उच्च न्यायालय को खसरा में इंद्राज व ऋण पुस्तिका बिना प्रदान किए और प्रशासन द्वारा झूठा शपथ पत्र पेश करना पड़ा भारी
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान । 13 सितम्बर को मध्य प्रदेश माननीय उच्च न्यायालय ने जिला कटनी को उच्च न्यायालय पारित आदेश के बाद भी वन भूमि पट्टा धारियों को उनका खसरा में इंद्रराज एवं ऋण पुस्तिका प्रदान नहीं की गई ।और उच्च न्यायालय के समक्ष शपथ पत्र ग्रहण किया गया। तो उन्हें झूठा शपथ पत्र पेश कर लगाया गया ।
खसरा में इंद्राज एवं ऋण पुस्तिका की खास रिपोर्ट मध्यप्रदेश वन भूमि पट्टा के अनुसार खसरा में इंद्राज एवं ऋण पुस्तिका नहीं दी गई । क्योंकि राज्य भू स्वामी अधिकार के प्रवेश पत्र खसरा नक्शा के बी क्रमांक 1 में की जाती है । वन भूमि पट्टा धारियों को भू स्वामी अधिकार नहीं दिए गए। केवल वन भूमि पर कब्जे की मान्यता दी गई इस समस्या को लेकर वनवासियों ने कई बार भूमि स्वामी अधिकार न दिए जाने को लेकर अनुविभागीय अधिकारी से लेकर न्यायालय की शरण में विनम्र प्रार्थना करते हुए आवेदन लगाए गए । फिर इन सभी के साथ भेदभाव व्यवहार किया गया ।
इस घटना को लेकर वनवासियों ने माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर के समक्ष याचिका दायर करते हुए वन वासियों ने मांग की है कि याचिका के संबंध में डब्ल्यू पी क्रमांक 17326 / 2019 की छाया प्रति प्रस्तुत की गई । उच्च न्यायालय द्वारा वनवासियों के पक्ष में दिनांक 29 /01/2020 को आदेश पारित करते हुए 3 माह के अंदर खसरा में इंद्रराज ऋण पुस्तिका प्रदान करने के निर्देशित किया गया था। लेकिन प्रशासन उच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना करते हुए उसके बिना परवाह किये बिना झूठी जानकारी प्रस्तुत की गई ।
याचिका क्रमांक 1257/ 2020 दायर की गई । जिसकी सुनवाई विगत माह की 22 /02/2021 को हुई थी ।और आदेशित किया कि 8 सप्ताह के अंदर निराकरण करते हुऐ जानकारी तत्काल प्रशासन द्वारा न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद भी अभी तक इन वन प्रार्थी गणों को देखा जाए तो वन भूमि इंद्राज व ऋण पुस्तिका अभी तक प्रदान नहीं की जा सकी ।
साथ ही न्यायालय के समक्ष झूठा शपथ पत्र पेश कर अपनी वाहवाही लूटी ।
हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना के मामले में नोटिस जारी –
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच के कटनी कलेक्टर वन मंडल अधिकारी सामान्य, जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग, एसडीएम ढीमरखेड़ा को नोटिस जारी किया गया। नोटिस जारी करते हुए अवगत कराया गया कि 8 सप्ताह के अंदर जवाब उच्च न्यायालय में प्रस्तुत करने का उल्लंघन किए जाने व उच्च न्यायालय में झूठी जानकारी पेश करने को लेकर दिया गया हैं। उच्च न्यायालय द्वारा आदेश का पालन न किए जाने की अवहेलना याचिका दायर की गई थी । जिस पर प्रशासन द्वारा उच्च न्यायालय में दिनांक 17/08/2021 को पालन प्रतिवेदन पेश किया गया । वही वासियों ने वन भूमि पट्टा अनुसार खसरा में इंद्राज एवं ऋण पुस्तिका प्रदान किया जा चुका है। इसकी झूठी जानकारी न्यायालय में शपथ पत्र देकर की गई हैं जबकि वन प्रार्थी गणों को आज दिनांक तक ना तो इनको खसरा में इंद्राज व ऋण पुस्तिका प्रदान की गई नाही वन निवासी का निराकरण किया गया।