मध्य प्रदेश

मच्छरों पर काबू नहीं पाने से रायसेन शहर में डेंगू बेकाबू हो गया

मच्छर जनित बीमारियों के साथ वायरल बुखार और जल जनित बीमारी के मामले भी लगातार सामने आ रहे
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। रायसेन शहर में इन दिनों वायरल अटेक के साथ सर्दी जुकाम और बच्चों में निमोनिया और वयस्कों में टायफाइयड, मलेरिया डेंगू के केस भी मिल रहे हैं। निचली बस्तियों में लोग डायरिया से भी पीडि़त हैं। मच्छर जनित बीमारियों से प्रभावित क्षेत्र में रोगों पर अभी तक नियंत्रण पाया नहीं जा सका है। नगर पालिका परिषद और जिला स्वास्थ्य विभाग की रोकथाम की कवायद के दावों के बीच प्रभावित क्षेत्रों से लगातार डेंगू टायफाइड के नए मरीज सामने आ रहे हैं। वायरल बुखार भी लोगों की सेहत तोड़ रहा है। बुखार के साथ कमजोरी आ रही है। घर-घर में वायरल बुखार के मरीज हैं। ये बच्चे-बुजुर्ग की सेहत पर जल्दी वार कर रहा है। सरकारी सहित निजी अस्पतालों में खाली बिस्तर, ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की किल्लत कम नहीं हो पा रही है। अकेले रायसेन शहर में अब तक एक दर्जन से ज्यादा डेंगू मरीज सामने आ चुके हैं जबकि जिले में 14 डेंगू मरीज चिन्हित हो चुके हैं। कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे के आदेश पर नपा सीएमओ आरडी शर्मा ने अभी तक दो तीन बार फॉगिंग मशीनों से धुंआ स्प्रे करवा चुके हैं।लोगों की शिकायत है कि मेनरोड पर धुँआ स्प्रे करवाकर नपा अमला रस्म अदायगी कर रहा है। जबकि पुरानी बस्ती और कालोनियों में मच्छरों की संख्या दिन दोगुनी रात चौगनी बढ़ रही है।यहां भी फॉगिंग मशीनों से धुंआ स्प्रे कराया जाए तो बेहतर होगा।
शहर के कुछ क्षेत्र मच्छरों के हमले को लेकर संवेदनशील हैं। डेंगू, चिकुनगुनिया के मरीज संवदेनशील क्षेत्रों में ही मिल रहे हैं। इसमें कुछ निचली बस्तियां शामिल हैं। इन्हीं क्षेत्र में वायरल बुखार का भी अटैक ज्यादा है। डेंगू, वायरल बुखार और डायरिया के मरीज लगभग हर अस्पताल में भर्ती हैं। सरकारी अस्पतालों से ज्यादा मरीज निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। नगर पालिकाऔर जिला स्वास्थ्य विभाग की सुस्ती से निजी अस्पतालों में भर्ती पीडि़तों के क्षेत्र तक रोकथाम की प्रभावी कार्रवाई नहीं हो रही है।
शहर में डेंगू के मामले पिछले महीने ही सामने आने लगे थे। लेकिन शुरुआत में प्रभावित क्षेत्रों में बीमारी की रोकथाम पर ढिलाई बरती गई। जानकारों के अनुसार शहर में डेंगू, चिकुनगुनिया, मलेरिया, डायरिया के लिहाज से कुछ संवेदनशील क्षेत्र हैं। इन क्षेत्रों में बारिश से पहले ही सर्वे शुरू कर दिया जाता है। इस बार सर्वे और जागरुकता कार्यक्रम तब शुरू किए गए जब डेंगू ने दस्तक दे दी। मच्छर इतने पनप गए कि जब तक रोकथाम ने जोर पकड़ी बीमारी ने बड़ी संख्या में लोगों को जकड़ लिया।
लोग भी बने लापरवाह…..
जिला मलेरिया विभाग प्रभावित और संवेदनशील क्षेत्रों में नगर पालिका परिषद के साथ मिलकर लगातार लार्वा सर्चिंग कर रहा है। इसमें घरों में विभिन्न पात्रों में एकत्रित पानी, कूलर, फ्रिज के पीछे टे्र, गमले, जूते, डिब्बों में बरसाती पानी में डेंगू के लार्वा मिल रहे हैं। विनिष्टीकरण और जुर्माने की कार्रवाई के बाद भी लापरवाही कम नहीं हो रही है। जागरुकता के अभाव में जमा साफ पानी में डेंगू के मच्छरों का पनपने का मौका मिल रहा है। शहर में डेंगू के बढ़ते मामलों को सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी संज्ञान में लिया। प्रशासन, स्वास्थ्य और नगर निगम के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में डेंगू की रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए। रैपिड रिस्पांस टीमों के साथ ही अतिरिक्त दल गठित कर रेपिड फीवर सर्वे करने के लिए कहा। लार्वा नियंत्रण अभियान में तेजी लाने का आदेश दिया है। प्रत्येक डेंगू पॉजिटिव के घर के आसपास चार सौ मीटर के क्षेत्र में फॉगिंग, स्प्रे के साथ ही संबंधित क्षेत्र में पचास घरों का सर्वे करने के लिए कहा है। शुक्रवार को शहर में डेंगू के 15 नए पॉजिटिव केस मिले हैं।

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