रेवडी की तरह बांट दिये प्रधानमंत्री आवास, ग्राम पंचायत जिर्री का मामला
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा की ग्राम पंचायत जिर्री में प्रधानमंत्री आवास योजना में भारी भ्रष्टाचार सामने आया है जहां पर नियमों को ताक पर रखकर रेवड़ी की तरह अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है जबकि गांव में कई ऐसे व्यक्ति है जो उक्त योजना की पात्रता रखते है लेकिन सरपंच की हठधर्मिता के कारण उन लोगों के शासन की योजनाओं से वंचित करने का खेल सरपंच द्वारा खेला जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि अभी कुछ माह पहले से एक महिला हितग्राही के द्वारा सरपंच पर गंभीर आरोप लगाते हुये कलेक्टर जनसुनवाई में शिकायत की थी की गई थी उसके बैंक खाते में जिर्री सरपंच द्वारा धोखाधड़ी करते हुये लोन की राशि निकाली गई है। जब महिला बैंक पहुंची तब उसे सरपंच की करतूतों की जानकारी हुई। वहीं उपरोक्त मामले में जब बैंक अधिकारियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कलेक्टर कार्यालय से इस संबंध में लेटर आया जिसकी जांच जारी है लेकिन प्रथम द्ष्टया सरपंच दोषी है चूंकि उसके द्वारा महिला हितग्राही के कागज शासन की किसी अन्य योजनाओं का लाभ दिलाने के लिये, लिये गये थे लेकिन महिला को यह पता नहीं था जो कि सरपंच के द्वारा उससे छल करते हुये मेरे बैंक खाते से लोन निकलवा लिया जावेगा।
बिना कार्य के लगाये जा रहे बिल
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत जिर्री सरपंच द्वारा बिना किसी कार्य के आये दिन बिल लगाये जा रहे है और वे बिल भी ऐसी दुकानों के है जो उक्त व्यवसाय से संबंध भी नहीं रखते है इसके बाद भी सरपंच द्वारा अपने पद का दुरूपयोग करते हुये अपने लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से इस तरह के कृत्य किये जा रहे है। लिहाजा यदि उक्त दिशा में जांच सही तरीके से हो तो जिर्री सरपंच पर गाज गिरना तय है।
मनरेगा में आधे-आधे का चल रहा खेल
बताया जाता है जिर्री सरपंच द्वारा कई ऐसे व्यक्तियों की मनरेगा में हाजरी भरवाई जा रही है जो मजदूरी नहीं करते है लेकिन उन लोगों को मजदूरी का भुगतान बराबर किया जा रहा है। वहीं जब हमारे संवाददता ने उक्त मामले की तहकीकात की तो चौकाने वाली जानकारी मिली। कुछ ग्रामवासियों ने बताया कि हम काम पर नहीं जाते है लेकिन जो मजदूरी का पैसा होता है उसका आधा सरपंच को देना पड़ता है और आधे पैसे हमें मिलते है।