Borvel हादसा के बाद सीएम ने उठाया बड़ा कदम, अब बिना रजिस्ट्रेशन नहीं होगा बोरवेल
भोपाल । रीवा में हुए बोरवेल हादसे के बाद आखिरकार प्रशासन एक्शन मूड में दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के आदेश के बाद मध्य प्रदेश शासन लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में बोरवेल उत्खनन के संबंध में गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके अनुसार अब बोरवेल करने से पहले रजिस्ट्रेशन करवाना होगा अन्यथा बोरवेल अवैध माना जाएगा. बोरवेल खनन के बाद शासन को रिपोर्ट भी भेजनी होगी।
मध्य प्रदेश लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन के अनुसार रजिस्टर्ड एजेंसियां ही बोरवेल खनन कर सकेगी। दरअसल मध्य प्रदेश में लगातार खुले बोरवेल में बच्चों की गिरने की घटनाएं देखी जा रही हैं. जिसको देखते हुए शासन ने यह बड़ा कदम उठाया है बोरवेल के लिए नया एप जारी किया गया है जिसके माध्यम से खनन एजेंसी या ठेकेदार का चयन किया जाएगा।
बोरवेल खनन के लिए रजिस्टर्ड निजी एजेंसियों का चयन होगा और जमीन मालिक एवं एजेंसी को संयुक्त रूप से खनन की सभी रिपोर्ट शासन तक भेजनी होगी यदि बोरवेल सफल हुआ है तो उसकी जानकारी एप में देनी होगी। अगर बोरवेल फेल हुआ है तो इसमें 50 सेंटीमीटर x 50 सेंटीमीटर x 60 सेंटीमीटर कंक्रीट ब्लॉक से इसे ढकना होगा बाद में इसकी लाइव फोटो अपलोड करनी होगी। अगर खुले में कोई भी बोरवेल मौजूद है तो आम नागरिक भी इस ऐप अथवा सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से शिकायत कर सकता है।
मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम ने तैयार किया एप
रीवा जिले में एक 6 वर्षी मासूम बच्चा खुले बोरवेल में गिर गया। जिसे बचाने की लाख कोशिश की गई पर उसे बचाया नहीं जा सका। इस घटना के बाद मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम के द्वारा एप तैयार किया गया है जो बोरवेल खनन की प्रक्रिया ऑनलाइन कर देगा।
इस एप के माध्यम से मध्य प्रदेश में हो रही बोरवेल दुर्घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी इस एप का ट्रायल शुरू हो गया है जल्द ही इसे सार्वजनिक करते हुए इसका प्रचार प्रसार भी किया जाएगा।