पत्थर, फर्सी, स्टोन गिट्टी क्रेशरों की सालों से नियमों की अनदेखी कर धड़ल्ले से चल रहीं हैं खदानें
जिम्मेदार अधिकारी बने लापरवाह खामोश
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। जिले भर में जिला खनिज महकमे के अधिकारियों की अनदेखी और घोर उदासीनता की वजह से पत्थर फरसियों और स्टोन काली गिट्टी क्रेशरों की सीमांकन नहीं हुआ है।शासन के निर्धारित नियम कायदों को ताक पर रखकर बेहिसाब तरीके से मटेरियल निकालकर ठेकेदारों द्वारा जमकर कमाई कर रहे हैं।जबकि समय समय पर कलेक्टर ने भी खनिज विभाग के अधिकारियों को मुरम फर्सी पत्थर खदानों की सीमांकन कराए जाने के आदेश जारी किए जाते है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी लापरवाही करते हुए बहाने बाजी कर मामले को टालते रहते हैं।
हाल ही में कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे ने नियमों की अनदेखी करने वाले 5 खदान संचालकों पर बड़ी कार्रवाई की है। उनको नोटिस जारी कर एक हफ्ते में जबाव देने को कहा गया है। खनिज अधिकारियों की मानें तो संचालकों द्वारा समय पर न रायल्टी जमा की गई थी और न ही पौधरोपण किया गयाथा।
अनुबंध शर्तों का उल्लंघन तो होगी लीज निरस्त की कार्रवाई……
साथ ही अनुबंध शर्तों का उल्लंघन करने पर फर्शी पत्थर, क्रेशर गिट्टी की फर्सी पत्थर की मुरम बखदानें निरस्त कर दी जाएंगी। रायसेन कलेक्टर की अलग-अलग तहसील क्षेत्रों में हुई कार्रवाई से खनिज कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
ये है शासन का नियम……
खदान संचालकों द्वारा खदानों में खनन क्षेत्र में नोटिस बोर्ड, पिलर व सुरक्षा की फेंसिंग सहित सघन वृक्षारोपण जैसे अनुबंध शर्तों का पालन करना अनिवार्य होता है। लेकिन अधिकारियों के निरीक्षण में उल्लंघन मिला था। साथ ही पयार्वरणीय स्वीकृति की अनुपालन रिपोर्ट, सामाजिक सरोकार के कार्य, खनिज रायल्टी का समय पर भुगतान नहीं हुआ। ऐसे में बीते माह खनिज अधिकारियों ने खदानों में जाकर निरीक्षण किया। फिर ये रिपोर्ट कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की गई थी। कलेक्टर ने पत्र जारी कर एक माह का समय दिया। लेकिन संतोषनजक जवाब न मिलने पर निरस्ती की अग्रिम कार्रवाई की जाना निश्चित है।
बकाया राशि की होगी वसूली
माइनिंग अधिकारियों ने बताया कि निरस्त होने वाली जिले की इन 5 खदान संचालकों से समय पर वसूली की जाएगी। यहां कलेक्टर दुबे ने मध्य प्रदेश खनिज अधिनियम 1996 के नियम 30 (26) अंतर्गत खदान निरस्त करने के आदेश जांच रिपोर्ट के बाद दिए जाएंगे। इसके अलावा समय सीमा में रायल्टी जमा न करने पर भू-राजस्व की बकाया राशि की तरह वसूली की कार्रवाई की जाएगी।