मध्य प्रदेश

वक्फ जामा मस्जिद की दुकानों पर दबंग कब्जेदार, पड़े प्रशासन पर भारी तीन महीने मे भी नहीं हो पाई दुकाने खाली

बिना धरोहर राशि के एग्रीमेंट का समय समाप्त होने के बाद भी दुकानों पर कब्जेदार नहीं कर रहे दुकानों को खाली
फिर दिए वक्फ अध्यक्ष टोनी शाह ने अपने निजी पैसों को वेतन के तौर पर वक्फ जामा मस्जिद के कर्मचारियों को
रिपोर्टर : राहुल सक्सेना, आरोन।
गुना।
गुना के मधुसुदनगढ़ का, मधुसूदनगढ़ में वक्फ जामा मस्जिद 6 दुकाने हैं जिनके किराए से ही मस्जिद के कर्मचारियों को वेतन दी जाती है एवं मस्जिद की सारी व्यवस्थाएं की जाती हैं, प्रति वर्ष दुकाने नीलामी बोली के माध्यम से दी जाती है। जो अधिक किराया बोली लगाता हे उसी के नाम 11 महीने का एग्रीमेंट कर दिया जाता हे ।उ क्त दुकानों की नीलामी बिना पगड़ी (धरोहर राशि) के मात्र किराया बोली पर नीलाम की जाती है । विगत वर्ष भी उक्त दुकानों को नीलामी बोली लगाकर 11 महीने के एग्रीमेंट पर , हाजी गुल हसन, जफरउल्लाह खान, अल्ताफ गोरी, कयूम खान, मुस्ताक खान, बशीर खान को किराए से दी गई थी एवं किसी प्रकार की पगड़ी (धरोहर राशि) उक्त व्यक्तियों से नहीं ली गई थी । उक्त व्यक्तियों ने बिना पगड़ी (धरोहर राशि) के दुकाने किराय से ली थी एबं 11 माह के एग्रीमेंट पर हस्त्ताक्षर कर स्वीकार किया हे । एग्रीमेंट की अवधि 31.03.2021 को समाप्त हो चुकी है, पर अब वक्फ जामा मस्जिद की दुकानों को दुकानदार खाली नहीं कर रहे हैं, और वक्फ जामा मस्जिद की दुकानो पर अवैध कब्जा कर दुकानों को हड़पना चाहते हैं,और आज भी हाजी गुल हसन, जफरउल्लाह खान, अल्ताफ गोरी, कयूम खान, मुस्ताक खान, बशीर खान एवं इनके परिवार के लोग ने दादागिरी से अवैध कब्जा किए हुए हैं, जिससे वक्फ जामा मस्जिद की दुकानों की हर साल की तरह इस साल नीलामी प्रक्रिया नहीं हो पा रही है। जिससे वक्फ जामा मस्जिद की सारी व्यवस्थाएं बिगड़ गई हैं और दूसरी बार भी वक्फ जामा मस्जिद (अध्यक्ष सदर) टोनी शाह ने अपने निजी पैसों से मस्जिद में नमाज पढ़ाने वाले इमामो को वेतन के तौर पर दिए हैं। पूर्व में भी (अध्यक्ष सदर) टोनी शाह द्वारा अपने निजी पैसों 2 इमाम और 3 मौजिम को वेतन के तौर पर दिए गए थे, ताकि मस्जिद की व्यवस्थाएं ना बिगड़े, पर प्रशासन के ढीले रवैए के चलते मस्जिद की व्यवस्थाएं दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही हैं, आलम यह है कि ना ही बिजली का बिल जमा हो पा रहा है, और ना ही मस्जिद के अन्य काम हो पा रहे हैं।
इस संबंध में वक्फ जामा मस्जिद (अध्यक्ष सदर) टोनी शाह ने भोपाल वक्फ बोर्ड, गुना कलेक्टर, गुना एसपी , तहसील एवं पुलिस में शिकायत की गई है। शिकायत करने पर वक्फ जामा मस्जिद (अध्यक्ष सदर) टोनी शाह को लड़ाई झगड़ा करने एवं झूठे केस में फंसाने एवं झूठी शिकायत कर अध्यक्ष पद से हटवाने की धमकी दी जा रही है। समस्त मुस्लिम समाज मधुसूदनगढ़ द्वारा दुकाने खाली कराने की शिकायत अधिकारियों से की गई है एवं समस्त मधुसूदनगढ़ मुस्लिम समाज के लोगों में अवैध कब्जेदार दुकानदारों के प्रति आक्रोश है जो कभी भी झगड़े का कारण बन सकता है,। इस संबंध में टोनी शाह द्वारा पूर्व में गुना कलेक्टर एवं एसपी से शिकायत की गई, पर अब तक प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
जिसको लेकर अधिकारियों द्वारा शिकायत में बताया गया है कि जनता कर्फ्यू लगा होने के कारण वक्फ जामा मस्जिद की दुकानों को अभी खाली नहीं कराया जा सकता है । जनता कर्फ्यू हट जाने के बाद दुकानों को खाली कराया जाएगा, इसके बाद तहसीलदार द्वारा 31.05.2021 को 3 दिन के भीतर दुकानों को खाली करने के नोटिस भी वक्फ जामा मस्जिद की दुकानों पर दबंग अवैध कब्जा करने वाले कब्जेदार दुकानदारों को दिए गए थे पर हैरानी की बात तो यह है कि जनता कर्फ्यू हटने के बाद,और दुकानें खाली करने के नोटिस की अवधि निकल जाने के बाद भी प्रशासन, वक्फ जामा मस्जिद की दुकानों पर से दबंग अवैध कब्जा धारक दुकानदारों से दुकानें खाली नहीं करवा पा रहा है, जिससे वक्फ दुकानों पर दबंग अवैध कब्जा करने वाले दुकानदारों के हौसले बुलंद है, जबकि वक्फ बोर्ड की संपत्ति कलेक्टर, एसडीएम, तहसीलदार के आधीन होती हैं,और समय-समय पर शासन प्रशासन के आला अधिकारी वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाली संपत्ति की जानकारी भी लेते हैं। अधिकारियों के ढीले रवैया के कारण ही वक्फ संपत्ति पर धीरे-धीरे अवैध कब्जा होता जाता है। जब वक्फ अध्यक्ष इस तरह के मामले में अधिकारियों से शिकायत करता है तो, वक्फ कमेटी व अध्यक्षों के साथ वक्फ संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वाले लोग विवाद करने लगते हैं, और नतीजा यह होता है कि वक्फ अध्यक्षों को अपनी जान तक गवाना पड़ जाता है, और वह सिर्फ इसलिए की प्रशासन के आला अधिकारियों के ढीले रवैए के चलते और मामले को अधिकारियों द्वारा गंभीरता से नहीं लेने के कारण इस तरह की घटनाएं कमेटी एवं अध्यक्ष के साथ घटित होती है।
प्रशासन के ढीले रवैया से लगता है कि मकसूदनगढ़ की बक्फ जामा मस्जिद की 6 दुकानों पर कब्जे को लेकर प्रशासन को किसी बड़े झगड़े का इंतजार है।

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