अनंत: उमरियापान बीएमओ का ग्वालियर हुआ तबादला, चर्चाओं में रहा डॉ. सुनील पाराशर का कार्यकाल
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान। उमरियापान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ बीएमओ डॉ. सुनील पाराशर का स्थानांतरण अनंत: जिला ग्वालियर के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बैहट कर दिया गया है।
विदित हो कि जब से डॉ.सुनील पाराशर ने उमरियापान सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का का चार्ज लिया था तब से हमेशा डॉ. पाराशर विवादों में रहे है और इनकी कार्यप्रणाली को लेकर मृगांचल एक्सप्रेस ने प्रमुखता के साथ इनके कारनामें उजागर किये थे। डॉ. पाराशर की कार्यप्रणाली से राजनीतिक दल भी बहुत परेशान थे और पिछले दिनों स्थानीय कांग्रेस नेताओं के द्वारा कलेक्टर और बड़वारा विधायक को पत्र प्रेषित कर उमरियापान बीएमओ डॉ. पाराशर को उमरियापान से हटाने की मांग की गई थी। इसी तारतम्य में बड़वारा विधायक विजय राघवेन्द्र सिंह ने कटनी कलेक्टर को उमरियापान बीएमओ को अन्यंत्र पदस्थ करने संबंधी पत्र प्रेषित किया गया था। वहीं चर्चा यह भी है कि डॉ.पाराशर की कार्यप्रणाली को लेकर भाजपा के स्थानीय नेता भी खफा थे और उनके द्वारा जिला अध्यक्ष सहित तमाम नेताओं को अवगत कराया गया था और काफी लम्बे समय से डॉ. पाराशर को हटाने की मांग की जा रही है थी। संवाददाता सतीश चौरसिया ने बताया कि पिछले सप्ताह एक महिला को सर्प ने काट दिया है, ईलाज के जब वह सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र उमरियापान पहुंची तो बीएमओ अस्पताल से नदारत मिले वहां पर उपस्थित नर्स के द्वारा कई बार बीएमओ पाराशर को फोन लगाया गया लेकिन इन महोदय ने फोन उठाना उचित नहीं समझा जिसकी जानकारी बाद में कांग्रेस एवं भाजपा के नेताओं को लगी जिसके बाद सभी नेता अस्पताल पहुंचे और उनके द्वारा भी बीएमओ डॉ.पाराशर को फोन लगाया गया लेकिन पाराशर ने नेताओं का फोन उठाना भी उचित नहीं समझा जिसके बाद नेताओं ने सीएमएचओ कटनी को फोन लगाकर बीएमओ उमरियापान की कारतूतों से अवगत कराया गया था और जब सीएमएचओ कटनी ने बीएमओ को फोन किया तब उक्त महोदय का अस्पताल में आना हुआ था।
विवादों से गहरा नाता
बताया जाता है कि जब से उमरिया पान में डॉ.पाराशर की पदस्थापना की गई थी जब से ही पाराशर विवादों में रहे है और उसका कारण यह भी है कि डॉ.पाराशर टयूटी टाईम में भी नशे में धुत्त होकर अपने कमरें में सोते रहते थे जबकि नियमानुसार उन्हें अस्पताल में होना चाहिये लेकिन वे अपने निवास में आराम फरमाते रहते थे और अपनी मर्जी के अनुसार टयूटी करते थे जिससे क्षेत्रीय लोगों में काफी आक्रोश भी रहा है क्योंकि जब भी मरीज अस्पताल में ईलाज के लिये जाते थे तो वहां भी ईलाज नहीं मिलता था और वहां पर उपस्थित स्टॉफ द्वारा मात्र पर्ची काटकर अपने हिसाब से ही दवाईयां दे दी जाती थी लिहाजा जैसे ही डॉ.पाराशर के तबादले की खबर क्षेत्रीयजनों को लगी तो बहुत खुश हो गये और कई ग्रामीणों के द्वारा भी कहा गया कि आज तक पाराशर जैसे लापरवाह डॉक्टर उमरियापान अस्पताल में नहीं आये और नहीं ही इनके जैसे डॉक्टर दोबारा आये।