मध्य प्रदेश

करोड़ों की लागत से घटिया निर्माण कराया जा रहा तीन छात्रावास भवनों का,

पीआईयू और ठेकेदार की मिलीभगत उजागर भोपाल के ठेकेदार और विभागीय अधिकारियों की जमकर हो रही कमाई

रिपोर्टर : शिवलाल यादव , रायसेन।
रायसेन।
पीआईयू के अधिकारियों और भोपाल के एक रसूखदार ठेकेदार की मिलीभगत से रायसेन शहर के दो सागर रोड़ गर्ल्स स्कूल परिसर एवं डीईओ आफिस के सामने हाऊसिंग बोर्ड कालोनी के समीप करोड़ों रुपयों की लागत से कराया जा रहा है। बताया जा रहा है कि बाहर से इन छात्रावास भवनों को रंगरोगन कर जगमगा दिया है।लेकिन अंदर से निर्माण कार्य आधा अधूरा पड़ा है।वहीं घटिया सीमेंट, रेत पतले लोहा सरिए का उपयोग ठेकेदार के द्वारा किया जा रहा है। इससे करोड़ों की लागत से बनाए जा रहे इन हॉस्टलों की बिल्डिंगों की टिकाऊ क्षमता पर सवाल खड़े होने लगे हैं। पता चला है कि पीआईयू के जिम्मेदार अधिकारी इन छात्रावास भवनों की मॉनिटरिंग करने तक नहीं जाते। जिस कारण ठेकेदार के हौसले बुलंद हैं। वह करोड़ों रुपए की लागत से बन रहे छात्रावास भवनों की क्वालिटी पर भी सवालिया निशान लग रहे हैं।
दरअसल इन तीनों छात्रावास भवनों की आधारशिला तत्कालीन वनमंत्री डॉ गौरीशंकर शेजवार, जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता डॉ जे.पी. किरार और जनपद पंचायत सांची के अध्यक्ष एस मुनियन द्वारा 100 सीटर बालक हॉस्टल की हाउसिंग बोर्ड कालोनी के समीप और गर्ल्स स्कूल परिसर में रखी गई थी। लोक निर्माण विभाग की जिला परियोजना क्रियान्वयन इकाई (पीआईयू) ने इन तीनों छात्रावास भवन निर्माण का ठेका भोपाल के एक ठेकेदार को दिया गया है। रायसेन में उत्कृष्ट विद्यालय के रायसेन के बालको को आवासीय सुविधा मुहैया कराने के लिए इन हॉस्टलों का निर्माण कराया जा रहा है। इन हरेक छात्रावास भवनों की प्रशासकीय स्वकृति 771.17 लाख रुपये है। जबकि तकनीकी स्वकृति 654.29 लाख रुपये है।
तीन साल में भी यह तीनों छात्रावास भवन अधूरे है।
हालांकि पीआईयू रायसेन ने दो बालक हॉस्टल 100-100 सीटर गर्ल्स स्कूल और तीसरा बालक छात्रावास भवन हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के समीप वार्ड 17 में बनाया जा रहा है।
विभागीय अधिकारी निर्माणाधीन भवनों की मॉनिटरिंग नहीं करते
पीआईयू के ईई पी.के.झा, परियोजना यंत्री ए.के. दुराफे कभी इन छात्रवास भवनों का मॉनिटरिंग करना तक मुनासिब नहीं समझा गया है। ठेकेदार को कार्यादेश 27 जून 2018 को दिया गया था। इन छात्रावास भवनों को कार्य पूर्ण करने की अवधि 18 माह तय की गई थी। लेकिन बजाय डेढ़ साल के बनने के दोगुना समय बीत चुका है। लेकिन बिल्डिंगें फिर भी अधूरी हैं।
कछुआ रफ्तार से चल रहा घटिया निर्माण…..
भोपाल के इस ठेकेदार द्वारा इन तीनों बालक छात्रावास भवनों का निर्माण बेहद धीमी गति से कराया जा रहा है।घटिया सीमेंट, लोकल रेत गिट्टी और पतले सरियों से इन बिल्डिंगों का स्ट्रेक्चर खड़ा कर बनाया जा रहा है।इन छात्रावास भवनों का रंगरोगन किया जा चुका है। लेकिन छतों पर झील बन जाने से बारिश का पानी भरा हुआ है। जिससे अंदर के कमरों में पानी का रिसाव निरन्तर जारी है।दीवारें भवन हैण्ड ओवर के पहले ही जगह जगह से दरकने लगी है। सीढ़ियों की साइडें भी ठेकेदार द्वारा भरी नहीं गई हैं। घटिया निर्माण हुए इन छात्रावास भवनों की टिकाऊ क्षमता पर लोग अभी से सवाल खड़े करने लगे हैं।
इस संबंध में पीआईयू रायसेन ईई पी.के. झा का कहना है कि जल्द ही इन छात्रावासों की बिल्डिंगों की मॉनिटरिंग कराई जाएगी।अगर भोपाल का ठेकेदार घटिया निर्माण कार्य करवा रहा है तो जांच पडताल कर नियम अनुसार सुनिश्चिंत की जाएगी।

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