मध्य प्रदेश

कलेक्टर का आदेश दरकिनार, ढीमरखेड़ा जपं का बाबू दिखा रहा ठेंगा

मुख्यालय नहीं छोड़ने का फरमान, साहब जबलपुर से कर रहे अप-डाउन
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान
उमरियापान ।
जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में पदस्थ जुम्मनसिंह राजपूत कलेक्टर के आदेश पर भारी पड़ रहा है। चुनाव आदर्श आचार संहिता लागू होते ही पिछले दिनों कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने एक आदेश जारी किया था जिसमें सभी अधिकारियों कर्मचारियों को मुख्यालय नहीं छोड़ने का आदेश किया गया था। साथ ही अवकाश भी प्रतिबंधित किये गये थे लेकिन उक्त आदेश की धज्जिया किस तरह से उड़ाई जा रही है इसकी बानगी जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में पदस्थ अधिकारियों और कर्मचारियों से देखी जा सकती है। यहीं पर पदस्थ लिपिक जुम्मनसिंह राजपूत जो जबलपुर से रोज अपडाउन करते है जबकि कलेक्टर द्वारा आदेश जारी करने के बाद मुख्यालय नहीं छोड़ना था इसके बाद भी उक्त महोदय किसकी शह पर कलेक्टर का आदेश नहीं मान रहे है यह समझ से परे है और इससे बात भी स्पष्ट हो रही है कि इनके वरिष्ठ अधिकारियों की शह पर ही इनके द्वारा कलेक्टर का आदेश नहीं माना जा रहा है।
निर्वाचन आयोग का आदेश भी हवा-हवाई
पंचायत चुनाव की घोषणा होने के पहले ही राज्य निर्वाचन आयोग ने जिला कलेक्टरों को एक पत्र प्रेषित किया था और कलेक्टर से यह जानकारी मांगी गई थी कि कौन कर्मचारी तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही स्थान पर पदस्थ है इसका मय सत्यापन के साथ जानकारी उपलब्ध कराये। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में पदस्थ जुम्मनसिंह राजपूत पिछले कई वर्षों से यहीं पर पदस्थ है और जब राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा तीन वर्ष से अधिक समय से पदस्थ कर्मचारियों या अधिकारियों को हटाने आदेश जारी किये गये है तो क्या ये आदेश लिपिक जिम्मन सिंह राजपूत पर लागू नहीं होता या फिर इनके वरिष्ठ अधिकारी ही सही जानकारी ऊपर नहीं दे रहे है जिस कारण से उक्त कर्मचारी वर्षों से यही पदस्थ होकर जमकर भ्रष्टाचार मचाये हुये है।

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