बच्चों में वायरल अटैक : उल्टी दस्त के साथ जिला अस्पताल में बढ़े पीलिया के मरीज
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन।
रायसेन। मौसम के बदलाव के साथ ही जिला अस्पताल की ओपीडी में मरीजों का हर दिन इजाफा हो रहा है। बड़ों के साथ साथ छोटे बच्चों को उल्टी दस्त सहित वायरल अटैक और गंदे पानी के सेवन से पीलिया रोग की चपेट में आने लगे हैं। डॉक्टर इन बीमारियों से बचाव के लिए सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं।
जिला अस्पताल के ओपीडी के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो रोजाना 125 से 140 बच्चे वायरल फीवर की चपेट में आने से उनके अभिभावकों के साथ इलाज के लिए जिला अस्पताल की ओपीडी में आ रहे हैं। हर दिन 8 से 10 मामले उल्टी दस्त के अलावा पीलिया रोग से पीड़ित होकर 4-5 बच्चे इलाज कराने आ रहे हैं।
इनमें 4 से 5 बच्चों को शिशु वार्ड में उपचार के लिए भर्ती भी किया जा रहा है। बुधवार -गुरुवार के अगर जिला अस्पताल की चाइल्ड ओपीडी के आंकड़े देखें जाएं तो 150 से अधिक रही। इसके साथ ही मेडिसिन ओपीडी में भी वायरल फीवर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
5 दिन तक असर सतर्क रहने की है जरूरत….
शिशु रोग विशषज्ञों के अनुसार वायरल फीवर से बिल्कुल डरने की जरूरत नहीं है। बस सतर्क रहकर इससे बचा जा सकता है। वैसे आमतौर पर वायरल फीवर का असर मरीजों को 5 से 7 दिनों तक होता है। अगर बच्चे को कोई परेशानी है तो फौरन चाइल्ड स्पेशलिस्ट को दिखाएं। इलाज में लापरवाही नहीं करना चाहिए। डॉक्टर बताते हैं कि पीलिया रोग के मामले में बच्चों को ठीक होने में थोड़ा समय लगता है। पीलिया रोग के मामले में लापरवाही नुकसान दायक हो सकता है।
मरीज का ऐसे करें बचाव….
@ बच्चों को भीड़ भाड़ के बीच लेकर बिल्कुल न जाएं।
@ बाजार की बाहरी चीजें खाने न दें।
@ बच्चों को खुला आहार देने से बचें।
@ बच्चों को हमेशा साफ सुथरा रखें अभिभावक।
@ स्वच्छ व साफ पानी पिलाएं बच्चों को।
@ मासूम बच्चों को बारिश के इस मौसम में पानी को उबालकर ठंडा कर छानकर पिलाना चाहिए।
इनका कहना है
मासूम बच्चों में वायरल फीवर के साथ ही उल्टी दस्त के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। लेकिन पालकों को इससे डरने की जरूरत नहीं है। बस सतर्क रहें।बच्चों के बीमार पड़ने पर तत्काल जिला अस्पताल पहुंचकर इलाज कराएँ।
डॉ. आलोक सिंह राय चाइल्ड स्पेशलिस्ट रायसेन