वनकर्मियों की मिलीभगत से हुआ गोपीसुर सतकुंडा में बड़े पैमाने पर मुरम का अवैध उत्खनन
विभागीय अधिकारियों ने एक किसान के खिलाफ मुरम उत्खनन को लेकर पीओआर काटा, आखिर सेवासनी सरपंच के डंपर ट्रेक्टर और जेसीबी मशीन कौन जब्त कर जुर्माने की कार्यवाही करेगा, दोषियों को बचाने में जुटे वन महकमे के जिम्मेदार अधिकारी
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। जहां एक ओर वनभूमि पर अवैध रूप से अतिक्रमण रोकने, गौण खनिज मुरम, भसुआ के उत्खनन रोकने के वन महकमे के अधिकारियों वन अमले द्वारा बड़े बड़े दावे और वायदे किए जा रहे हैं। लेकिन पश्चमी वनरेंज के सेहतगंज खरबई के तहत मनरेगा योजना में गोपीसुर सतकुंडा से बड़ोदा तक लगभग 7-8 किमी तक बनाई जा रही मुरम ग्रेवल सड़क बनाने के लिए सेवासनी सरपंच द्वारा ठेकेदार और वनकर्मियों अधिकारियों से मिलीभगत कर एक किसान के खेत और वनभूमि पर मुरम का अवैध खुदाई पोकलिन, जेसीबी मशीन से बड़े स्तर पर कर ट्रेक्टर ट्राली डंपरों के जरिए ढुलाई कर सड़क का दिन रात निर्माण किया जा रहा है। यह सब मिलीभगत के खेल पश्चमी वन परिक्षेत्र अधिकारी आर.के.एस. चौधरी, डिप्टी रेंजर सर्जनसिंह मीणा और वन क्षेत्रपाल प्रमोद चौरसिया के जरिए संभव हुआ है। इस तरह करोड़ों की वनसंपदा मुरम कोपरा का जंगल की जमीन पर धड़ल्ले से किया गया है।
हैरत की बात यह है कि विभाग के आला अधिकारी इस मामले को दबाने और दोषी वन कर्मियों को अब बजाय कार्यवाही करने के उन्हें बचाने में जुट गए हैं। एसी के चेंबरों में बैठे भृष्ट निकम्मे वन महकमे के अधिकारियों का भी कमाई के साधन के निजी स्वार्थ भी लग रहा है। वह विभाग के हरेक अधिकारी को कमा कर देने की नस को अच्छी तरह जानते हैं। यही वह खास वजह है कि जांच कार्यवाही करने के बावजूद उन्हें इस सारे प्रकरण में बचाया जा रहा है। वहीं मुरम के अवैध उत्खनन वन भूमि के मामले में सेवासनी सरपंच सहित ठेकेदार के वाहनों को जब्त कर कार्यवाही करने के मामले में बचाने की हरसंभव कोशिश की जा रही है।
ऐसा लगता है कि राजनैतिक दबाव के चलते वाहनों की धरपकड़ की कार्यवाही को वन महकमा के अधिकारियों ने अंजाम नहीं दिया है।
सेहतगंज वनबीट संरक्षित वन क्षेत्र में किया मुरम उत्खनन…..
पश्चमि वनरेंज खरबई के संरक्षित सेहतगंज वनबीट में खनिज माफियाओं द्वारा दबंगाई दिखाते हुए जेसीबी मशीन, पोकलिन मशीन सहित अन्य मशीनों के जरिए वनभूमि और एक किसान के खेत से बगैर अनुमति के बड़े पैमाने पर लगभग एक पखवाड़े पहले पूरे 5 दिनों तक रात दिन मुरम की अवैध खुदाई की गई है।इसके सबूत खुदी मुरम की खाई इस मामले की गवाही दे रहे हैं। इस वनसंपदा मुरम ढुलाई में करीबन 25 से 26 ट्रैक्टर ट्राली और दो जेसीबी मशीनों का इस्तेमाल किया गया था।
अब जांच रुकवाने मंत्री, नेताओं से अफसरों को करवा रहे वनकर्मी…..
अब इस संरक्षित सेहतगंज वनबीट में हुई गौण खनिज मुरम कोपरा के अवैध खनन की शिकायतें वनमंत्री डॉ कुंवर विजय शाह, सीसीएफ भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, रायसेन डीएफओ अजय कुमार पांडेय को कॉंग्रेस के नेताओं ने की है। इस मुरम के अवैध खनन के वीडियो एक पखवाड़े पूर्व वायरल हो जाने के बाद विभागीय अधिकारी खामोश बने हुए हैं। वाहनों की संख्या बजाय 100 के 20 दर्शाए गए हैं। बल्कि वन परिक्षेत्र अधिकारी आर.के.एस.चौधरी, डिप्टी रेंजर सर्जन मीना और प्रमोद चौरसिया जांच कार्यवाही से बचने के लिए एक मंत्री से विभागीय अधिकारियों पर दबाव बनाने फोन करवा रहे हैं।
इस संबंध में अजय कुमार पांडेय, डीएफओ सामान्य रायसेन का कहना है कि हमने संरक्षित वन क्षेत्र सेहतगंज वनबीट में मनरेगा सड़क निर्माण में हुए बड़े पैमाने पर मुरम उत्खनन के मामले को गंभीरता से लिया है। हमने इस मामले में दोषी एक किसान के खिलाफ पीओआर काटने की कार्यवाही सुनिशिचित की गई है।जल्द ही ठेकेदार के वाहन मशीन संसाधन जब्त किए जाएंगे।

