मार्ग में उड़ती धूल से राहगीरों और दुकानदारों को हो रहे परेशान
ब्यूरो चीफ : संजय द्विवेदी
गैरतगंज । गैरतगंज नगर के दोनो तरफ धूल ही धूल से परेशान वाहन चालक और नगर वासी नगर में चल रहे सड़क निर्माण कार्य मे ठेकेदार की मनमर्जी की वजह से बूढ़ागंज से लेकर पुलिस थाने तक ओर बीना नदी पुल से लेकर टेकापार टोल टेक्स तक आमजनो का जीना दूभर हो रहा है। भारी वाहनों के चलने से उड़ने वाली धूल मार्ग किनारे दुकानदार व राहगीरों का जीना मुहाल कर रखा है।
भारी वाहनों के चलने से उड़ने वाली धूल की समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल पा रही है।
गैरतगंज मुख्य मार्ग में आवागमन करना अब आसान काम नहीं है सड़क पर उड़ रही धूल से लोगों का चलना मुश्किल हो गया है सड़कों पर बने गड्ढे, गिट्टी से तो राहगीर पहले से ही परेशान हो रहे थे, अब उड़ती धूल का भी सामना करना पड़ रहा है।
भारी वाहन डम्फर, ट्रक, ओर अन्धी रफ्तार से शहर मे दौड़ती बसे से धूल उड़ने लगती है। इस मार्ग पर धूल ही धूल नजर आती है धूल उड़ने से वाहन चालकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
भारी वाहन के आवाजाही से परेशानी बढ़ जाती है। भारी वाहन के पीछे-पीछे चलने वाले छोटे-छोटे वाहन खासकर बाइक चालकों को ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ती है। बाइक चालक को सड़क पर उड़ रही धूल आंखों के सामने ओझल कर देती है इससे अक्सर दुर्घटना होनी की आशंका बनी रहती है।
छोटे वाहन चालकों को दिन में भी लाइट जलाकर चलना पड़ता है।
मुख्य मार्ग पर वाहनों के आने जाने से मिट्टी पिस-पिस कर बारीक हो गई हे अब जैसे ही कोई वाहन मार्ग से गुजरता है तो धूल का गुब्बार बन जाता है तथा पूरा वातावरण धूलमय हो जाता है। ऐसे में इस क्षेत्र के राहगीर, दुकानदार खांसी, एलर्जी व दमे जेसी विमरियो से ग्रसित हो रहे हैं।
भारी वाहन गुजरते समय तो दुकानदारों को अपनी दुकान के शटर बंद करने पड़ते हैं। धूल के गुबार से दो-चार होना पड़ रहा है।
यात्रियों के अलावा अन्य लोगों को भी वाहन के शीशे बंद कर आवाजाही करनी पड़ रही है। वहीं, नगरवासी का कहना है कि स्थानीय और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते सड़क किनारे स्थित दुकान और राहगीर इन दिनों मार्ग में उड़ने वाली धूल के गुबार से परेशान हैं। जिससे बीमारी होने का अंदेशा बना रहता है इसका सीधा लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है। साथ ही इस मार्ग पर चलने वाले लोगों के चेहरे व कपड़े भी गंदे हो जाते हैं।
संबंधित विभाग को चाहिए कि जहां-जहां धूल अधिक उड़ती है वहां पर पानी का छिड़काव करें, ताकि लोगों को राहत मिल सके। लगातार धूल उड़ने के कारण वे हमेशा रूमाल बांधकर अपना व्यवसाय करते हैं। दिनभर धूल के उठते गुब्बार से अनेक लोग दमा, खांसी की बीमारी के शिकार बन रहे हैं।
हालत यह है कि जब भी कोई भारी वाहन आता है तो वाहन चालको को मुंह छुपाना पड़ता है जिस दुर्घटना होने का अन्देशा बना रहता है।