लापरवाही से प्रदूषण : कचरे में आग व वाहनों से उड़ने वाली धूल से बढ़ा प्रदूषण, इसलिए 2 घंटे पटाखे फोड़ने की अनुमति
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। धूल साफ करने वाली मशीन महीनों से नपा के बायपास फिल्टर प्लांट में रखी धूल खा रही है।जबकि धूल ही धूल के कारण शहर में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है। शहर की सड़कों पर उड़ने वाली धूल, कचरे में आग लगाने की वजह से शहर के एक्यूआई (एयर क्वालिटी इंडेक्स) में लगातार वृद्धि हो रही है। यही वजह है कि इस बार लोगों को महज दो घंटे ही पटाखे फोड़ने मिलेंगे।गौरतलब है कि मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार प्रदेश के 21 शहरों में से रायसेन में भी वायु प्रदूषण बीते साल घातक स्तर पर था। जिसे देखते हुए इस साल महज रात 8 से 10 बजे तक ही केवल दो घंटे पटाखे फोड़ने की अनुमति रहेगी। इसके पहले व बाद में पटाखे चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया है। गौरतलब है कि सबसे ज्यादा प्रदूषण वायुमंडल में उड़ने वाले धूल के कण हैं, जो तेज रफ्तार वाहनों की वजह से उड़कर वायुमंडल में फैल रहे हैं।
स्वच्छता सर्वेक्षण टीम के आने पर ही धूल साफ करने वाली मशीन चलाई जाती है….
हैरानी की बात तो यह है कि शहर की सड़कों पर धूल साफ करने के लिए नगर पालिका द्वारा धूल साफ करने वाली मशीन स्वयं धूल खा रही है। यह मशीन फिल्टर प्लांट पर कई माह से रखी हैं। बताया गया है कि स्वच्छता सर्वेक्षण टीम आने के समय ही इस मशीन को चलाया जाता है। जानकारों का कहना है कि यदि सड़कों से रोज धूल साफ की जाए तो काफी हद तक प्रदूषण की मात्रा घट सकती है। दूसरी ओर समय पर कचरा न उठाए जाने की वजह से आमतौर पर लोग कंटेनर व कचरे के ढेर में आग लगा देते हैं। जिससे दिन भर धुआं उड़ता रहता है। जो वायुमंडल में जाकर प्रदूषण फैलता है। मंगलवार की दोपहर शहर के इंदिरा कॉलोनी, सिविल वार्ड में अनेक जगह कंटेनरों में आग लगने की वजह से धुआं उड़ रहा था।
कलेक्टर ने प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया….
कलेक्टर अरविंद दुबे ने संपूर्ण रायसेन न जिले की सीमा में प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया है। जिसके तहत रात्रि 8 से पहले एवं 10 बजे के बाद पटाखे चलाना प्रतिबंधित रहेगा। घोषित शांति क्षेत्र के भीतर 100 मीटर की दूरी पर ही पटाखे चलाए जा सकेंगे। केवल ग्रीन पटाखों के निर्माण, भंडारण, परिवहन, विक्रय एवं उपयोग की अनुमति रहेगी। जारी आदेश में समस्त एसडीएम, समस्त थाना प्रभारी, नगरीय निकाय, के संयुक्त दल अपने-अपने क्षेत्र के आतिशबाजी दुकानों, निर्माण स्थलों, भरणों स्थलों इत्यादि का निरीक्षण करेंगे। साथ ही उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली के निर्णय आदेश का अक्षरशः पालन करना सुनिश्चित करेंगे