles

Back to top button