नई कलेक्टर गाइडलाइन : रायसेन में अप्रैल से महंगे होंगे प्रापर्टी के दाम
उप जिला मूल्यांकन समिति तैयार कर रही प्रस्ताव, शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों पर रहेगा ज्यादा फोकस
रिपोर्टर : शिवलाल यादव, रायसेन
रायसेन। वित्तीय वर्ष 2022-23 में रायसेन जिला अंतर्गत शहर से लेकर गांव तक के प्रापर्टी के दाम महंगे हो जाएंगे। अगर हम सूत्रो की मानें तो अगले वित्तीय वर्ष में कलेक्टर गाइडलाइन वास्तविक बाजार मूल्य पर पहुंच सकती है। ऐसे में अप्रैल माह से प्लॉट या फ्लैट खरीदना महंगा हो जाएगा। ऐसे क्षेत्रों में कलेक्टर गाइडलाइन की दर बढ़ाने पर फोकस किया जा रहा है। जो नए मास्टर प्लान में औद्योगिक या निवेश क्षेत्र बनने जा रहे हैं।
कलेक्टर अरविंद कुमार दुबे ने उप जिला मूल्यांकन समितियों को नए वित्तीय वर्ष में कलेक्टर गाइडलाइन कि दर प्रस्तावित करने के निर्देश हैं। समितियों को कहा है कि नगरी निकायों एवं जनपद पंचायत सहित सम्मिलित विभागों से समन्वय स्थापित कर गाइडलाइन तैयार करें।
31 दिसंबर 2021 तक समितियों को प्रस्तावित गाइड लाइन जिला मूल्यांकन समिति को सौंपने के लिए कहा है। जिससे जनवरी माह में आगे की तैयारी शुरू की जा सके। चर्चा है कि उन क्षेत्रों में कलेक्टर गाइड लाइन की दर बढ़ सकती है। जहां अधिक मात्रा में प्लाटिंग हो रही है। या फिर कालोनियां तेजी से विकसित हो रही हैं।
रायसेन शहरी क्षेत्र पर नजर….
उप पंजीयक कार्यालय दर बढ़ाने के लिए रायसेन तहसील पर नजर रखे है। क्योंकि रायसेन तहसील क्षेत्र में कलेक्टर दर कम है। यहां कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां कलेक्टर गाइडलाइन वास्तविक बाजार मूल्य से काफी कम है। इसी तरह रायसेन सिटी के वार्ड 13 जो कि यहां से नपा रायसेन द्वारा दूसरा बायपास रोड़ प्रस्तावित है।तजपुरा सहित पहले बायपास जोड़ गोपालपुर सहित खनपुरा, भोपाल रोड़, संजयनगर , पाटनदेव भोपाल सागर स्टेट हाइवे, वार्ड 4 रायसेन भारत नगर से लेकर गोपालपुर क्षेत्र, महू पथराई रोड़ वार्ड 4 पर भी फोकस है। क्योंकि यहां काफी संख्या में रजिस्ट्री होती है। इसी तरह नेशनल हाईवे 146 और सागर भोपाल स्टेट हाइवे से जुड़े स्थानों पर दर बढ़ाने की तैयारी की जा रही है।
रायसेन शहर के समीपी गांवों पर फोकस….
जिला उप पंजीयक कार्यालय रायसेन द्वारा जो नई कलेक्टर गाइडलाइन तैयार की जा रही है । उसमे रायसेन शहर से सटे ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष नजर रखी जा रही है। वजह यह है कि इन क्षेत्रों में प्रॉपर्टी की खरीदारी ज्यादा संख्या में हो रही है। कुल मिलाकर इन क्षेत्रों में भी अगले वित्तीय वर्ष में कलेक्टर गाइडलाइन की दर बढ़ाई जाएगी।