ऑनलाइन क्लास, ऑफलाइन की वसूल रहे फीस, मनमानी हावी
निजी स्कूल संचालक फीस को लेकर अभिभावक हैरान, स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के निर्देशों का कड़ाई से पालन नहीं किया जा रहा
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। कोरोना महामारी की तीसरी लहर की वजह से निजी व सरकारी स्कूलों में फिलहाल बन्द हैं। ऐसी स्थिति में छात्र छात्राओं की पढ़ाई ऑनलाइन क्लासों पर ही निर्भर है।भले ही चाहे कक्षा 11 वीं और 12 वीं की ऑफलाइन क्लासें शुरू हो गई हैं।लेकिन वह फिलहाल प्रत्येक सप्ताह में सिर्फ दो दिन ही लग रही हैं। जबकि अन्य क्लासों की अभी भी पढ़ाई ऑनलाइन ही हो रही है। इस तरह की पढ़ाई व्यवस्थओं को लेकर अभिभावकों में लगातार आक्रोश पनप रहा है। मौके का भरपूर फायदा उठाकर सभी निजी स्कूल संचालकों ने भी टयूशन फीस बढ़ा दिया है। वहीं अभिभावकों ने आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान में जो प्राइवेट स्कूल संचालकों द्वारा ट्यूशन फीस वसूल की जा रही है । क्लास तो बच्चों की ऑनलाइन चल रही हैं। लेकिन फीस ऑफलाइन वसूली जा रही है।दरअसल ट्यूशन फीस वसूले जाने के निर्देश होने के बावजूद बहुत से निजी स्कूल, सीबीएससी पैटर्न के प्राइवेट स्कूल संचालकों में गत वर्ष की तुलना में इस साल फिर बढ़ा दी गई है।
फीस को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं….
निजि स्कूल संचालकों को ट्यूशन फीस वसूलने के निर्देश हैं। दरअसल पिछले साल भी सभी प्राइवेट स्कूल संचालकों ने टयूशन फीस जिला शिक्षा विभाग के माध्यम से विभाग के एजुकेशन पोर्टल पर अपलोड की गई थी। क्योंकि इस मामले में पारदर्शिता होने की वजह से अभिभावकों को इसी आधार पर ट्यूशन फीस जमा करना थी। इस बार यह कहकर मामले को टाला जा रहा है कि बच्चों की पुरानी फीस लेना बाकी है। लेकिन बहुत से निजी स्कूलों में पिछले साल की तुलना में ज्यादा फीस वसूली जा रही है जो बिल्कुल ठीक नहीं है।
क्या कहते हैं अभिभावक
ट्यूशन फीस के नाम पर निजी स्कूल संचालक जरूरत से ज्यादा मनमानी फीस वसूल रहे हैं। जिससे पालक खुद को अच्छी शिक्षा के नाम पर लुटा महसूस कर रहे हैं। जबकि अधिकांश निजी स्कूल संचालकों ने ट्यूशन फीस में ही अन्य मदों की राशि जोड़ दी गई है। यह फीस पिछले साल की तुलना में काफी बढ़ा दी गई है। ऐसे में अभिवावकों की मजबूरी है कि वह बिना जबाव दिए उन्हें फीस तो हर हाल में जमा करनी ही होगी। संग्राम सिंह परमार अभिभावक
ट्यूशन फीस वसूलना है तो इसके लिए पारदर्शिता के साथ फीस स्ट्रेक्चर जारी करना चाहिए।पिछले साल का हवाला तो दिया जा रहा है। लेकिन इससे ज्यादा फीस कुछ निजी स्कूल संचालक वसूल रहे हैं। जिम्मेदार विभागों को इस तरफ जिम्मेदारी से ध्यान देना चाहिए। स्नेहलता तिवारी, अभिभावक
मेरा बेटा इस साल 12 वीं कक्षा में है।इस बार ऑफलाइन क्लासें लगना शुरू हुई है। नियमानुसार उसकी ट्यूशन फीस ही लिया जाना है। लेकिन ऑफ लाइन में लगने वाली पूरी फीस वसूली जा रही है।जो कि ठीक नहीं है।हफ्ते में सिर्फ 2 रोज ही क्लासें लग पा रही हैं। लेकिन उनकी पूरी फीस वसूली जा रही है। राम गोपाल सिंह पटेल अभिभावक
इनका कहना है —–
ट्यूशन फीस को ही निजी स्कूल संचालकों को वसूलना है। बाकायदा इस बार फीस स्ट्रेक्चर जारी हुआ है।उसी आधार पर छात्रों की फीस जमा करना है। अगर बावजूद इसके निजी स्कूल संचालकों की ज्यादा मनमानी फीस वसूले जाने की शिकायतें आएंगी तो ऐसे प्रायवेट स्कूल संचालकों के खिलाफ नियम अनुसार उचित कार्रवाई की जाएगी।
आनंद कुमार शर्मा प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रायसेन