मध्य प्रदेश

आंगनबाड़ी की जमीन पर उपसरपंच का कब्जा, सहायिका भी रहती गायब

ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर । जिले की ब्लॉक सिहोरा के ग्रामीण क्षेत्र का मामला प्रकाश में आया है! सिहोरा ग्राम पंचायत अंतर्गत आने वाली भाटा दौन का बताया जा रहा है। गांव में उप सरपंच की दबंगई के चलते ग्रामीण जनों को जो लाभ मिलना चाहिए वह नही मिल पा रहा है यहां आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जमीन स्वीकृत करके आबंटित की गई थी जिसमे पंचायत के ही उप सरपंच ने कब्जा करके ही खुद का निजी मकान बना लिया है जिसकी शिकायत विगत वर्षों में भी ग्रामीणों ने वरिष्ठ अधिकारियों और कलेक्टर के पास जा कर की थी! जिसमें दो बार स्टे लग चुका था इसके बाद भी उपसरपंच ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए भवन निर्माण कर लिया है। सिहोरा तहसील के ग्राम पंचायत भाटादौन में सामुदायिक भवन के ठीक बाजू से गांव के बच्चों के लिए आंगनबाड़ी केंद्र के लिए जमीन स्वीकृत कर 40× 60 वर्ग फिट यानी चौबीस सौ वर्ग फीट आवंटित की गई थी जिसमें उपसरपंच रूपम दुबे ने अपने पद का रौब दिखाते हुए जबरदस्ती भवन का निर्माण कर लिया है जबकि विगत वर्ष में भी ग्राम के लोगों ने सिहोरा एसडीएम एवं जिला कलेक्टर को इस संबंध में शिकायत पत्र सौंपा था जिस पर कार्यवाही करते हुये दो बार रूपम दुबे के निर्माण कार्य में स्टे लग गया था। इसके बाद भी रूपम दुबे द्वारा उपसरपंच के पद का दबाव बनाकर जबरन निर्माण कर लिया गया इसके बाद भी संबंधित अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे है।
पंचायत की शह से सहायिका की मनमर्जी –
वहीं ग्राम की आंगनवाड़ी भाटादौन में सहायिका अनीता बाई दहिया पदस्थ हैं जो ना तो कभी बच्चों को बुलाने जाती हैं ना ही सूचना हर वितरित करती हैं ना ही छोटे बच्चों का वजन एवं गर्भवती महिलाओं का वजन नहीं करवाती, जो सिर्फ अपनी मनमर्जी के मुताबिक कार्य करती हैं जबकि आंगनबाड़ी केंद्र सुबह 8:30 बजे से 2 बजे तक का समय रहता है जिसमें जो बच्चे केंद्र नहीं आते उन बच्चों को घर से लाना एवं उन्हें भेजने का कार्य आंगनबाड़ी सहायिका का रहता है लेकिन वह इतना भी नहीं कर पाती हैं।

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