जांच पूरी लेकिन दोस्ताना निभा रहे जिम्मेदार ग्राम पंचायत सगौना का मामला
रिपोर्टर : सतीश चौरसिया, उमरिया पान।
उमरियापान। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सगौना में सरपंच और सचिव मनीषा महोबिया के द्वारा फर्जी डबल जाबकार्ड बनाकर एवं बिना कार्यप्रगति के 6 फर्जी मस्टर निकालने की एवं कई अन्य लोगों के दो-दो जॉब कार्ड बनाने की शिकायत की गई थी। शिकायत प्राप्ति के पश्चात संबंधित अधिकारियों द्वारा जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा में पदस्थ सहायक यंत्री इकबाल खान को उक्त मामले में जांच सौंपी गई थी जिनके द्वारा विस्तृत जांच उपरांत यह पाया गया कि सगौना सरपंच और सचिव ने फर्जी तरीके से एक ही व्यक्ति के दो जॉब कार्ड एवं बिना कार्य के राशि का आहरण इनके द्वारा किया गया। जिसका प्रतिवेदन श्री खान के द्वारा सीईओ जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा को सौंप दिया गया है लेकिन जांच उपरंात भी किसी तरह की कोई कार्यवाही न होना अपने आप में प्रश्र चिन्ह लगा रहा? वहीं शिकायतकर्ता चंद्रभान यादव, आनंद सिंह , मंगल सिंह ,मुकेश अनारी, रंजीता आदि ने बताया कि यदि सगौना सरपंच और सचिव के विरूद्ध कार्यवाही नहीं की जाती है तो आने वाले समय में हम लोगों के द्वारा भूख हड़ताल औन अनशन किया जायेगा जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
पोड़ीखर्द ग्रामवासियों को रोजगार सहायक के दर्शन हुये दुलर्भ
भगवान भरोसे पंचायत
उमरियापान। जनपद पंचायत ढीमरखेड़ा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पोड़ीखुर्द में पदस्थ रोजगार सहायक उमेश सोनी के द्वारा जमकर मनमानी की जा रही है और अपने हिसाब से पंचायत का संचालन किया जा रहा है। ग्रामवासियों ने बताया कि रोजगार सहायक कभी भी पंचायत में मौजूद नहीं रहते है और माहभर में एक या दो दिन ही पंचायत आते है जिससे कई आवश्यक कार्य प्रभावित होते है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि वर्तमान समय में पोड़ीखुर्द सचिव जगदीश पटेल का एक्सीडेंट हो गया है जिससे वे अवकाश पर है। लिहाजा वर्तमान समय में रोजगार सहायक उमेश सोनी को पंचायत की जिम्मेदार सौंपी गई है जिसका निर्वाहन इनके द्वारा सहीं तरीके से नहीं किया जा रहा है।
वहीं जानकारी यह भी लगी है कि पंचायत के खाते में 20 लाख रूपये से अधिक की राशि है लेकिन वहां पर कोई कार्य नहीं कराये जा रह है। जब इस संबंध में ग्राम प्रधान अनिल पटेल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह बात सही है कि वर्तमान समय में गांव में कोई कार्य नहीं कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में पंचायत के द्वारा सडक़ निर्माण का कार्य करवाया गया था जिसमें मजदूरों की मजदूरी मैने अपने स्वयं के पैसों से की थी। चूंकि उस समय शासन द्वारा राशि उपलब्ध नहीं करवाई गई थी लेकिन जब राशि आई तब मेरे द्वारा रोजगार सहायक से कहा गया कि मेरे द्वारा जो राशि उस समय मजदूरों की दी गई थी उसका भुगतान कर दो तो उसने तरह-तरह के बहाने बनाकर राशि देने से इंकार कर दिया और बाद में योजनाबद्ध तरीके से रोजगार सहायक ने किसी अन्य मजदूरों के खाते में उक्त राशि डाल दी गई जिसका बाद में बंदरबांट रोजगार सहायक द्वारा कर लिया गया। ग्राम प्रधान अनिल पटेल ने बताया कि पूर्व में पंचायत में हुये कार्यों में मेरा व्यक्ति लगभग 2 लाख रूपये से अधिक लग चुका है जिसकी राशि आज तक मुझे नहीं मिली है। इस कारण से मेरे द्वारा संपूर्ण कार्य बंद कर दिये गये। वहीं ग्राम प्रधान अनिल पटेल ने अपनी इस समस्या को जनपद एवं जिला पंचायत के अधिकारियों के समक्ष भी रखा लेकिन उन्होंने भी इनकी मांग को अनदेखा कर दिया।