मध्य प्रदेश

दादा धूनी वालो की कर्म और लीला स्थली साईंखेड़ा हो रही दुर्दशा

नगर को 7 साल पहले नगर परिषद का दर्जा मिलने के बाद भी नही मिल रही मूलभूत सुविधाएं,
आपसी खींचतान में अटकी विकास योजनाये
रिपोर्टर : कमलेश अवधिया, साईंखेड़ा
साईंखेड़ा ।
नगर को नगर परिषद बने हुए 7 साल से ज्यादा समय व्यतीत हो गया इसके बाद भी नगर साईंखेड़ा जो दादाजी धूनी वालों के नाम से प्रदेश ही नहीं देश में विख्यात है इसकी दुर्दशा इस कदर हो रही है कि नगर तो क्या गांव से भी बदतर दयनीय दशा है इस नगर की।
नगर साईंखेड़ा बड़े दुर्भाग्य की बात है कि जहां श्री श्री 1008 श्री दादाजी धूनीवाले जिन्होंने अपनी कर्म एवं लीला स्थली को चुना और करीब 28 साल नगर में रहे उनके जाने के बाद इस नगर की दुर्दशा देखो। और एक ओर जहां खंडवा नगर जहां मात्र दादाजी 5 घंटे रहे और समाधि ली वह क्षेत्र तीर्थ बन गया।
यहां के नेता जनप्रतिनिधि लोग नगर विकास की ओर ध्यान न देकर एक दूसरे की टांग खींचने में लगे रहते हैं नेताओं का विकास पर ध्यान न जाकर नगर को विनाश की ओर ले जाने की मंशा बनी रहती है। नगर परिषद होते हुए भी नगर में मूलभूत सुविधाएं नहीं है नगर में एक भी सुलभ कांप्लेक्स नहीं है नाही बस स्टैंड है ना ही यात्री प्रतीक्षालय है। नगर में अभी तक एक भी स्वागत गेट नहीं लगे और जो साईंखेड़ा के साथ नगर परिषद बनी है वहां पर स्वागत गेट लग चुके हैं ऐसी अनेक समस्याएं हैं नगर में और सबसे बड़ी समस्या तो सीवरेज लाइन एवं नर्मदा जल लाइन वालों ने बना कर रखी है सभी 15 वार्डों में रोड को खोद दी गई थी जिस कारण बरसात के दिनों में लोगों को घर से निकलना मुश्किल हो गया था। तहसील नगर परिषद का दर्जा प्राप्त नगर साईंखेड़ा में इस समय विद्युत विभाग की भी मनमानी चरम पर है विगत 3 दिन से नगर में 24 घंटे में मात्र 4 घंटे लाइट मिल रही है एक तो गर्मी उसके ऊपर मच्छर लोगों को जीना दूभर कर रहे हैं ना लोगों के मोबाइल चार्ज हो रहे ना लोगों को पीने का पानी मिल रहा यही आस लगाए बैठे कब लाइट आ जाए और हम अपने दैनिक कार्य कर लें जैसे तैसे ऊपर से लाइट आ जाती है तो साईंखेड़ा से फाल्ट हो जाता है अधिकारियों से पूछने पर पता चलता है कि लोड अधिक होने से लाइट फाल्ट हो रही है यह समस्या अन्य ग्रामीण क्षेत्र और नगरीय क्षेत्रों में क्यों नहीं खासकर साईंखेड़ा में क्यों हो रही है क्योंकि अधिकारी कर्मचारी जानते हैं कि साईंखेड़ा में किसी नेता की नहीं चलती अगर साईंखेड़ा में किसी नेता या जनप्रतिनिधि की चलती होती तो नगर साईंखेड़ा के लोग इस तरह मूलभूत सुविधाओं से वंचित ना रहते।
वही नगर के राजमार्ग 44 गैरतगंज गाडरवारा पर रोड किनारे अस्त व्यस्त वाहन खड़े रहने से प्रतिदिन घंटों जाम लगता है। स्थानीय पुलिस प्रशासन मूक बना हुआ है। बेलगाम दौड़ते डंपर और अन्य वाहन किसी दुर्घटना को न्यौता देते नजर आते है।

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