गाय को पशु समझना मूर्खता: पं.अंकितकृष्ण तेनगुरिया
सिलवानी । नगर में आयोजित संगीतमय में गौ कथा के चौथे दिन कथावाचक गौवत्स पंडित अंकितकृष्ण तेनगुरिया को सुनने के लिए बड़ी संख्या में क्षेत्रीय श्रद्धालु पहुंचे ! बटुक जी महाराज ने पंडाल में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें हरि जीवन से सीख लेनी चाहिए, जिस प्रकार भगवान श्री कृष्ण ने अपने मनुष्य अवतार में गौ माता की बहुत सेवा की और आज के पढ़े-लिखे मूर्ख व्यक्ति गौमाता को पशु कह देते हैं निश्चित ही उनकी मूर्खता है, गाय को कभी पशु समझने की मूर्खता ना करें, गाय में देवी देवताओं का वास है यही कारण है कि हम गाय को पूजते हैं और माता मानते हैं कथा के बीच बीच में महाराज श्री के साथ विदिशा से पधारे गायक कलाकारों ने भजनों की प्रस्तुति दी जिस पर श्रद्धालु झूमते और गुनगुनाते नजर आए! महाराज श्री ने सभी श्रद्धालुओं से अपील करते हुए कहा कि धर्म का रास्ता कभी ना छोड़े अधर्मी बनना बहुत सरल रास्ता है लेकिन धर्म के रास्ते पर चलने में बहुत कठिनाई आती हैं पल-पल पर आपको परीक्षा देनी पड़ती है लेकिन इससे घबराए नहीं सच और धर्म का साथ पकड़े रहोगे तो पार पा लोगे! सभी अपने गुरु और माता-पिता की सेवा भी करते रहे उन्होंने कहा कि जिस तरह से आज स्वार्थ पूर्ण दुनिया हो गई है उसमें हमारे सच्चे साथी गुरु और माता-पिता ही हैं इसलिए उनका आशीर्वाद हमेशा लेते रहो! गौ कथा प्रतिदिन दोपहर 1 से 4 बजे तक आयोजित की जा रही है जिस का समापन 31 दिसंबर को पूर्णाहुति के साथ किया जाएगा इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को महा प्रसादी का वितरण भी किया जाएगा कथा के अंत में व्यास गादी की पूजा आचार्य सत्येंद्र शास्त्री, आचार्य पंडित आकाश दुबे, पंडित श्री गणेशराम शर्मा ने पूजा अर्चना कराई! यजमान ने व्यास गादी की आरती उतारी और गौ माता के जयकारों से पूरा पंडाल गूंज उठा!