Today Panchang आज का पंचांग बुधवार, 05 सितम्बर 2024
आचार्य श्री गोपी राम (ज्योतिषाचार्य) जिला मुख्यालय हरियाणा मो. 9812224501
✦••• जय श्री हरि •••✦
🧾 आज का पंचाग 🧾
गुरुवार 05 सितम्बर 2024
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-
मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।
मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
☄️ दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)
गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए।
गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं ।
इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
🌐 शुभ हिन्दू नववर्ष 2024 संवत्सर क्रोधी
📖 संवत्सर (उत्तर) कालयुक्त
🧾 विक्रम संवत 2081 विक्रम संवत
🔮 गुजराती संवत 2080 विक्रम संवत
☸️ शक संवत 1946 शक संवत
☪️ कलि संवत 5125 कलि संवत
🕉️ शिवराज शक 351
☣️ आयन – दक्षिणायन
☀️ ऋतु – सौर शरद ऋतु
🌤️ मास – भाद्रपद मास
🌒 पक्ष – शुक्ल पक्ष
📅 तिथि – गुरुवार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष द्वितीया तिथि 12:21 PM तक उपरांत तृतीया
✏️ तिथि का स्वामी – द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्मा जी है । द्वितीया तिथि के स्वामी सृष्टि के रचियता भगवान ‘ब्रह्मा’ जी हैं। इसका विशेष नाम ‘सुमंगला’ है। यह भद्रा संज्ञक तिथि है।
💫 नक्षत्र – नक्षत्र उत्तर फाल्गुनी 06:14 AM तक उपरांत हस्त
🪐 नक्षत्र स्वामी – उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र के स्वामी सूर्य और स्वामी ग्रह शुक्र हैं।उत्तराफाल्गुनी के देवता अर्यमा होते हैं।
⚜️ योग – शुभ योग 09:07 PM तक, उसके बाद शुक्ल योग
⚡ प्रथम करण : कौलव – 12:21 पी एम तक
✨ द्वितीय करण : तैतिल – 01:41 ए एम, सितम्बर 06 तक गर
🔥 गुलिक कालः- गुरुवार का (शुभ गुलिक) 03:33:00 से 05:08:00 तक
⚜️ दिशाशूल – बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
🤖 राहुकाल – दिन – 1:30 से 3:00 तक राहु काल में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए |
🌞 सूर्योदयः- प्रातः 05:46:00
🌅 सूर्यास्तः- सायं 06:14:00
👸🏻 ब्रह्म मुहूर्त : 04:30 ए एम से 05:16 ए एम
🌇 प्रातः सन्ध्या : 04:53 ए एम से 06:01 ए एम
🌟 अभिजित मुहूर्त : 11:54 ए एम से 12:45 पी एम
🔯 विजय मुहूर्त : 02:26 पी एम से 03:16 पी एम
🐃 गोधूलि मुहूर्त : 06:38 पी एम से 07:00 पी एम
🌃 सायाह्न सन्ध्या : 06:38 पी एम से 07:46 पी एम
💧 अमृत काल : 02:37 ए एम, सितम्बर 06 से 04:26 ए एम, सितम्बर 06
🗣️ निशिता मुहूर्त : 11:57 पी एम से 12:42 ए एम, सितम्बर 06
🚓 यात्रा शकुन-बेसन से बनी मिठाई खाकर यात्रा पर निकलें।
👉🏽 आज का मंत्र-ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरुवै नम:।
🤷🏻 आज का उपाय-विष्णु मंदिर में केसर चढ़ाएं।
🪵 वनस्पति तंत्र उपाय-पीपल के वृक्ष में जल चढ़ाएं।
❄️ पर्व एवं त्यौहार – बाबा रामदेव दूज/व्यापार मुहूर्त/ मुस्लिम रवि – उल-अव्वल- मासारंभ/ श्री शंकर देव तिथि (असम)/ स्वामी हरिदास जयंती महोत्सव (वृन्दावन), दान का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, विश्व प्रसिद्ध समाज सेविका मदर टेरेसा स्मृति दिवस, रेमन मैग्सेसे पुरस्कार सम्मानित लक्ष्मीनारायण रामदास जन्म दिवस, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जयन्ती, राष्ट्रीय शिक्षक दिवस, राष्ट्रीय पोषाहार दिवस (सप्ताह)
✍🏼 विशेष – द्वितीया तिथि को कटेरी फल का तथा तृतीया तिथि को नमक का दान और भक्षण दोनों ही त्याज्य बताया गया है। द्वितीया तिथि सुमंगला और कार्य सिद्धिकारी तिथि मानी जाती है। इस द्वितीया तिथि के स्वामी भगवान ब्रह्माजी को बताया गया है। यह द्वितीया तिथि भद्रा नाम से विख्यात मानी जाती है। यह द्वितीया तिथि शुक्ल पक्ष में अशुभ तथा कृष्ण पक्ष में शुभ फलदायिनी होती है।
🗽 Vastu tips 🗼
स्वास्थ्य और दीर्घायु प्राप्त करने के लिए बांस का पौधा पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। ये दिशाएं स्वास्थ्य और दीर्घायु से जुड़ी होती हैं। पूर्व या दक्षिण-पूर्व दिशा में रखा बांस का पौधा आपको स्वस्थ और दीर्घ जीवन प्रदान करने में मदद कर सकता है। फेंगशुई में, संख्या 9 को दीर्घायु का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, 9 डंडे वाला बांस का पौधा रखना बेहतर होता है। यह आपको दीर्घायु और स्वास्थ्य प्रदान करेगा।
रिश्तों में सुधार लाने के लिए लाल रिबन में लपेट कर दो बांस के डंठल का प्रयोग शुभ माना गया है। इसे कांच के पात्र में जल भरकर पूर्व, पूर्वोत्तर या उत्तर दिशा में रखें। मगर ध्यान रखें कि ये सूखने न पाएं। ये दिशाएं प्रेम और रिश्तों से जुड़ी होती हैं। पूर्व, पूर्वोत्तर या उत्तर दिशा में रखा बांस का पौधा आपके रिश्तों में सुधार लाने और उन्हें मजबूत बनाने में मदद कर सकता है। फेंगशुई में, संख्या 2 को जोड़े को प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसलिए, 2 डंडे वाला बांस का पौधा रखना बेहतर होता है, यह आपके रिश्तों में मजबूती और प्रेम लाएगा।
♻️ जीवनोपयोगी कुंजियां ⚜️
अक्सर लोग घर की साफ-सफाई का तो खास ध्यान रखते हैं. लेकिन बाथरूम की सफाई पर ध्यान नहीं देते. शास्त्र के अनुसार जिन घरों के बाथरूम में गंदगी पड़ी होती है, वहां शनि देव नाराज हो जाते हैं. ऐसे में शनि देव की अशुभ प्रभावों से बचने के लिए बाथरूम की साफ सफाई का खास ध्यान रखें.
अगर आप रात में खाना खाने के बाद किचन में झूठे बर्तन छोड़ देते हैं, तो इससे भी शनि देव नाराज हो जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार झूठे बर्तन रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होता है. इसके साथ ही शनिदेव की अशुभ छाया भी बनी रहती है.
आचार्य श्री गोपी राम के अनुसार कई लोगों बैठे-बैठे पैर हिलाने की आदत होती है. ज्योतिष शास्त्र में पैरों को लगातार हिलाना अशुभ माना गया है. इस बुरी आदत से ही शनि देव नाराज हो जाते हैं. कई बार लोग चलते समय आवाज करते हैं. चलते समय लगातार पैरों को जमीन पर घसीटते हुए चलते हैं, इस आदत को बुरा माना जाता है. इससे शनि देव की अशुभ छाया पड़ती है, जिससे व्यक्ति को कई कामों में असफलताओं का सामना करना पड़ता है. व्यक्ति को आर्थिक तंगी का शिकार होना पड़ता है.
🍻 आरोग्य संजीवनी
चलिए जानते हैं बिच्छू का जहर उतारने के घरेलू उपाय-
फिटकरी- बिच्छू का जहर उतारने के लिए फिटकरी बहुत अच्छा उपाय है.इसके लिए पत्थर के सिलपर फिटकरी को चंदन की तरह पानी में घिसकर बिच्छू के डंक वाले जगह पर लेप करके हल्के आग से सेकने से कैसा भी बिच्छू काटा हो दर्द और जहर तुरंत उतर जाता है.
माचिस की तिल्ली-बिच्छू काटे हुए जगह पर 10- 12 माचिस की तिल्ली का मसाला पानी में घोल कर लेप करने से बिच्छू का जहर तुरंत शांत हो जाता है और दर्द से भी राहत मिलता है. यह उपाय मधुमक्खी और बर्र के काटने पर भी फायदेमंद होता है.
सेंधा नमक-अगर किसी को बिच्छू काट ले और असहनीय दर्द हो रहा है तो सेंधा नमक तुरंत राहत देने में मदद करता है. इसके लिए 5 ग्राम सेंधा नमक जिसे लाहोरी नमक भी कहते हैं और 15 ग्राम साफ पानी को एक साफ सीसी में घोल बनाकर एक- एक बूंद आंखों में डालने से बिच्छू का जहर तुरंत उतर जाता है और दर्द छूमंतर हो जाता है
📖 गुरु भक्ति योग_ 🕯️
एक बार की बात है कि यशोदा मैया प्रभु श्री कृष्ण के उलाहनों से तंग आ गयीं और छड़ी लेकर श्री कृष्ण की ओर दौड़ीं। जब प्रभु ने अपनी मैया को क्रोध में देखा तो वह अपना बचाव करने के लिए भागने लगे।भागते- भागते श्री कृष्ण एक कुम्हार के पास पहुँचे । कुम्हार तो अपने मिट्टी के घड़े बनाने में व्यस्त था। लेकिन जैसे ही कुम्हार ने श्री कृष्ण को देखा तो वह बहुत प्रसन्न हुआ। कुम्हार जानता था कि श्री कृष्ण साक्षात् परमेश्वर हैं। तब प्रभु ने कुम्हार से कहा कि ‘कुम्हारजी, आज मेरी मैया मुझ पर बहुत क्रोधित हैं। मैया छड़ी लेकर मेरे पीछे आ रही हैं। भैया, मुझे कहीं छुपा लो।’ तब कुम्हार ने श्री कृष्ण को एक बड़े से मटके के नीचे छिपा दिया। कुछ ही क्षणों में मैया यशोदा भी वहाँ आ गयीं और कुम्हार से पूछने लगीं- ‘क्यूँ रे, कुम्हार ! तूने मेरे कन्हैया को कहीं देखा है, क्या ?’ कुम्भार ने कह दिया- ‘नहीं, मैया ! मैंने कन्हैया को नहीं देखा।’ श्री कृष्ण ये सब बातें बड़े से घड़े के नीचे छुपकर सुन रहे थे। मैया तो वहाँ से चली गयीं। अब प्रभु श्री कृष्ण कुम्हार से कहते हैं- ‘कुम्हारजी, यदि मैया चली गयी हो तो मुझे इस घड़े से बाहर निकालो।’
कुम्भार बोला- ‘ऐसे नहीं, प्रभु जी ! पहले मुझे चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो।’ भगवान मुस्कुराये और कहा- ‘ठीक है, मैं तुम्हें चौरासी लाख योनियों से मुक्त करने का वचन देता हूँ। अब तो मुझे बाहर निकाल दो।’ कुम्हार कहने लगा- ‘मुझे मुझे चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो।’ भगवान मुस्कुराये और कहा- ‘ठीक है, मैं तुम्हें चौरासी लाख योनियों से मुक्त करने का वचन देता हूँ। अब तो मुझे बाहर निकाल दो।’ कुम्हार कहने लगा- ‘मुझे अकेले नहीं, प्रभु जी ! मेरे परिवार के सभी लोगों को भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करने का वचन दोगे तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकालूँगा।’ प्रभु जी कहते हैं- ‘चलो ठीक है, उनको भी चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त होने का मैं वचन देता हूँ। अब तो मुझे घड़े से बाहर निकाल दो।’
अब कुम्हार कहता है- ‘बस, प्रभु जी ! एक विनती और है। उसे भी पूरा करने का वचन दे दो तो मैं आपको घड़े से बाहर निकाल दूँगा।’ भगवान बोले- ‘वो भी बता दे, क्या कहना चाहते हो ?’ कुम्भार कहने लगा- ‘प्रभु जी ! जिस घड़े के नीचे आप छुपे हो, उसकी मिट्टी मेरे बैलों के ऊपर लाद के लायी गयी है। मेरे इन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त करने का वचन दो।’ भगवान ने कुम्हार के प्रेम पर प्रसन्न होकर उन बैलों को भी चौरासी के बन्धन से मुक्त होने का वचन दिया।’
प्रभु बोले- ‘अब तो तुम्हारी सब इच्छा पूरी हो गयीं, अब तो मुझे घड़े से बाहर निकाल दो।’
तब कुम्हार कहता है- ‘अभी नहीं, भगवन ! बस, एक अन्तिम इच्छा और है। उसे भी पूरा कर दीजिये और वो ये है- जो भी प्राणी हम दोनों के बीच के इस संवाद को सुनेगा, उसे भी आप चौरासी लाख योनियों के बन्धन से मुक्त करोगे। बस, यह वचन दे दो तो मैं आपको इस घड़े से बाहर निकाल दूँगा।’
कुम्भार की प्रेम भरी बातों को सुन कर प्रभु श्री कृष्ण बहुत खुश हुए और कुम्हार की इस इच्छा को भी पूरा करने का वचन दिया।
फिर कुम्हार ने बाल श्री कृष्ण को घड़े से बाहर निकाल दिया। उनके चरणों में साष्टांग प्रणाम किया। प्रभु जी के चरण धोये और चरणामृत पीया। अपनी पूरी झोंपड़ी में चरणामृत का छिड़काव किया और प्रभु जी के गले लगाकर इतना रोये कि प्रभु में ही विलीन हो गये।
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⚜️ प्रजापति व्रत दूज को ही किया जाता है तथा किसी भी नये कार्य की शुरुआत से पहले एवं ज्ञान प्राप्ति हेतु ब्रह्माजी का पूजन अवश्य करना चाहिये। वैसे तो मुहूर्त चिंतामणि आदि ग्रन्थों के अनुसार द्वितीया तिथि अत्यन्त शुभ फलदायिनी तिथि मानी जाती है। परन्तु श्रावण और भाद्रपद मास में इस द्वितीया तिथि का प्रभाव शून्य हो जाता है। इसलिये श्रावण और भाद्रपद मास कि द्वितीया तिथि को कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिये।