ज्योतिष

Aaj ka Panchang आज का पंचांग रविवार, 08 जनवरी 2023

आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला हिसार हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचांग 🧾
रविवार 08 जनवरी 2023

भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
🌠 रविवार को की गई सूर्य पूजा से व्यक्ति को घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन उगते हुए सूर्य को देव को एक ताबें के लोटे में जल, चावल, लाल फूल और रोली डालकर अर्ध्य करें।
इस दिन आदित्य ह्रदय स्रोत्र का पाठ करें एवं यथा संभव मीठा भोजन करें। सूर्य को आत्मा का कारक माना गया है, सूर्य देव को जल देने से पितृ कृपा भी मिलती है।
रविवार के दिन भैरव जी के दर्शन, आराधना से समस्त भय और संकट दूर होते है, साहस एवं बल की प्राप्ति होती है। रविवार के दिन जी के दर्शन अवश्य करें
रविवार के दिन भैरव जी के मन्त्र ” ॐ काल भैरवाय नमः “ या ” ॐ श्री भैरवाय नमः “ की एक माला जाप करने से समस्त संकट, भय दूर होते है, रोगो, अकाल मृत्यु से बचाव होता है, मनवांछित लाभ मिलता है।
🔮 शुभ विक्रम संवत्-2079, शक संवत्-1944, हिजरी सन्-1443, ईस्वी सन्-2022
🌐 संवत्सर नाम-राक्षस
✡️ शक संवत 1944 (शुभकृत् संवत्सर)
☸️ काली सम्वत 5123
☣️ सायन उत्तरायन
🌦️ ऋतु – सौर शिशर ऋतु
🌤️ मास – माघ माह
🌗 पक्ष – कृष्ण पक्ष
📆 तिथि : द्वितीया – पूर्ण रात्रि तक
✏️ तिथि के स्वामी :- द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी है।
💫 नक्षत्र : पुष्य – 06:05 ए एम, जनवरी 09 तक
🪐 नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- पुष्य नक्षत्र के देवता देव गुरु बृहस्पति और स्वामी शनि देव जी है ।
📢 योग – वैधृति 9.43 AM तक तत्पश्चात विष्कम्भ
प्रथम करण : – तैतिल 8.23 AM तक करण के स्वामी, स्वभाव :- तैतिल करण के स्वामी विश्वकर्मा जी और स्वभाव सौम्य है।
द्वितीय करण : – गर करण के स्वामी, स्वभाव :- गर करण के स्वामी भूमि तथा स्वभाव सौम्य है।
🔥 गुलिक काल : – अपराह्न – 3:00 से 4:30 तक ।
⚜️ दिशाशूल – रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल (अशुभ) – सायं 04 :30 बजे से 06 :00 बजे तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदय – प्रातः 07:15
🌅 सूर्यास्त – सायं 17:40
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 05:26 ए एम से 06:21 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 05:54 ए एम से 07:15 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 12:07 पी एम से 12:49 पी एम
✡️ विजय मुहूर्त : 02:12 पी एम से 02:54 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 05:38 पी एम से 06:05 पी एम
🎆 सायाह्न सन्ध्या : 05:40 पी एम से 07:02 पी एम
💧 अमृत काल : 10:54 पी एम से 12:42 ए एम, जनवरी 09
🗣️ निशिता मुहूर्त : 12:01 ए एम, जनवरी 09 से 12:55 ए एम, जनवरी 09
🪷 रवि पुष्य योग : 07:15 ए एम से 06:05 ए एम, जनवरी 09
सर्वार्थ सिद्धि योग : 07:15 ए एम से 06:05 ए एम, जनवरी 09
☄️ वैधृति योग – आज सुबह 9 बजकर 43 मिनट तक
🌸 पुष्य नक्षत्र – आज का पूरा दिन पार कर के अगली सुबह 6 बजकर 5 मिनट तक
🚓 यात्रा शकुन-इलायची खाकर यात्रा प्रारंभ करें।
👉🏻 आज का मंत्र-ॐ घृणि: सूर्याय नम:।
🤷🏻‍♀️ आज का उपाय-विप्र को स्वर्ण भेंट करें।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-बेल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
💮 पर्व एवं त्यौहार – रविपुष्य योग/सर्वार्थसिद्धि योग, केशव चन्द्र सेन – (धार्मिक व सामाजिक सुधारक, जो ‘ब्रह्म समाज’ के संस्थापक) स्मृति दिवस, स्वतंत्रता सेनानी जयप्रकाश नारायण तथा राममनोहर लोहिया शहिद दिवस, गरीबी दिवस पर युद्ध, पृथ्वी का घूर्णन दिवस, राष्ट्रीय जॉयजर्म दिवस, एल्विस प्रेस्ली का जन्मदिन, सेवाश्रम संघ के स्वामी प्रणवानंदा महाराज पुण्य तिथि, हिन्दी साहित्यकार – रामचन्द्र वर्मा जन्म दिवस, आशापूर्णा देवी, उपन्यासकार जन्मोत्सव, अफ़्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस स्थापना दिवस, राष्ट्रीय दृष्टि बोर्ड दिवस, मूल प्रारंभ
✍🏼 विशेष – द्वितीया तिथि को कटेरी फल का तथा तृतीया तिथि को नमक का दान और भक्षण दोनों त्याज्य बताया गया है। द्वितीया तिथि सुमंगला और कार्य सिद्धिकारी तिथि मानी जाती है। इस द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्माजी हैं। यह द्वितीया तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वितीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी होती है।
🏘️ Vastu tips 🏚️
वास्तु शास्त्र में आज आचार्य श्री गोपी राम से जानिए दिशाओं के बारे में। हर दिशा का संबंध किसी न किसी ऊर्जा से माना जाता है। किसी भी काम को करने की दिशा ही हमारी सफलता को दर्शाती है। ऐसे ही कुछ कामों के बारे में जानिए।
दुकान या ऑफिस में काम करते समय, उसके मुखिया का मुंह हमेशा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। इससे काम में हमेशा सफलता मिलती है और बिजनेस में बढ़ोतरी होती है। पढ़ाई करते समय विद्यार्थियों का मुंह पूर्व दिशा की ओर हो तो सबसे अच्छा माना जाता है। बाकी उत्तर या पश्चिम दिशा में मुंह करके भी पढ़ सकते हैं।
खाना बनाते समय ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए कि खाना बनाने वाले का मुंह पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा की ओर हो। इससे खाना बनाने वाले की सेहत हमेशा अच्छी बनी रहती है। साथ ही खाना खाने वाले के मुंह की दिशा भी पूर्व या उत्तर दिशा में होनी चाहिए। इससे शरीर को मिलने वाली ऊर्जा पूरी तरह से मिलती है।
➡️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
पेट में गैस बनने पर कैसे सोना चाहिए – पेट में गैस बनने पर बाईं करवट हो कर सोएं। दरअसल, ये तरीका सच में कारगर तरीके से काम करता है। दरअसल, बाईं करवट सोने सेगुरुत्वाकर्षण छोटी आंत से बड़ी आंत तक पाचन तंत्र के माध्यम से वेस्ट प्रोडक्ट को अधिक आसानी से स्थानांतरित करने में मदद करती है। यह गैस और सूजन और अन्य पाचन संबंधी असुविधाओं से होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करता है।
बाईं करवट सोने के फायदे- बाईं करवट करके सोने के कई फायदे हैं। दरअसल, इस करवट सोने से आपका डाइजेशन सही होता है और फूड मेटाबोलिज्म तेजी से होता है। इसके अलावा इस करवट सोने से ब्रेन और पेट के बीच सही पाचन को लेकर बातचीत यानी कम्युनिकेशन रहता है और पेट अपना काम आसानी से करता है। इसके अलावा इस करवट सोने से बाइल जूस या कहें कि खाना पचाने वाला एसिडिक जूस फूड पाइप के जरिए ऊपर की ओर नहीं जाता जिससे सीने में जलन की समस्या नहीं होती है।
🩸 आरोग्य संजीवनी 🫀
किडनी में पथरी के लक्षण कमर के निचले हिस्से में दर्द पीठ के निचले हिस्से या कमर के निचले हिस्से में दर्द महसूस होना किडनी में पथरी का गंभीर लक्षण हो सकता है। यह दर्द एक सुस्त दर्द के रूप में शुरू हो सकता है जो आ और जा सकता है। लेकिन, समय के साथ यह गंभीर भी हो सकता है।
पेशाब में जलन महसूस करना जब पथरी आपके मूत्रवाहिनी और आपके मूत्राशय के बीच के क्षेत्र में पहुंचती है, तो आपको पेशाब करते समय दर्द या जलन का अनुभव हो सकता है। दरअसल, ये पेशाब में रूकावट पैदा करती है और ऐसे में इन लक्षण को नजरअंदाज करने से बचना चाहिए।
मतली और उल्टी जैसे-जैसे पथरी आपके मूत्रवाहिनी में जाती है, पतली नलियां जो पेशाब को आपके गुर्दे से आपके मूत्राशय तक जाने देती हैं उनमें दर्द रह सकता है और ये पाचन तंत्र को प्रभावित करते हैं। इससे शरीर का वेस्ट प्रोडक्ट बाहर नहीं निकल पाता है और मतली और उल्टी की समस्या होती है।
मल का रंग बदलना अगर आपके मल का रंग लगातार बदल रहा है और ये गुलाबी या भूरे रंग का नजर आ रहा है तो ये हेमट्यूरिया का संकेत हो सकता है। इसमें मूत्र मार्ग की अस्तर कोशिकाओं पर पथरी का सीधा प्रभाव पड़ता है जिससे ब्लीडिंग होती है। ये पत्थर के आकार और प्रभाव के आधार पर हो सकता है।
📖 गुरु भक्ति योग 🕯️
दिल पर नहीं लेतीं बात: शास्त्र के अनुसार बात-बात पर रो देने वाली महिलाएं दिल की बेहद साफ होती हैं. दरअसल भावुक महिलाएं अक्सर अपने मन की कड़वाहट और गुस्से को रोकर निकाल देती हैं. जिसके चलते ऐसी महिलाएं किसी की बात को दिल पर नहीं लगाती हैं और सभी को जल्दी माफ करने में यकीन रखती हैं. महिलाओं का ये स्वभाव परिवार की सुख और शांति बनाए रखने में सहायक होता है।
नियम की पक्की: जल्दी भावुक होने वाली महिलाएं अनुशासन में रहना पसंद करती हैं. शास्त्र नीति के अनुसार अनुशासन में रहने और नियम-कानून अपनाने वाली महिलाएं न सिर्फ अपनी सफलता का मार्ग सुनिश्चित करने में माहिर होती हैं बल्कि दूसरों के लिए मिसाल कायम करती हैं।
धार्मिक स्वभाव: आचार्य श्री गोपी राम की मानें तो भावुक होने वाली महिलाएं अधिकतर धार्मिक स्वभाव की होती हैं. वहीं धार्मिक कार्यों में रुचि लेने के कारण ऐसी महिलाओं का मन शांत और एकाग्र रहता है. जिसके चलते महिलाएं दूसरों का बुरा सोचने के बजाए अपने जीवन के लक्ष्य में ही खुश और मग्न रहती हैं।
साफ रहता है मन: भावुक महिलाएं अक्सर इमोश्नल होने पर गुस्सा करने के साथ-साथ रोने भी लगती हैं. साथ ही कुछ महिलाएं भावुकता में चीखती-चिल्लाती भी नजर आती हैं।ऐसी महिलाओं का मन बिल्कुल साफ होता है और वो किसी से कोई बैर या दुश्मनी भी नहीं रखती हैं.
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⚜️ पुष्य नक्षत्र को नक्षत्रो का राजा भी कहते है, उसमें भी रवि पुष्य नक्षत्र एवं गुरु पुष्य नक्षत्र बहुत ही शुभ माने जाते है। इस अवसर पर किया गया शुभ कार्य अति लाभ दायक और चिरस्थाई होता है।
पुष्य नक्षत्र का नक्षत्र आराध्य वृक्ष: पीपलं तथा नक्षत्र का स्वाभाव शुभ माना जाता है।
शास्त्रों में लिखा है कि पुष्य नक्षत्र में शुरू किये गए सभी कार्य पुष्टिदायक, सर्वथा सिद्ध होते ही हैं, निश्चय ही फलीभूत होते हैं ।
पुष्य नक्षत्र के दिन माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त, श्री महा लक्ष्मी अष्टकम का पाठ करना अत्यंत पुण्य दायक माना जाता है।
पुष्य नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 8 और 2, भाग्यशाली रंग लाल, नीला, भाग्यशाली दिन शनिवार, सोमवार और बुधवार होता है ।

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