मध्य प्रदेश

बाल विवाह की रोकथाम के लिये कलेक्टर ने किया अनुविभाग स्तर पर निगरानी समितियों का गठन

बाल विवाह का शक्ति से हो पालन
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर । जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना ने 10 मई को अक्षय तृतीया एवं अन्य वैवाहिक मुहूर्तों पर बाल विवाह की रोकथाम के लिये अनुविभाग स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया है। वहीँ अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों के नेतृत्व में गठित सात सदस्यों की इन निगरानी समितियों में संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, तहसीलदार, परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास, खण्ड चिकित्सा अधिकारी, खण्ड शिक्षा अधिकारी तथा संबंधित थाना प्रभारी को शामिल किया गया है।
अनुविभाग स्तर पर गठित ये समितियां अपने-अपने क्षेत्र में अक्षय तृतीया एवं अन्य वैवाहिक मुहूर्तों पर आयोजित किये जाने वाले सामूहिक विवाह समारोह पर नजर रखेंगी तथा बाल विवाह की जानकारी मिलने पर तुरंत कार्यवाही कर ऐसे आयोजनों को रोकेंगी। इसके अलावा कहीं से भी बाल विवाह की सूचना मिलने पर उसे रोकने तत्काल प्रभावी कदम उठायेगी एवं बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम-2006 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही करेगी।
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बाल विवाह की रोकथाम के लिये अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को अपने स्तर पर उड़न दस्ता दल गठित करने, तहसील अथवा विकासखण्ड स्तर पर पृथक से सेल गठित करने तथा अनुविभाग स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित करने के निर्देश भी दिये हैं। उन्होंने अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों, जनपद पंचायतों के सीईओ तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारियों को अनुविभाग स्तर बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी भी नामांकित किया है।
जिला स्तर पर कंट्रोल रूम स्थापित :-
अक्षय तृतीया पर बाल विवाह होने की संभावनाओं के मद्देनजर महिला एवं बाल विकास विभाग ने वन स्टॉप सेंटर में जिला स्तर पर कंट्रोल रूम भी स्थापित किया है। कंट्रोल रूम 10 और 11 मई को 24 घण्टे कार्यरत रहेगा तथा जिले के किसी भी क्षेत्र से बाल विवाह की सूचना मिलने पर तत्काल इसकी जानकारी अनुविभाग स्तर पर नामांकित बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास विभाग को देगा। कोई भी व्यक्ति दूरभाष नम्बर 0761-2625527 पर सम्पर्क कर इस कंट्रोल रूम को बाल विवाह होने की सूचना दे सकेगा। कंट्रोल रूम का नोडल अधिकारी वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी प्रशासक सावित्री दुबे को बनाया गया है।

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