ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग रविवार, 01 जनवरी 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦ .
🧾 आज का पंचाग 🧾
शनिवार 14 जनवरी 2023

शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
🔥 14 जनवरी 2023 दिन शनिवार को माघ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। आज भगवान सूर्य मकर राशी में प्रवेश करेंगे। परन्तु आज रात्रि 12 बजे के उपरान्त रात्रि – 03:02 मिनट पर भगवान सूर्य धनु राशी का परित्याग कर मकर राशी में प्रवेश कर जायेंगे। परन्तु पुण्यकाल तारीख 15 जनवरी 2023 को होगा, उसका विस्तृत विवरण कल के पञ्चांग में आपको मिल जायेगा। इसलिए मकर संक्रान्ति का पर्व कल अर्थात 15 जनवरी को मनाया जायेगा। आज कालाष्टमी व्रत है। आज तिथिमत के अनुसार स्वामी विवेकानन्द जी की जन्म जयन्ती है। आज ही पंजाब में लोहरी का पावन पर्व मनाया जाता है। आप सभी सनातनियों को कालाष्टमी, स्वामी विवेकानन्द जयन्ती एवं लोहरी के पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।।
☄️ दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात शनिवार को पीपल वृक्ष में मिश्री मिश्रित दूध से अर्घ्य देने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। पीपल के नीचे सायंकालीन समय में एक चतुर्मुख दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी ग्रह दोषों की निवृति हो जाती है।
पुराणों में वर्णित है कि पिप्पलाद ऋषि ने अपने बचपन में माता पिता के वियोग का कारण शनि देव को जानकर उनपर ब्रह्म दंड से प्रहार कर दिया, जिससे शनि देव घायल हो गए। देवताओं की प्रार्थना पर पिप्पलाद ऋषि ने शनि देव को इस बात पर क्षमा किया कि शनि जन्म से लेकर 16 साल तक की आयु तक एवं उनके भक्तो को किसी को भी कष्ट नहीं देंगे। तभी से पिप्पलाद का स्मरण करने से ही शनि देव के प्रकोप से मुक्ति मिल जाती है।
शिवपुराण के अनुसार शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि की पीड़ा शान्त हो जाती है ।
🔮 शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
🌐 संवत्सर नाम-राक्षस
✡️ शक संवत 1944 (शुभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत 5123
☣️ सायन उत्तरायण
🌦️ ऋतु – सौर शिशिर ऋतु
🌤️ मास – माघ मास
🌒 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि – सप्तमी 19.22 PM तक तत्पश्चात अष्टमी
✏️ तिथि का स्वामी – सप्तमी तिथि के स्वामी सूर्य देव जी और अष्टमी तिथि के स्वामी भगवान भोलेनाथ जी है।
💫 नक्षत्र – हस्त 18.14 PM तक तत्पश्चात चित्रा
🪐 नक्षत्र के स्वामी :- हस्त नक्षत्र के देवता सुर्य और स्वामी चंद्र देव जी है।
🔊 योग – अतिगण्ड 12.34 PM तक तत्पश्चात सुकर्मा
प्रथम करण : बव – 07:22 पी एम तक
द्वितीय करण : बालव – पूर्ण रात्रि तक
🔥 गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6 से 7:30 बजे तक ।
⚜️ दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिये, यदि अत्यावश्यक हो तो अदरख एवं घी खाकर यात्रा कर सकते है।
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सुबह 09:00 बजे से 10:30 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 06:43:38
🌅 सूर्यास्त – सायं 17:17:32
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:27 ए एम से 06:21 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:54 ए एम से 07:15 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:09 पी एम से 12:51 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:15 पी एम से 02:57 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:42 पी एम से 06:10 पी एम
🏙️ सायाह्न सन्ध्या : 05:45 पी एम से 07:06 पी एम
💧 अमृत काल : 11:49 ए एम से 01:32 पी एम
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:03 ए एम, जनवरी 15 से 12:57 ए एम, जनवरी 15
🪷 द्विपुष्कर योग : 06:14 पी एम से 07:22 पी एम
❄️ रवि योग : 07:15 ए एम से 06:14 पी एम
☀️ सुकर्मा योग- आज दोपहर 12 बजकर 34 मिनट से
💥 यायीजय योग- आज सूर्योदय से लेकर शाम 6 बजकर 14 मिनट तक
☄️ हस्त नक्षत्र- आज शाम 6 बजकर 14 मिनट तक
🚓 यात्रा शकुन-शर्करा मिश्रित दही खाकर घर से निकलें।
👉🏻 आज का मंत्र-ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनयै नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-किसी पवित्र नदी में काले तिल का उबटन लगाकर स्नान कर शनि मंदिर में काले तिल के लड्डू अर्पित करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-शमी के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
⚛️ पर्व एवं त्यौहार – धनुर्मास समाप्ति, मकर संक्रान्ति/सूर्य गोचर (मध्यरात्रि 3:11), अंतर्राष्ट्रीय पतंग दिवस, भोगी (द.भा), स्वामी विवेकानन्द जयन्ती (तिथि पुजा), भूतपूर्व मुख्यमंत्री सुरजीत सिंह बरनाला पुण्य तिथि, बिन्देश्वरी दुबे राजनीतिज्ञ जन्म दिवस, अर्थशास्त्री सी. डी. देशमुख जन्म दिवस, पूर्व सैनिक दिवस, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग स्थापना दिवस, सशस्त्र बल भूतपूर्व सैनिक दिवस, मकर संक्रांति, अंतर्राष्ट्रीय फ़िल्म समारोह दिवस (10 दिवसीय), राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सप्ताह 11 जनवरी- 17 जनवरी तक।
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विशेष – सप्तमी तिथि को आँवला त्याज्य बताया गया है। सप्तमी तिथि मित्रप्रद तिथि मानी जाती है। इतना ही नहीं यह सप्तमी तिथि एक शुभ तिथि भी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्य देवता हैं। यह सप्तमी तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह सप्तमी तिथि कृष्ण पक्ष में मध्यम फलदायीनी मानी जाती है। इस सप्तमी तिथि को सुबह सर्वप्रथम स्नान करके भगवान सूर्य को सूर्यार्घ देकर उनका पूजन करना चाहिये। उसके बाद आदित्यह्रदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिये। इससे जीवन में सुख, समृद्धि, हर्ष, उल्लास एवं पारिवारिक सुखों कि सतत वृद्धि होती है। सप्तमी तिथि में भगवान सूर्य की पुजा करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
🗽 Vastu Tips 🏝️
वास्तु शास्त्र में कई ऐसे नियमों के बारे में बताया गया है, जिनका यदि पालन किया जाए तो घर में सुख-समृद्धि आती है साथ ही परिवार के लोग तरक्की भी करने लगते हैं। वास्तु में घर में हर चीज को रखने के कुछ न कुछ नियम होते हैं। वास्तु कहता है कि अगर इन्हें सही दिशा या सही जगह पर न रखा जाए, तो इससे वास्तु दोष लग सकते हैं और ये वास्तु दोष घर में तनाव पैदा करता है। घर के वास्तु दोष होने से परिवार के बीच लड़ाई का कारण तो बनते ही है साथ ही पिता और पुत्र के रिश्तों में भी दरार पैदा करते हैं। अगर आप कुछ बातों का ध्यान रखते हैं तो पिता और बेटे के बीच के संबंधों को सुधारा जा सकता है। ऐसे में वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए वास्तु दोष के कारण पिता-पुत्र के बीच तनाव के बारे में।
कई बार घर में कुछ वास्तु दोष पिता-पुत्र के रिश्ते में अनबन का कारण बन जाते हैं। इसलिए आज हम आपको बता रहें कि कैसे आप उन वास्तु दोषों से छुटकारा पा सकते हैं और अपने रिश्ते में पहले जैसा प्यार वापस ला सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पिता-पुत्र के बीच तनाव का सबसे बड़ा कारण घर के उत्तरी-पूर्वी कोने का दूषित होना है। इस कोने में किसी भी प्रकार के वास्तु दोष होने के कारण ही पिता-पुत्र में झगड़े होते हैं। इसलिए इन सबसे छुटकारा पाने के लिए घर की उत्तर-पूर्व दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए। साथ ही इस दिशा में कभी भी कूड़ेदान नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से घर के सदस्यों के बीच आपस में मन-मुटाव होता है और सब एक-दूसरे से ईर्ष्या करने लगते हैं। अगर आप भी घर में पिता और पुत्र के बीच अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं, तो हमेशा घर की उत्तर-पूर्व दिशा को साफ रखे।
▶️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
ठंडे पैरों की समस्‍या दूर करने के घरेलू उपाय
हीटिंग पैड का करें इस्तेमाल अगर आपके तलवे हर समय ठंडे रहते हैं तो उन्हें गर्म करने के लिए आप हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें। रात में सोने से पहले भी अपने पैरों को हीटिंग पैड से सेक लें। जब आपको कहीं बाहर जाना हो तो मोजे जूते पहनने से पहले हीटिंग पैड से तलवों का गर्म करना ना भूलें। आपको ये हीटिंग पैड आसानी से ऑन लाइन या किसी भी मार्केट में मिल जाएंगे।
गर्म पानी से धोएं ठंडे और सुस्त पैरों से छुटकारा पाने के लिए आप अपने पैरों को गर्म पानी में डूबकर रखें या गर्म कपड़ों से उनकी सिंकाई करें। ऐसा करने से पैरों के ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होगा मांसपेशियों में जो खिंचाव आया है वो कम होगा। अपने पैर को धोते वक्‍त आप पानी में नमक जरूर डालें।
गर्म तेल से करें मसाज पैरों में गर्माहट वापस लाने के लिए आप अपने पैरों और तलवों का गर्म तेल से मालिश करें। इसके लिए आप सरसों के तेल में थोड़ा अजवाइन मिलाएं और उसे गर्म कर अपने पैरों की मालिश करें। इससे ब्‍लड फ्लो आसनी से बढ़ेगा और ऑक्सीजन की आपूर्ति में सुधार होगा।
🍻 आरोग्य संजीवनी 🍺
प्रात: और सायं गुनगुने पानी में मिलाकर पीने से शरीर की चर्बी कम होती है I गर्मियों के बड़े गिलास में 2 चम्मच शहद और नींबू का रस मिलाकर शहद की शिकंजी पीने से शरीर को तत्काल ऊर्जा मिलती है और पेशाब भी खुलकर आती है I_*
शुद्ध शहद आँखों में लगाने से नेत्रज्योति बढ़ती है I
अनिद्रा व कब्ज की शिकायत में शहद के नियमित सेवन से लाभ होता है I
रक्तचाप बढ़ने पर लहसून के साथ शहद लेना चाहिए I
बच्चों को नौ मास शहद देने से उन्हें किसी प्रकार का रोग नहीं होता I
आँतों की शिकायत में आँवले के रस के साथ शहद का सेवन करना चाहिए I
शहद को अनार के रस में मिलाकर लेने से दिमागी कमजोरी, सुस्ती, निराशा तथा थकावट दूर होती है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
आचार्य श्री गोपी राम के मुताबिक हर पुरुष या स्त्री अपने लिए बेहतर जीवनसाथी की तलाश करता है।शास्त्रानुसार कई ऐसे गुण बताए गए है जिनके पता होने से एक आदर्श पत्नी के गुणों का पता लगाया जा सकता है।
हमने शास्त्र में स्त्री के कई ऐसे चिह्न बताये हैं। जिनको जानने के बाद एक स्त्री के स्वभाव और आदतों के बारे में पता लगाया जा सकता है। आईए आपको स्त्री के उन गुणों के बारे में बताते है।
हथेली पर चिन्ह शास्त्र के अनुसार जिस स्त्री की हथेली पर किसी मांसभक्षी पशु या पक्षी की आकर बना हुआ होता हैं ,वे दूसरों के दुख की वजह बन जाती है। जिन स्त्रियों की हथेली में ऐसे चिन्ह पैर जाते हैं उनसे हमेशा दूर ही रहना चाहिए।
कान पर बाल जिन महिलाओं के कान पर बाल देखने को मिलते हैं, तो ये बिल्कुल भी सही नहीं हैं। ऐसी महिलाए स्वभाव में उग्र होती है और घर में लड़ाई-झगड़े विवाद की वजह बनती हैं। जिनकी वजह घर में हमेशा लड़ाई का माहोल बना रहता है।
डिंपल आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार जिन स्त्री के गालों पर डिंपल होता है, वे स्त्री चरित्र से ठीक नहीं होती हैं। ऐसी स्त्री न चाहते हुए भी दूसरों की और ज्यादा आकर्षित होने लगती हैं।
बड़े दांत हमने कहा बताया गया है कि जिन महिलाओं के दांत चौड़े, मोटे, लंबे और बाहर निकले हुए होते हैं ऐसी महिलाओं के जीवन में बहुत ज्यादा दुःख होता है। ऐसी महिला चाह कर भी खुद को खुश नहीं रख पाती है।
पीली आंख वैसे तो बहुत कम देखने को मिलता हैं, लेकिन आपको बता दें कि जिस महिला की आंखे पीली होती हैं वे हमेशा डरी हुई रहती है। ऐसे महिलाए बहुत कम अकेले रहती हैं। अगर अकेली रही भी तो अकेले रहने की वजह इनका स्वभाव बुरा हो जाता है।
छोटी गर्दन जिन महिलाओं की गर्दन बहुत छोटी होती है वे कोई भी फैसला खुद नहीं ले सकती हैं। हमेशा दूसरों के फैसलों पर निर्भर रहती है।
लंबी गर्दन जिस महिला की गर्दन चार उंगुलियों से ज्यादा लम्बी वे वंश के विनाश की वजह बनती है ऐसी स्त्री मुश्किल से ही देखने को मिलती है।
●●●●★᭄ॐ नमः श्री हरि नम: ★᭄●●●●●
⚜️ सप्तमी के स्वामी भगवान सूर्य देव हैं। इस दिन आदित्यह्रदय स्रोत्र का पाठ अवश्य करें।
सप्तमी तिथि को शुभ प्रदायक माना गया है, इस तिथि में जातक को सूर्य का शुभ प्रभाव प्राप्त होता है ।
सप्तमी तिथि में जन्मा जातक भाग्यशाली, गुणवान, तेजयुक्त होता है उसकी काबिलियत से उसे सभी क्षेत्रो में सम्मान प्राप्त होता है।
सप्तमी के दिन भगवान सूर्य देव के मन्त्र “ॐ सूर्याय नम:”।। की एक माला का जाप अवश्य ही करें । सप्तमी की दिशा वायव्य मानी गयी है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्तमी तिथि को मां कालरात्रि की पूजा का भी दिन माना जाता है, जो समस्त संकटों का नाश करने वाली हैं। अत: इस दिन माँ काली की आराधना, स्मरण अवश्य करें ।
सप्तमी के दिन माँ काली जी के मन्त्र “ॐ क्रीं काल्यै नमः” का जाप करने से समस्त भय और संकट दूर होते है।
सप्तमी तिथि के दिन उत्साह से भरे, शुभ मंगल कार्य करना शुभ माना जाता है। किसी नए स्थान की यात्रा करना, नए कार्यो को करने के लिए भी यह त शुभ मानी जाती हे।

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