50 लाख की धोखाधड़ी मामले में पुलिस कार्यवाही पर उठ रहे सवाल
चिटफंड कंपनी संचालक पौराणिक एवं एजेंटों को थाने से छोड़ा जाना समझ से परे
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया उमरिया पान
उमरियापान । शिखर सहकारी समिति मर्यादित के नाम से कंपनी बनाकर उमरियापान, पचपेढ़ी सहित आसपास के क्षेत्रों में लगभग 50 लाख रुपये की धोखाधड़ी मामले में लीपापोती शुरु हो गई है। चूंकि उक्त कंपनी संचालक नरेन्द्र पौराणिक और एजेंट मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहे थे । इसके बाद इन लोगों के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से थाने में सरेण्डर किया गया था। चूंकि उक्त मामला काफी गंभीर प्रकृति का है ऐसी स्थिति में उक्त चारों आरोपियों को तत्काल कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था लेकिन उमरियापान थाना प्रभारी ने मनमानी और राजनैतिक दबाव के चलते उन्हें सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुये थाने से ही छोड़ दिया गया जबकि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश है उसमें यह बात स्पष्ट उल्लेखित की गई है कि यदि मामला गंभीर प्रकृति का है तो ऐसे में आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाना आवश्यक है लेकिन उक्त सभी बातों को नजर अंदाज करते हुये उमरिया पान थाना प्रभारी ने उक्त चारों आरोपियों को मात्र नोटिस की कार्यवाही करते हुये छोड़ दिया गया और सभी खाताधारकों को यह आश्वासन दिया गया कि जब चालान प्रस्तुत होगा तब उन्हें कोर्ट में पेश कर देंगे।
ये है मामला शिखर सहकारी समिति के नाम से सुहागी थाना अधारताल जिला जबलपुर निवासी नरेन्द्र पौराणिक द्वारा एक कंपनी बनाई गई जिसमें वसूली कार्य के लिये उमरियापान निवासी अंशुल चौरासिया, मुकेश चौरासिया, मनीष पौराणिक को नरेन्द्र पौराणिक द्वारा नियुक्त किया गया था। इन लोगों द्वारा उमरियापान, पचपेढ़ी सहित आपास के ग्रामों में 450 से 500 की संख्या में खाता खोले गये और ग्रामीणों को ज्यादा ब्याज का लालच देकर अपने झांसे में लिया गया। इन चारों आरोपियों की बातों में विष्वास करते हुये खाताधारकों ने अपनी मेहनत की कमाई को इनकी कंपनी में जमा किया लेकिन जैसे ही समय अवधि (मिचोरिटी) पूरी हुई वैसे ही इन लोगों ने अपनी असली रुप दिखा दिया और तरह-तरह की बातें कर खाता धारकों को गुमराह करने का काम शुरु कर दिया गया। जब खाता धारकों ने अपने पैसों के संबंध में कंपनी संचालक नरेन्द्र पौराणिक एवं एजेंटों से बात की तो उक्त चारों आरोपियों ने पैसों देने से साफ मना कर दिया और चारों एक- दूसरे के ऊपर आरोप मढऩे लगे। बार-बार खाता धारकों के निवेदन करने के बाद भी जब इन लोगों द्वारा उनका पैसा नहीं दिया गया तो खाताधारकों की ओर से उमरियापान थाने में चारों आरोपियों के विरुद्ध धारा 420 का प्रकरण पंजीबद्ध किया गया था। चूंकि जब प्रकरण दर्ज हुआ था उस समय कोरोना महामारी चरम में थी इस कारण से पुलिस द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं की गई थी लेकिन जब पिछलों दिनों इन लोगों के द्वारा थाने में सरेण्डर किया गया और उस समय जो कार्यवाही पुलिस द्वारा की गई वह समझ से परे है। क्योंकि वर्तमान समय में कोरोना का प्रकोप कम हो चुका है ऐसी स्थिति में उक्त चारों आरोपियों पर जो मामला दर्ज हुआ है वह गंभीर प्रकृति का है। चूंकि इन लोगों ने 50 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी की है। इस कारण से इन लोगों को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था लेकिन ऐसा न करते हुये थाना प्रभारी ने राजनैतिक दबाव में उन लोगों को थाने से ही छोड़ दिया गया।
खुलेआम घूम रहे आरोपी
खाता धारकों ने बताया कि उक्त चारों आरोपी खुलेआम घूम रहे है और ऐसा लगता है जैसे इन लोगों ने कोई अपराध ही नहीं किया हो और उक्त चारों आरोपी ऐशो-आराम से अपना जीवन व्यतीत कर है है जिसको देखकर खाताधारकों का माथा ठनक जाता है क्योंकि इन लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई का एक-एक रुपये जोड़कर जमा किया था लेकिन उन्हें यह पता नहीं कि उक्त चारों आरोपी इनके साथ ऐसा करेंगे और इन लोगों का पैसा हजम कर जायेंगे।
उचित कार्यवाही नहीं हुई तो होगा चक्काजाम
खाताधारकों द्वारा बताया गया कि यदि जल्द ही पुलिस द्वारा कोई उचित कार्यवाही चारों आरोपियों पर नहीं की जाती है तो आने वाले दिनों में झंडा चौक उमरियापान में अमरण अनषन किया जायेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। लिहाजा खाताधारकों को यह भी अंदेशा हो रहा है कि उक्त मामले में राजनैतिक दबाव के चलते रफा-दफा और कमजोर करने की कोशिश चल रही है। क्योंकि मामला इतना छोटा नहीं था कि आरोपियों को थाने से छोड़ा जाना था और जिस मंथर गति से उक्त मामले में कार्यवाही चल रही है उससे यह अंदेशा और भी बढ़ जाता है। बहरहाल यदि उक्त मामले में जल्द की कार्यवाही नहीं की गई तो सभी खाताधारक झंडा चौक उमरिया पान में अमरण अनशन पर बैठने के लिये विवश होंगे। एक-एक पैसे को मोहताज हुये खाताधारक उक्त कंपनी में कुछ ऐसे लोगों ने भी पैसा निवेश किया था जो रोज कमाने खाने वाले है और इन लोगों ने अपना खर्चों कम करके उक्त कंपनी में पैसा जमा किया था कि आज पैसा इक्कठा हो जावेंगा तो कल हमारे काम आयेगा लेकिन खाताधारकों को यह पता नहीं था कि ये चारों आरोपी मिलकर उनकी मूल रकम ही खा जायेंगे। खाताधारक राहुल अग्रवाल ने बताया कि कोरोना कॉल में व्यवसाय भी बंद रहा इस कारण से भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है वहीं दूसरी ओर इनके द्वारा भी हमारे पैसे का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
3 माह भी विवेचना नहीं हुई पूरी
विदित हो कि उक्त मामला लगभग 3 माह पहले दर्ज किया गया था लेकिन आज दिनांक तक उक्त मामले की विवेचना पूर्ण नहीं हो सकी है और जब भी थाना प्रभारी या विवेचक से बात की जाती है तो उनके द्वारा वहीं रटारटाया उत्तर दे दिया जाता है कि अभी विवचेना चल रही है।