मध्य प्रदेश

जिला प्रशासन द्वारा जिले में अक्षय तृतीया के पूर्व रोके गये 6 बाल विवाह

ब्यूरो चीफ भगवत सिंह लोधी
दमोह । कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग जिला दमोह जे.एस. वर्मा के मार्गदर्शन में अक्षय तृतीय एवं इसके पूर्व बाल विवाह रोकथाम हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग/ एस जे पी यू की संयुक्त सक्रियता से जिले के विभिन्न स्थानों पर 6 बाल विवाह जिसमे 3 बालक एवं 3 बालिका के बाल विवाह रोके गये, जिसमे दमोह विकासखंड के 5 एवं तेंदुखेडा का 1 ग्राम शामिल थे। इस हेतु बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 अंतर्गत कार्यवाही की गई।
ज्ञातव्य हो की अक्षय तृतीय के पूर्व संचालनालय महिला एवं बाल विकास विभाग एवं कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर के विशेष निर्देश के पालन में जिला एवं प्रत्येक विकासखंड स्तर पर बाल विवाह रोकथाम हेतु विशेष दल गठित किये गए हैं जिनके द्वारा बाल विवाह की सूचना प्राप्त होने पर त्वरित रूप से विशेष दल सम्बंधित परिवारों से मिलकर उन्हें समझाइस दे रहे हैं तथा साक्ष्य एकत्रित कर उन्हें बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम अनुसार जिसमे बालिका की उम्र 18 वर्ष एवं 21 से पहले लड़के की शादी करना अजमानतीय अपराध है जिसमे 2 वर्ष की सजा या 1 लाख का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है के बारे में विस्तार से बतलाते हुए बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों जिसमे विवाह उपरांत मातृत्व मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, उसके बाद होने वाला कुपोषण एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में विस्तृत रूप से सम्बंधित परिवार एवं समाज के लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं।

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