मध्य प्रदेश

मनरेगा के कार्यों को जेसीबी मशीनों से कराया, मजदूर पलायन को मजबूर

कोरोना महामारी के समय मजदूरों को नहीं मिल रही मजदूरी, पलायन को मजबूर
ग्रामीणों ने लगाया गंभीर आरोप पंचायत एजेंसी द्वारा मशीनों से कराया जाता काम कागजों में मस्टरोल भरकर मजदूरी दर्ज की जा रही
रिपोर्टर : मनीष यादव पलेरा।
पलेरा।
ग्राम पंचायत बखतपुरा द्वारा सतवारा, बमोरिया गांव में मशीनों से मनरेगा का कार्य कराया जा रहा है। जिसमें मजदूरों को नहीं लगाया गया है। गांव वालों ने आरोप लगाए हैं कि कोरोना महामारी के समय में मजदूरों को मजदूरी नहीं दी जा रही है। फर्जी मस्टररोल डालकर कागजों में हाजरी दर्ज कि जा रहे हैं । काम मशीनों से किया जा रहा है । और कोरोना महामारी के चलते मजदूरों को मजदूरी नहीं मिल रही है गांव के मजदूर पलायन को मजबूर हैं। सोशल मीडिया पर गांव वालों ने वीडियो वायरल कर घटना की जानकारी साझा की । सेक्टर प्रभारी सब इंजीनियर एवं सरपंच सचिव रोजगार सहायक के गठजोड़ से भ्रष्टाचार पनप रहा है। गठजोड़ के जज्बे को सलाम करना बनता है, जो फर्जी मजदूरी दिखाकर मशीनों से मनरेगा के कार्य कराए जा रहे हैं।

दिनेश कुमार, निरंजन, नाथूराम राजपूत, संतोष पटेल ग्राम वासियों ने बताया की हाल ही में कोरोना महामारी में सरपंच द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पलेरा कि रोगी कल्याण समिति के नाम ₹21000 की राशि दी गई है। जिसकी खानापूर्ति पंचायत द्वारा भ्रष्टाचार करके निकाली जा रही। उन्होंने आगे आरोप लगाते हुए बताया है कि ग्राम पंचायत बखतपुरा ने जितने भी कार्य किए गए हैं उनकी बारीकी से जांच की जाए तो सरपंच सचिव रोजगार सहायक का ईमानदारी का चोला जनता के सामने निकल के सामने आ जाएगा । उन्होंने बताया है कि सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के अनुसार ग्राम पंचायत बखतपुरा के कार्यो की जानकारी मांगी गई भ्रष्टाचार की पोल ना खुल जाए जिसमें जानकारी दबाने का कार्य किया जा रहा है ।
इस संबंध में आकांक्षा तिवारी, सहायक यंत्री, जनपद पंचायत पलेरा का कहना है कि सेक्टर प्रभारी सब इंजीनियर कालीचरण राजपूत है यदि मशीनों द्वारा मनरेगा में काम किया गया, ऐसा कुछ वहां पाया जाता है। वीडियो के आधार एवं मौके पर जांच प्रतिवेदन में मशीनों से होना पाया जाता है तो सुनिश्चित ही कार्यवाही की जाएगी।

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