कृषिमध्य प्रदेश

किसान संयुक्त मोर्चा ने खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ को लेकर किया रोड मार्च

किसान जागृति संगठन के पदाधिकारियों ने नारेबाजी कर राज्यपाल के नाम कलेक्टर उमाशंकर भार्गव को सौंपा
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन।
किसान बिल के विरोध में किसानों का दिल्ली में महाआंदोलन लगातार जारी है। इसी सिलसिले में शनिवार को दोपहर किसान संयुक्त मोर्चा के बैनर तले किसान जागृति संगठन के साथ किसानों ने साथ निभाने के लिए खेती बचाओ, लोकतंत्र बचाओ रोड मार्च निकालते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय परिसर पहुंचे। यहां महामहिम राज्यपाल के नाम संबोधित तेरह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव को दिया गया।
ज्ञापन सौंपने वालों में किसान जागृति संगठन के प्रदेशाध्यक्ष राजेन्द्र बाबू राय रज्जु भैया, संरक्षक इरफान जाफरी, रामस्वरूप राठौर रंजीत यादव, मेहबूब पटेल सुखराम सोनी, सुरेश वाजपेयी, हरनाम सिंह जाट बीदपुरा, बसीरुद्दीन, कुबेर सिंह लोधी आदि शामिल हुए।
ज्ञापन में यह बताया गया है कि भारत देश का दिल कहे जाने वाली दिल्ली में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले देश के 550 किसान संगठनों द्वारा 212 दिनों से भारतीय कृषि एवं कृषकों को केंद्र की मोदी सरकार ने कंपनी के हवाले कर दिया गया है। लागू किए गए तीनों काले कानून बिल के खिलाफ देश व्यापी आंदोलन किया जा रहा है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश के हर 10 में से 7 किसानों की परिवार की आमदनी उनके खर्चों से कम है। भारत देश आधी से ज्यादा आबादी 58 प्रतिशत कृषि पर निर्भर है। देश की कुल कमाई इनका हिस्सा मात्र 16 फीसदी है।देश के लोगों को पेट भरने वाले अन्नदाता किसान मौजूदा समय में रोजी रोटी को लेकर बेहाल हैं। किसान मजदूर खुद कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं। जहां एक ओर देश में तेजी से बढ़ती कमर तोड़ महंगाई की वजह से खेती में फसल लागत बढ़ रही है। वहीं घटती आमदनी से किसान खेती हर मजदूर बेहाल हैं।देश के नागरिक धारा 26 जून 1975 की इमरजेंसी के बाद एक बार फिर अघोषित आपातकाल का सामना कर रहे हैं। लोकतंत्र पर हो रहे लगातार हमले का ताजा उदाहरण कृषि विरोधी एवं किसान विरोधी तीन नए काले कानूनों को मजदूरों , किसानों पर आखिर जबरन क्यों थोपे जा रहे हैं।
ये हैं किसानों की प्रमुख मांगें…
मप्र में भी इन तीनों कृषि विरोधी कानूनों के क्रियान्वयन रोक लगाते हुए इन पर रोक लगाई जा ए।फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल की कुल लागत का डेढ़ गुना सी 2 प्लस 50 दाम पर निर्धारित किया जाए।समर्थन मूल्य पर फसल खरीद की कानूनी गारन्टी दी जाए।किसान आयोग स्वामी नाथन रिपोर्ट की सिफारिशें लागू की जाएं।वन अधिकार दावेदारों को नियम अनुसार पट्टे दिए जाएं। वन विभाग द्वारा अवैध रूप से बेदखली पर रोक लगाई जाए। डीजल पेट्रोल की कीमतें तत्काल प्रभाव से वापस ले केंद्र सरकार। फसल बीमा से वंचित किसानों को जल्द राशि भुगतान की जाए। रेत खनन माफियाओं द्वारा नदियों के बीच से मशीनों से सीना छलनी किया जा रहा है। रेत की अवैध उत्खनन पर जिला प्रशासन प्रतिबन्ध लगाया जाए। किसान आयोग की सिफारिशें लागू कर व्यवस्थाए दुरुस्त की जाएं।

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