बारिश में डूब गई धान रोपा की फसल, ग्रामीणों में चिंता, निचले स्तरों में जल भराव

खेत बने तालाब दिखा नजारा, 10 एकड़ से अधिक फसल हुई खराब
ब्यूरो चीफ : मनीष श्रीवास
जबलपुर। जबलपुर जिले की पाटन विधानसभा की जनपद पंचायत मझौली के ग्राम बरोदा कॉलोनी के रहवासी क्षेत्रों तक बारिश का पानी घरों तक जा पहुंचा वहीं दूसरी ओर गांव से लगे तालाब स्थित किसानों के खेतों में वर्तमान धान रोपा की फसल तैयार होने के पहले ही पानी में डूब गई। जिससे गांव के पांच से सात किसानों को चिन्ता सताने लगीं हैं। इतना ही नहीं विगत तीन वर्षों से ग्राम में इसी प्रकार की समस्याओं से क्षेत्रीय विधायक को भी अवगत कराया गया लेकिन किसान अधिक परेशानी से होकर सीएम 181 पर भी शिकायत दर्ज करा दी थीं। जिसका निदान आज दिनांक तक नहीं किया जा सका।
जनपद पंचायत मझौली ग्राम पंचायत रिवझा ग्राम बरोदा में बारिश में डूब गई धान रोपा की फसल, ग्रामीणों में चिंता, निचले स्तरों में जल भराव, खेत बने तालाब दिखा नजारा को
जिला प्रशासन से इस समस्या का जल निदान एवं स्थानीय प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की बात मीडिया के माध्यम से रखी।
10 एकड़ से अधिक किसानों के खेतों में धान रोपा की फसल हुई पानी में खराब – ग्राम बरोदा कॉलोनी स्थिति तालाब निकट खेतों में लगाई गई धान की फसल 10 एकड़ से अधिक खराब हो गई हैं। वहीं खेतों के बाद बारिश का पानी घरों तक जा पहुंचा जिससे गरीब मजदूर का घर बारिश के पानी से गिरने की कगार पर हैं।
सरपंच पति ममता/बेड़ी लाल चौधरी को फोन कर इस समस्या से अवगत कराया गया। लेकिन उनके द्वारा किसानों के खेतों में भरे पानी का पंचनामा कार्यवाही न करने से गांव के किसान चिंतित एवं परेशान नजर आए।
इन इन किसानों के खेतों की लगीं धान रोपा की फसल हुई अब खराब – कृष्णा कांत दुबे 8 एकड़ से अधिक, जितेन्द्र बर्मन, आधा एकड़, विक्रम राजपूत एक एकड़, राम कृपाल बर्मन एक एकड़, केशव राजपूत दो एकड़, अवधेश राजपूत एक एकड़ लगी धान रोपा खराब हो गया हैं।
शासन प्रशासन से रखी मांग – ग्राम में किसानों की लगीं धान रोपा की फसल खराब होने को लेकर तत्कालीन सर्वे एवं ग्राम बरोदा कॉलोनी में पहुंच कर निरीक्षण करें की रखी मांग।
ग्रामीणों ने लगाएं आरोप – ग्राम बरोदा कॉलोनी में विगत लंबे समय से गांव में न तो ग्राम सभा हुई न ही ग्राम में बने समृद्धि भवन की साफ सफाई। आसपास लगा लगा खपतवार का जंगल बारिश में जहरीले जीव जंतुओं के आने का बना हुआ खतरा। सूचनाएं देने के बाद भी नहीं ध्यान देते सचिव सरपंच समेत स्थानीय प्रशासन व क्षेत्रीय विधायक।



