मध्य प्रदेश

गिले शिकवे भुलाकर खिलाई एक- दूसरे को मिठाई, माला पहनाकर फिर एक हुए पति-पत्नी

रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन।
आपस के छोटे-मोटे विवादों के दंपति के बीच ऐसी दरार पड़ गई कि शादी के कुछ दिन बाद ही दोनों अलग हो गए। हालात इतने बिगड़ गए कि पत्नी ने पति साथ रहने से ही इंकार कर दिया, लेकिन दोनों का आपसी प्रेम और परिवार परामर्श केंद्र के प्रयासों ने उन्हें हमेशा के लिए दूर नहीं होने दिया। आखिकार दोनों ने अपने रिश्ते को बचाने के लिए अपनी पुरानी गलतियों से तौबा की और सारे गिले-शिकवे भूलकर एक दूसरे को मिठाई खिलाई व माला पहनाकर कर खुशी खुशी पाने दाम्पत्य जीवन की शुरुआत की।
मंगलवार को परिवार परामर्श केंद्र का माहौल उस समय खुशियों से भर गया, जब 6 महीने से दूर पति पत्नी आज हँसते मुस्कुराते एक साथ अपने घर लौटे। दोनों ने एक बार फिर एक दूसरे को माला पहनाकर व मुह मीठा कराके जीवन की मंगल शुरुआत की। रायसेन निवासी शनि तिलचौरिया ने मायके में रह रही अपनी पत्नी को वापस बुलाने की गुहार लगाई थी। उसके शादी करीब ढाई साल पहले भोपाल निवासी पूजा से हुई थी। कुछ समय दोनों के बीच सबकुछ ठीक रहा, लेकिन जब पत्नी भोपाल जॉब करने लगी तो दोनों में छोटी छोटी बातों को लेकर मतभेद होने लगे। कुछ समय मे मतभेद इतने बड़ गए कि पत्नी विगत 6 माह पहले अपने मायके में जाकर रहने लगी। पत्नी अपने पति से इतनी नाराज थी कि पहले तो उसने पति के साथ रहने से साफ इंकार कर दिया था। हालांकि तीन चरण की काउंसलिंग के बाद दोनों ने समझदारी दिखते हुए अपने घर को बचाने का निर्णय लिया। मंगलवार को दोनों खुशी ख़ुसी फूल माला और मिठाई लेकर परिवार परामर्श केंद्र पहुचे, जहाँ एक-दूसरे का मुह मीठा कर व माला पहनाकर फिर से दाम्पत्य जीवन की शुरुआत की। परिवार परामर्श केंद्र के सभी सदस्यों ने उन्हें उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
मंगलवार को बैठक में करीब 17 प्रकरण रखे गए थे, जिनमे से 10 प्रकरणों में दोनों पक्षों की सुनवाई करते हुए, उन्हें निराकृत कर नस्तीबद्ध किया गया। अन्य प्रकरणों में पक्षकारों के अनुपस्थिति रहने पर उन्हें आगामी तारीख दी गई।
परिवार परामर्श केंद्र की बैठक में एसडीओपी अदिति भावसार, अध्यक्ष कैलाश श्रीवास्तव, सलाहकार अशोक गुप्ता, चेतन राय, अनीता राजपूत, एएसआई अनिल वर्मा, आरक्षक लोकेंद्र मोर्य उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि एसपी विकास शहवाल के मार्गदर्शन में हर मंगलवार को एसडीओपी कार्यालय में परिवार परामर्श केंद्र की बैठक आयोजित की जाती है, जिसके माध्यम से परिवारिक विवादों को आपसी सहमति के सुलझाने का प्रयास किया जाता है।
परिजनों ने मर्जी के खिलाफ कराई शादी, पत्नी बोली मुझे तलाक चाहिए
करीब 6 महीने पहले बड़ी निवासी एक युवक की रायसेन निवासी एक युवती से शादी हुई थी। इस प्रकरण में सुनवाई के बाद सामने आया कि लड़की की शादी उसके परिजनों ने उसकी मर्जी के खिलाफ की थी। दरअसल लड़की किसी और को चाहती थी, उसी से शादी करना चाहती थी, इस तरह के लिखित बयान लड़की द्वारा पूर्व में न्यायालय में भी दर्ज कराए हैं, लेकिन लड़की के परिजनों ने उसकी मर्जी के खिलाफ उसकी शादी बाड़ी निवासी एक लड़के से कर दी। शादी के बाद से ही लड़की ससुराल वालों पर तरह तरह के आरोप लगाकर बार बार मायके आ जाती, उसने पति के भी साफ बिल दिया कि वह उसे छुए न वह किसी और कि अमानत है। हालांकि या सब जानने के बाद भी लड़का और उसका पिता बहू को अपने साथ लेजाने तैयार थे, लेकिन उसे आगे से पुरानी सारी बातें भूलना होंगी। परन्तु लड़की ने ससुराल जाने से साफ मना कर दिया और बोली उसे पति से तलाक चाहिये। दोनो के बयान दर्ज कर प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया।

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