धार्मिक

झूमत झूमत चली आई भवानी माँ, चैत नवरात्रि के ज्वारे विसर्जन को, भक्तो की लगीं कतार

माँ कंकाली माई, पालने में विराजमान, ज्वारे दर्शन करने लगीं भक्तो की कतार, लखा पतेरी धाम है माई का स्थान
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
कटनी । मध्यप्रदेश के कटनी जिले की ग्राम पंचायत लखा पतेरी में माँ कंकाली माई स्थान! पर चैटत नवरात्रि के अंतिम दिवस नवमी को माता रानी के ज ज्वारे विषर्जन शाम 6 बजे मंगल वार को किया गया। माँ कंकाली माई मढ़िया के ज्वारे सहित कीलों से सजी माँ के पालना में झूमत झूमत नाचत पूरे गाँव में घूमते हुये निकले! चैत एवं कुंवार की नरात्रि दोनों ही तिथि में बोये जाते है! माँ की शक्ति है अपरम पार जो जाने वह पहचाने जो न जाने वो क्या पहचाने ये शक्ति अपरम पार! माँ की भक्ति आस्था ने बनाया पवित्र धाम, माँ कंकाली माई मढ़िया जिनका धाम पवित्र व प्रसिद्ध है उसी प्रकार से माँ के स्वरपों में विराजमान है माई !
गाँव की खेर माई में माता की शक्ति और उनके दिव्य दर्शन के लिये पूरे गाँव सहित आसपास के क्षेत्र वासी बढ़ी संख्या में जन शैलाब देखने को है! हर तरफ माता की जय जय कार हो रही थीं! देर रात्रि में कश्यप परिवार कालिया देव स्थान में पहुँच कर सभी भक्तो ने माता का आशीर्वाद प्राप्त किया और ज्वारे विषर्जन के लिये उपस्थिति रहें! झूमत झूमत चली आई भवानी माई, चैत नवरात्रि के ज्वारे विसर्जन को, भक्तो की लगीं कतार दर्शन करने को जब बात सत्य और शक्ति भक्ति की हो तो माँ की शक्ति अपरम पार है ! नव दिनों में माता के ज्वारे ये प्रमाणित करते है कि भक्ति से बढ़ी शक्ति है जो हमारे जीवन को निर्मल और स्वछ सुंदर बना देती है!
कुंवार और चैत नवरात्रि को मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों से विराजमान माँ कंकाली माई का स्थान विभिन्न स्वरूपों में आज भी माँ की शक्ति और भक्ति दोनों प्रतक्कक्ष प्रमाणित है ! इसी प्रकार से कटनी जिले की सीमा पर ग्राम पंचायत लखा पतेरी झूलने में विराजमान माँ कंकाली माई मढ़िया आज भी अपने भक्तो को श्रद्धा भक्ति के साथ आशीर्वाद प्रदान करती चली आ रहीं है। वर्ष 1985 से विराजित माँ कंकाली माई की लीला है अपरम पार चाहे हो निर्धन, चाहो हो भिखारी माता के द्वार सदा ही खुले रहते है!
माँ कंकाली माई मढ़िया धाम – चैत्र नवरात्रि की सतमी को माँ कंकाली माई धाम लखा पतेरी में भक्तो की लगीं कतार माता की शक्ति और श्रदालुओं की भक्ति ने दिव्य दरबार का बखान नहीं कर सकते है! इस दरबार में जिसने जो भी मांगा या चाहा माँ ने सभी की मनोकामनाएं पूर्ण की है!
माँ की शक्ति और भावना की भक्ति के पर्व चैत्र नवरात्रि को लेकर हमारी टीम ने माँ जगदम्बा के दर्शन किये और फिर मढ़िया के पंडा दयाराम बर्मन और पुजारी राकेश बर्मन से दिव्य दरबार की चर्चा की
पंडा दयाराम बर्मन – मीडिया को जानकारी देते हुये बताया कि माँ कंकाली माई की भव्य मूर्ति कटनी जिले के बिलहरी के पास पथरों के बीच में प्रकट हुई थीं! जिनकी स्थापना वर्ष 1985 से ग्राम पंचायत लखा पतेरी में माँ कंकाली माई मढ़िया के नाम से विख्यात है! 40 वर्षों से मैं नियंत्रर माँ की सेवा भक्ति करते चला आ रहा हूँ और स्थानीय लोगों से लेकर कई राज्यों के भक्तो का आना जाना माता के दरबार में हमेशा लगा रहता है! माँ कंकाली माई की कृपा से सभी भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती चली आ रहीं है! चैत्र नवरात्रि पर्व को माता के स्थान मढ़िया में ज्वारे व घटस्थापना की जाती है और नौवीं को ज्वारे विषर्जन लखा पतेरी बड़े तालाब में झूमते गाते हुई सभी गाँव वासी विषर्जन के लिये साथ जाते है! हमारा पूरा परिवार माता की सेवा में लगा रहता है! 51 कलश से लेकर अन्य गिनत तक ज्वार्रे हो जाते है ये महिमा माँ की अपरम पार है! निसंतानो की झोली कभी नहीं गई खाली ऐसी है माई माँ कंकाली
स्थानीय लोगों ने की मांग – माँ कंकाली माई की मढ़िया का जीन द्वार होना चाहिये क्योंकि माँ के दरबार में अधिक मात्र में भक्तो का आना जा लगा रहता है।

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