हार्वेस्टर संचालकों-दलालों की सांठगांठ के आगे बेबस हुआ किसान 1200 की जगह वसूल रहे 1600 प्रति एकड़ धान कटाई के
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान
उमरियापान । पूरे क्षेत्र में वर्तमान समय में धान कटाई का काम जोरों पर चल रहा है। हर वर्ष की तरह भी पंजाब, हरियाणा सहित दूसरों स्थानों से हार्वेस्टर संचालकों क्षेत्र में पहुंचे हैं जो दलालों के माध्यम से कटाई का कार्य करते है लेकिन इस वर्ष एकाएक 1200 की जगह 1600 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से कटाई की जा रही है। वहीं इतना ज्यादा पैसे लेने के कारण किसान परेशान है चूंकि हर वर्ष 1200 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से ही लिया जाता है। वहीं हार्वेस्टर संचालकों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि डीजल महंगा हो गया जबकि पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने टैक्स में कटौती करते हुये डीजल पर 10 रूपये तथा म.प्र.सरकार ने 5 रूपये कम किये थे। इस प्रकार प्रति लीटर में 15 रूपये कम हुये थे इसके बावजूद भी हार्वेस्टर संचालकों द्वारा डीजल मूल्य वृद्धि में होने का सहारा लेकर एकदम से रेट बढ़ा दिये गये है जिससे किसानों की मुश्किल और बढ़ गई है और हार्वेस्टर संचालकों और दलालों के आगे किसान बेबस हो गया है।
उल्लेखनीय है कि हार्वेस्टर संचालक स्थानीय एजेंटों के माध्यम से धान-गेहूं की कटाई का कार्य करते है जिस कारण से कई बार एजेंटों द्वारा भी कटाई के दाम बढ़ा दिये जाते है। वहीं एक हार्वेस्टर संचालक ने बताया कि हमें तो 1300 रूपये ही मिल रहे है बाकी दलाल लेते है। सवाल यह उठता है कि आखिर जिस तरह से हार्वेस्टर संचालकों द्वारा कटाई के दामों में वृद्धि की गई है तो इनकी मनमानी पर रोक कौन लगायेगा? चूंकि सरकार हमेशा यही कहती है कि किसी भी कीमत पर किसान को लुटने नहीं दिया जायेगा लेकिन वर्तमान में जो परिस्थितियां निर्मित हो रही है इससे यह बात स्पष्ट है कि सरकारी व्यवस्था के आगे किसान बेबस हो गया है फिर चाहे खाद की कालाबाजारी हो गया अन्य कोई भी मुद्दा किसान हर जगह पर ठगा जा रहा है।
डीजल मूल्य वृद्धि की दे रहे दुहाई
बताया जाता है कि किसान जब हार्वेस्टर संचालकों से कटाई में ज्यादा पैसे लेने की बात करते है तो हार्वेस्टर संचालकों द्वारा डीजल मूल्य वृद्धि की दुहाई दी जाती है। जबकि सत्यता यह है कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा अभी कुछ दिन पहले ही 15 रूपये प्रति लीटर में कम किये गये है इसके बाद भी हार्वेस्टर संचालकों और दलालों की मनमानी पर रोक नहीं लग पा रही है। वहीं किसानों द्वारा जब ज्यादा विरोध किया ज्यादा है तो दलालों द्वारा कटाई करने से स्पष्ट मना कर दिया जाता है। बहरहाल उपरोक्त मामले में प्रशासन को अवगत कराया गया है। यदि इसी तरह की मनमानी हार्वेस्टर संचालकों और दलालों द्वारा की जाती है तो निश्चित रूप से कार्यवाही होगी।
शिकायत हुई तो करेंगे कार्यवाही
वहीं उपरोक्त मामले में जब प्रभारी तहसीलदार ढीमरखेड़ा हरि सिंह धुर्वे से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अभी तक इस मामले में किसी भी किसान द्वारा शिकायत नहीं की गई है। यदि किसानों द्वारा हार्वेस्टर संचालकों की मनमानी और धान कटाई के लिये ज्यादा पैसे लिये जाने संबंधी शिकायत की जाती है तो निश्चित रूप से कार्यवाही की जायेगी।