मध्य प्रदेश

जरा सी बारिश….. और अचानक बन्द हो जाती है बिजली सप्लाई, दो बार मेंटेनेंस के बाद भी गड़बड़ा रहा बिजली सिस्टम, बिजली कंपनी के अधिकारियों को नहीं है जनता की परवाह

रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। मप्र मध्य क्षेत्र बिजली कंपनी रायसेन डिवीजन शहरी, ग्रामीण क्षेत्र का बिजली सिस्टम बजाय सुधरने के बिगड़ता जा रहा है। हालात इस समय बद से बदतर होते जा रहे हैं।जरा सी हवा चलने और बारिश होने से बिजली सप्लाई चरमरा जाती है। हालांकि साल में दो बार बिजली कंपनी के अधिकारियों करोड़ों रुपये का बजट खर्च कर लाइट मेनटेनेंस कार्य कराया जाता है।इधर बारिश जिला मुख्यालय पर शुरू होते ही घण्टों बिजली व्यवस्था ठप्प हो जाती है। उपभोक्ताओं की शिकायत के बाद भी नगर में बिजली व्यवस्था ठप्प रहती है।
जनता और व्यापारी परेशान होते रहते हैं। मगर उनकी समस्या सुनने वाला कोई नहीं होता। लेकिन फील्ड के लाइनमैनों और अधिकारियों को उनकी बिजली समस्याओं से मानो कोई सरोकार नहीं रहता।
इसमें हैरत की बात तो यह कि अगर रात के समय बारिश में शहर के बिजली कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों एसीई,सीई को अगर फॉल्ट होने की कोई सूचना देता है तो तत्काल अफसरों का रिस्पांस तो मिलता है।मगर फील्ड में तैनात एई,जेई रात में अंधेरे में डूबे गली मोहल्ले की लाइट व्यवस्था बहाल कराने के लिए मोबाइल फोन तक रिसीव करना मुनासिब नहीं समझते। ऐसी स्थिति में लोगों को बरसात के इस मौसम में रात अंधेरे में गुजारने को मजबूर हैं।
मेनटेनेंस के नाम पर पेड़ों टहनियों की कटाई…
बिजली कंपनी द्वारा साल में 2 या 3 बार लाइट मेनटेनेंस कराने का दावा किया जाता है। इसके बाद भी बारिश हवा के चलने से बिजली गुल होना आम समस्या बन चुकी है। जानकारों का कहना है कि पिछले कुछ समय से अक्सर देखने में आ रहा है कि मेंटेनेंस के नाम पर पेड़ों की सिर्फ छंटाई कर रस्म अदायगी कर दी जाती है।
जहां कहीं भी बिजली तारों, केबिलों के आसपास पेड़ों की टहनियां या पत्तियां टकरा रही हैं। उन्हें काटकर केवल लाइट मेंटेनेंस की औपचारिकता एं पूरी की जा रही हैं।
बिजली उपकरणों की खराबी बन रही मुसीबत….
बिजली कंपनी के फील्ड में कार्य करने वाले तकनीकि कर्मचारियों का कहना है कि सबसे ज्यादा दिक्कतें उपकरण खराबी से आ रही हैं। दरअसल पिछले कुछ समय से देखने में यह आ रहा है कि जब बारिश होती है तो तेज हवाएं चलती हैं। तो शहर के कई हिस्सों में बिजली फॉल्ट की समस्या सामने आने लगती हैं। इस लाइट फॉल्ट का कारण उपकरण में खराबी आना बताया जाता है।डियो बर्स्ट होना, जंपर जलना, निकलना या खराब हो जाने की समस्या, इंसुलेटर खराब हो जाना, डिस्क पंक्चर होना से लेकर एमई खराब हो जाने की समस्या सामने आती हैं। इस तरह बड़े पैमाने पर उपकरणों की खराबी होने पर खरीदी प्रक्रिया पर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि लंबे समय से समिति भी बदली नहीं गई है। इतना ही नहीं पूर्व में उपकरण खरीदी की जो प्रक्रिया थी उपकरण खरीदने के पहले अलग अलग टीमों से जांच कराई जाती थी। इसके बाद ही खरीदी हो पाती थी।

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