मध्य प्रदेश

कोऑपरेटिव हाउसिंग बोर्ड सोसायटी: नियम- सोसायटी में सिर्फ 6 महीने के लिए नियुक्त हुए प्रशासक, लेकिन ये 13 और 3 सालों से जमे हुए हैं, परेशान सदस्य बरसों से लड़ रहे अपने हक की लड़ाई

रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। प्रदेश सरकार ने अपैक्स बैंक भोपाल और हाउसिंग बोर्ड सोसाइटियों के अधिकारियों के आदेश पर केंद्रीय जिला सहकारी बैंक रायसेन के तहत आने वाली 113 सोसाइटियों निर्माण सहकारी समितियों में तरह- तरह की गड़बड़ियों को रोकने प्रशासक की नियुक्ति की ।लेकिन ये फैसला अब सदस्यों पर भारी पड़ रहा है। हाउसिंग बोर्ड सोसाइटियों में लगभग 13 बरसों पहले प्लॉट आवंटन के लिए राशि जमा करने वालों को न तो प्लॉट मिल रहे हैं और न ही इसकी कोई प्रक्रिया शुरू हुई। अवैध सदस्यों की सदस्यता पर भी प्रशासक ने निर्णय नहीं लिया। वहीं कृषक सेवा सहकारी के प्रबंधकों की गड़बड़ी,लोन कृषि लोन कृषि उपकरण लोन, खाद बीज ऋण आदि पर नजर रखने की जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।इससे काफी हद तक भृष्टाचार पर शिकंजा कसा गया था।
कहीं 13 तो कहीं 3 सालों से नहीं छूट रहा मोह….
वैसे नियमानुसार प्रशासक का कार्यकाल छह माह का होता है ।लेकिन कई समितियों में तो 13 साल गुजर जाने के बाद भी प्रशासक ने अपना पद नहीं छोड़ा। इसके अलावा रायसेन जिले की 113 सोसाइटियों में पिछले 3 सालों से प्रशासक नियुक्त हैं।समितियों के चुनाव कराने की प्रक्रिया भी शुरू नहीं की। नतीजे में पात्र सदस्य यहां-वहां चक्कर काट रहे हैं । लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। दरअसल सहकारी संस्थाओं में चुनाव कराए जाने का मामला राजनीतिक कारणों से उलझा है।नियमानुसार इन समितियों का कार्यकाल समाप्त होने के तीन माह पहले चुनाव प्रक्रिया शुरू कर दी जाना चाहिए थी, ।जो अब तक आरंभ नहीं हुई। इस कारण समितियों में प्रशासकों का राज चल रहा है। न तो सदस्यों को समिति के कार्यकलापों की जानकारी मिल रही और सामान्य सभा नहीं बुलाए जाने से वास्तविक सदस्य संख्या एवं लेखा स्थिति से भी सदस्य वंचित है।
अवैध रूप से प्रशासक कार्य कर रहे हैं
युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष संदीप मालवीय एनएसयूआई जिलाध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह सोलंकी का आरोप है कि सोसायटी में अवैध रूप से प्रशासक कार्य कर रहे हैं। ये नियम का उल्लंघन है। नियमानुसार इनके ऊपर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाना चाहिए। यह जिम्मा उपायुक्त उप पंजीयक सहकारिता रायसेन का है ।लेकिन आज तक उपायुक्त ने रायसेन जिले में किसी भी प्रशासक पर कोई जुर्माना नहीं लगाया।
ये करना चाहिए प्रशासकों को……
1.कार्यभार संभालते ही संस्था का रिकॉर्ड नियंत्रण में लेना।
2 .रिकॉर्ड के आधार पर सदस्यता सूची बनाना।
3.मतदाता सूची के आधार पर आमसभा बुलाना।
4.आमसभा में चुनाव कराने की घोषणा करना।
5.रिकॉर्ड के आधार पर ऑडिट करवाना।
6.आमसभा नहीं बुलाई तो जुर्माना
यदि प्रशासक द्वारा आमसभा नहीं बुलाई जाती है तो प्रशासक के ऊपर 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाने का अधिकार सहकारिता उपायुक्त को है। लेकिन जिले मेंं उपायुक्त ने किसी प्रशासक के खिलाफ न जुर्माना लगाया और अन्य कोई कार्रवाई की है।
इस संबंध में -नरेश पाल,आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं का कहना है कि उपायुक्त से पूछेंगे क्यों नहीं हटाया, रायसेन जिले में 113 सहकारी समितियों में कितने प्रशासक नियुक्त हैं। आखिर छह महीने होने के बाद इनको क्यों नहीं हटाया गया।, इस बारे में सहकारिता उपायुक्त से रिपोर्ट तलब की जाएगी।

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