सागर-विदिशा सहित 8 जिलों को पानी मिलेगा
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूपी दौरे के बीच मध्यप्रदेश के लिए एक और राहत की खबर आई है। महोबा में अर्जुन सहायक योजना के लोकार्पण के बीच नरेंद्र मोदी ने संकेत दिए कि पिछले 15 साल से अटकी केन-बेतवा लिंक परियोजना का काम जल्द शुरू हो जाएगा। इससे नॉन मानसून सीजन (नंवबर से अप्रैल के बीच) में मध्यप्रदेश काे 1834 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) व यूपी को 750 मिलियन क्यूबिक मीटर (MCM) पानी मिलेगा। इस योजना से सागर-विदिशा समेत एमपी के 8 जिलों को पानी पहुंचाना है। परियोजना को लेकर मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच चल रहा विवाद केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद 8 महीने पहले सुलझ गया था। सरकार के सूत्रों का कहना है कि यूपी में चुनाव से पहले नदी जोड़ो अभियान के तहत देश की पहली केन-बेतवा लिंक परियोजना की आधारशिला रखी जाएगी। इसका भूमिपूजन अगले माह झांसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों कराने की तैयारी है। इससे पहले शिवराज कैबिनेट दोनों राज्यों और केंद्र के बीच हुए समझौते के प्रस्ताव को मंजूरी दी जाएगी। प्रधानमंत्री ने महोबा में कहा कि केन-बेतवा लिंक का समाधान भी हमारी ही सरकार ने निकाला है। सभी पक्षों से संवाद करके रास्ता निकाला है। हम बुंदेलखंड से पलायन को रोकने के लिए इस क्षेत्र को रोजगार में आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी साल विश्व जल दिवस पर 8 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में केन-बेतवा लिंक परियोजना के लिए (एमओए) मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर किए गए थे। इस एमओए पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्य ने हस्ताक्षर किए। 35,111 करोड़ रुपए की लागत की इस परियोजना में 90% राशि केंद्र सरकार देगी, जबकि शेष 5-5% हिस्सेदारी मध्यप्रदेश व उत्तर प्रदेश वहन करेंगे।
बेतवा की सहायक नदियों पर बनेंगे बांध…
प्रोजेक्ट के पहले फेज में केन नदी पर ढोड़न गांव के पास बांध बनाकर पानी रोका जाएगा। यह पानी नहर के जरिया बेतवा नदी तक पहुंचाया जाएगा। वहीं, दूसरे फेज में बेतवा नदी पर विदिशा जिले में 4 बांध बनाए जाएंगे। इसके साथ ही बेतवा की सहायक बीना नदी जिला सागर और उर नदी जिला शिवपुरी पर भी बांधों का निर्माण किया जाएगा। प्रोजेक्ट के दोनों फेज से सालाना करीब 10.62 लाख हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। साथ ही, 62 लाख लोगों को पीने के पानी के साथ 103 मेगावाट हाइड्रो पावर भी पैदा किया जाएगा। केन-बेतवा लिंक परियोजना में दो बिजली प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित हैं, जिनकी कुल स्थापित क्षमता 72 मेगावाट है।
एमपी व यूपी के 12 जिलों को मिलेगा डायरेक्ट फायदा….
परियोजना से बुंदेलखंड के उप्र और मप्र के 12 जिलों को पानी मिलेगा। मप्र के पन्ना, टीकमगढ़, छतरपुर, सागर, दमोह, दतिया, विदिशा, शिवपुरी को पानी मिलेगा। वहीं, उत्तर प्रदेश के बांदा, महोबा, झांसी और ललितपुर जिलों को राहत मिलेगी।
2005 में गौर-मुलायम ने किए थे हस्ताक्षर….
परियोजना में पानी के बंटवारे को लेकर वर्ष 2005 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की मौजूदगी में दोनों प्रदेशों के बीच अनुबंध हुआ था। तब मप्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। तब परियोजना का डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) तैयार नहीं हुआ था। अब डीपीआर तैयार है। इस कारण पानी की भराव क्षमता में कुछ बदलाव हुआ है। इस कारण से तीनों सरकारों के बीच संशोधित एमओए पर हस्ताक्षर किए जा रहे हैं।
यह थी विवाद की जड़…
वर्ष 2005 में उत्तर प्रदेश को रबी फसल के लिए 547 एमसीएम और खरीफ फसल के लिए 1153 एमसीएम पानी देना तय हो गया था। वर्ष 2018 में उत्तर प्रदेश की मांग पर रबी फसल के लिए 700 एमसीएम पानी देने पर सहमति बन गई थी। केंद्र सरकार ने उत्तर प्रदेश को 788 एमसीएम पानी देना तय कर दिया था, लेकिन यूपी सरकार ने जुलाई 2019 में 930 एमसीएम पानी मांग लिया था, जिसे मध्य प्रदेश ने इनकार कर दिया था।